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Sonbhadra : शौच करने गई नाबालिग से गैंगरेप के दोषी को उम्रकैद, नाबालिग अपचारी को सुनाई गई 20 वर्ष कठोर कैद की सजा
Sonbhadra News: ओबरा थाना क्षेत्र से जुड़े छह साल पुराने इस मामले की मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने फाइनल सुनवाई की गई।
Sonbhadra News : शौच करने गई नाबालिग को झाड़ियों में खिंचकर सामूहिक दुष्कर्म किए जाने के मामले में जहां वयस्क दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वहीं, वारदात के वक्त नाबालिग रहे आरोपी को 20 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। ओबरा थाना क्षेत्र से जुड़े छह साल पुराने इस मामले की मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने फाइनल सुनवाई की गई।
जानिए किस दोषी को कितनी सुनाई गई सजा‘
मामले में पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयान के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया। नाबालिग से दुष्कर्म के अपराध के लिए जहां दोषी हीरालाल को उम्रकैद के साथ 30 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। अर्थदंड की धनराशि जमा होने पर उसमें से 25 हजार पीड़िता को प्रदान किए जाने के आदेश दिए गए।
वहीं, इस वारदात के दूसरे दोषी रवि उर्फ बड़क (जो घटना के वक्त नाबालिग था) के लिए 20 वर्ष की कठोर कैद मुकर्रर की गई। साथ ही 10 हजार रुपये अर्थदंड निर्धारित किया गया। अर्थदंड न अदा करने पर, तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश दिया गया। वहीं अर्थदंड जमा होने की दशा में उसमें से आठ हजार पीड़िता को प्रदान किए जाने के आदेश दिए गए।
यह था मामला, जिसको लेकर आया फैसला
प््रकरण ओबरा थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। पीड़िता की मां ने 17 अगस्त 2023 को ओबरा पुलिस को एक तहरीर सौंपी थी। इसके जरिए पुलिस को अवगत कराया था कि उसकी 13 वर्षीय पुत्री 16 अगस्त 2023 की शाम 6 बजे सहेली के साथ शौच के लिए निकली हुई थी। रास्ते में हीरालाल पुत्र बच्चालाल यादव और रवि उर्फ बड़क पुत्र लक्ष्मी प्रसाद गुर्जर निवासी बैरपुर, टोला सागरदह , थाना ओबरा ने उसे पकड़ लिया और उसे जबरिया पास की झाड़ी में खिंचकर सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने मामले में दुष्कर्म की धाराओं के साथ ही पास्को एक्ट का केस दर्ज कर छानबी की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित कर दी।
पास्को एक्ट करता है 16 वर्ष से ऊपर के आरोपियों की सुनवाई
प्रकरण में आरोपी रवि चूंकि किशोर था इसलिए उसकी किशोर न्यायालय को भेजी गई थी लेकिन चूंकि दुष्कर्म के मामले 16 वर्ष से 18 वर्ष के बीच के आरोपी से जुड़े मामले की भी सुनवाई का अधिकार पाक्सो कोर्ट के पास होने के कारण, रवि से जुड़े मामले की भी सुनवाई पाक्सो कोर्ट की तरफ से पाई गई और दोषी पाते हुुए हीरालाल को जहां उम्रकैद, वहीं, रवि को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अभियोजन की ओर से सरकारी अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने प्रकरण की पैरवी की।