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Sonbhadra Exclusive: बालू खनन के मामले को लेकर PCCF भोपाल और MP स्टेट ने NGT में दाखिल की ताजा रिपोर्ट, यूपी को भी दिए गए निर्देश

Sonbhadra Exclusive: यूपी-एमपी सीमा पर ठटरा में सोन नदी की धारा में बालू खनन के मामले को लेकर, एनजीटी में दाखिल की गई ताजा रिपोर्ट में जहां नदी की मुख्य धारा में बालू खनन की पुष्टि की गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 2 Dec 2023 7:56 PM IST
PCCF Bhopal and MP State filed latest report in NGT regarding sand mining issue, instructions given to UP also
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बालू खनन के मामले को लेकर PCCF भोपाल और MP स्टेट ने NGT में दाखिल की ताजा रिपोर्ट, यूपी को भी दिए गए निर्देश: Photo- Newstrack

Sonbhadra Exclusive: यूपी-एमपी सीमा पर ठटरा में सोन नदी की धारा में बालू खनन के मामले को लेकर, एनजीटी में दाखिल की गई ताजा रिपोर्ट में जहां नदी की मुख्य धारा में बालू खनन की पुष्टि की गई है। वहीं, एनजीटी की प्रधान पीठ ने दो सप्ताह के भीतर संबंधितों को इस रिपोर्ट पर आपत्ति और यूपी सरकार से, इसके लिए अधिकृत व्यक्ति से दो सप्ताह के भीतर, मौके के स्थिति की रिपोर्ट तलब की गई है। मामले की अगली सुनवाई सात फरवरी को की जाएगी।

एनजीटी ने एमपी-यूपी के संबंधितों से अलग-अलग मांगी थी रिपोर्ट

बताते चलें कि सोन-घड़ियाल सेंच्युरी के नियमों के दरकिनार कर यूपी-एमपी सीमा पर बालू खनन के साथ ही नदी की धारा को अवरूद्ध कर, मुख्य धारा में बालू खनन का आरोप लगाते हुए, एनजीटी में याचिका दाखिल की गई थी। एमपी की तरफ से आवंटित पट्टे की आड़ में यूपी में खनन का आरोप भी लगाया गया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की तरफ से उठाए गए इस सवालों को दृष्टिगत रखते हुए एनजीटी की प्रिंसिपल बेंच की ओर से, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के संबंधित अधिकारियों-विभागों से मौके के सही स्थिति के बाबत रिपोर्ट तलब की गई थी। सभी से अलग-अलग रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था। हिदरायत दी थी कि सोन-घड़ियाल सेंचुरी की सीमा और खनन स्थल से दूरी का स्पष्ट उल्लेख करते हुए, मौके का देशांतर-अक्षांश के साथ मानचित्रपरक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

Photo- Newstrack

खनन पट्टा स्थल और नदी में बना रेत पुल मुख्य प्रवाह में डूबा मिला

गत पांच अक्टूबर को दिए गए निर्देश के क्रम में एमपी के वन्य जीव वार्डन भोपाल और एमपी फारेस्ट की तरफ से दाखिल की गई रिपोर्ट में बताया गया कि उत्तर प्रदेश राज्य की सीमा ही सोन घड़ियाल अभयारण्य की सीमा है। अधिसूचित पारिस्थितिकी-संवेदनशील का विस्तार जोन सोन घड़ियाल अभयारण्य की सीमा से महज एक किमी दूर है जो मध्य प्रदेश की सीमा के अंतर्गत आता है। वहीं, स्वीकृत खदान की न्यूनतम दूरी घड़ियाल अभयारण्य और इको सेंसिटिव जोन की सीमा से 1890 मीटर है। रिपोर्ट में बताया गया है किमौके की स्थिति जांचने के लिए खनिज पट्टा स्थल और नदी में बनाए गए रेत पुल प्रवाह में डूबे पाए गए। चूंकि खनिज पट्टा स्थल सोन नदी के प्रवाह में डूब गया था। इससे यह स्पष्ट है कि यह स्थल मुख्य धारा पर स्थित था।

Photo- Newstrack

रिपोर्ट पर हो किसी को आपत्ति तो दो सप्ताह में करें दाखिल

एनजीटी ने इस मामले की गत 30 नवंबर को सुनवाई की। एमपी स्टेट और वन्व जीव वार्डन की तरफ से दाखिल रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए प्रधान पीठ ने कहा कि किसी भी पक्ष को इस रिपोर्ट पर कोई आपत्ति हो तो वह भी इसे दो सप्ताह के भीतर दाखिल कर दें। वहीं यूपी सरकार की तरफ से रिपोर्ट दाखिल करने की मोहलत मांगी गई। इस पर बेंच ने यूपी सरकार के संबंधित अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर हर हाल में रिपोर्ट दाखिल करने की हिदायत दी।



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Shashi kant gautam

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