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Sonbhadra News: यूपी से एमपी तक फैला मिला परमिट फर्जीवाड़े का रैकेट, छठी गिरफ्तारी से हड़कंप, कुल 22 नाम चिन्हित

Sonbhadra News: 2 माह के भीतर छठवीं गिरफ्तारी से, इससे जुड़े रैकेट में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में अब तक 22 नाम चिन्हित किए जा चुके हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 3 Jan 2024 11:30 AM IST (Updated on: 3 Jan 2024 4:46 PM IST)
Sonbhadra News
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Sonbhadra News  (photo: social media )

Sonbhadra News: फर्जी परमिट के जरिए गिट्टी लदे वाहनों के परिवहन और सरकारी खजाने को चपत लगाने के मामले को लेकर जहां यूपी से एमपी तक परमिट फर्जीवाड़े का रैकेट संचालित होने का बड़ा मामला सामने आया है। वहीं, 2 माह के भीतर छठवीं गिरफ्तारी से, इससे जुड़े रैकेट में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में अब तक 22 नाम चिन्हित किए जा चुके हैं। इसमें कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें गिट्टी-बालू परिवहन से जुड़े ट्रांसपोर्टिंग सेक्टर में बड़ा नाम माना जाता है।

नवंबर में हुई छापेमारी ने किया था रैकेट का खुलासा:

परमिट फर्जीवाड़े से जुड़े रैकेट को लेकर पहला खुलासा गत 8 नवंबर को सामने आया था। जिला पंचायत बैरियर पर ट्रकों को फर्जी परमिट बांटने में लगे, इस गिरोह से जुड़े दो लोगों को दबोचने के बाद, उनसे मिली जानकारी के आधार पर डाला क्षेत्र के बाड़ी में छापेमारी की गई तो एक कमरे में मौजूद इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के जरिए पूरे रैकेट संचालन का जो खेल सामने आया उसने पुलिस और प्रशासनिक अमले के साथ ही जिले के सियासी जगत को एक बारगी हिला कर रख दिया। दबाव और दांव-पेंच पर कप्तान की सख्ती भरी पड़ी और ओबरा थाने में मामला दर्ज कर पांचों आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

छानबीन में मध्य प्रदेश से होता मिला रैकेट का संचालन :

मामले में पांच व्यक्तियों की गिरफ्तारी, कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की बरामदगी के बाद छानबीन में सामने आया कि पूरे रैकेट का संचालन मध्य प्रदेश से किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के रहने वाले शिवम दुबे जिसे गिरोह का लीडर बताया जा रहा है, के जरिए डाला में बैठे लोगों को मध्य प्रदेश से जुड़ी आईडी और पासवर्ड हासिल होती है। वहीं, सोनभद्र में मौजूद नेटवर्क के जरिए सोनभद्र का आईडी-पासवर्ड हासिल किया जाता है। इसके जरिए एमपी और यूपी दोनों जगह का फर्जी परमिट बनाकर गिट्टी-बालू लदे वाहनों को पास कराया जाता है। पुलिस की छानबीन में यह भी सामने आया है कि यह ग्रुप सिर्फ परमिट बनाने का ही काम नहीं करता है बल्कि इसके ग्राहकों को खोजने और खनन बैरियर से फर्जी परमिट वाली गाड़ियों को सुरक्षित पास करने का भी काम करता है।

डेढ़ माह बाद छठवीं गिरफ्तारी ने मचाया हड़कंप:

पांच व्यक्तियों की पहली बार में गिरफ्तारी के लगभग डेढ़ माह बाद, चर्चित बालू-गिट्टी ट्रांसपोर्टर महेंद्र कुमार पाठक उर्फ पेंटा पाठक निवासी सिंदुरिया, थाना चोपन के रूप में मंगलवार की रात छठवीं गिरफ्तारी सामने आई तो परमिट के इस खेल से जुड़े पूरे रैकेट में हड़कंप मच गया। वहीं अब अगली गिरफ्तारी किसकी होती है, इस पर लोगों की निगाहें टिक सी गई हैं।

अब तक इन-इन का नाम हो चुका है चिन्हित :

मध्य प्रदेश के सिंगरौली निवासी मनीष दुबे, सोनभद्र के डाला निवासी राकेश कुमार सिंह, वरुण त्रिपाठी, राजेश पटेल, अशोक कुमार मिश्र, चोपन निवासी आशीष साहनी, सरफराज, चिरहुली निवासी दिनेश पांडेय, सिंदुरिया निवासी पेंटा पाठक, करगरा निवासी अजय पाठक, केवटा निवासी सुभाष पांडेय, सलखन निवासी विकास पटेल, महुआंव निवासी कमलेश उर्फ नेता यादव, अवधेश उर्फ बुल्लू यादव, चौरा निवासी पंकज यादव, मारकुंडी निवासी रोहित केशरी, शीतल यादव, सुरेश गुप्ता, भीम यादव, स्टैंडर्ड होटल इमरती कॉलोनी के पीछे रहने वाले तेजू यादव, बृजेश यादव और छपका निवासी एक व्यक्ति को चिन्हित किया गया है।

कप्तान की न होती सख्ती तो शायद मैनेज हो जाता मामला :

मंगलवार की रात पुलिस की तरफ से गिरफ्तारी को लेकर सूचना सार्वजनिक की गई लेकिन छोटे से छोटे मामले में आरोपी के गिरफ्तारी की तस्वीर सार्वजनिक करने वाली पुलिस की तरफ से पेंटा पाठक की गिरफ्तारी की तस्वीर सामने नहीं आई तो लोगों में चर्चाएं शुरू हो गई। । कई लोगों ने ओबरा पुलिस से संपर्क भी साधा लेकिन कोई जवाब नहीं मिल पाया। लोगों का कहना था कि जिस तरह से इस रैकेट में कई बड़े ट्रांसपोर्टरों के नाम सामने आए हैं और सियासी दखलंदाजी की भी बात सुनने को मिल रही है। उसको देखते हुए यह चर्चा है कि पुलिस को इस मामले में खासा दबाव झेलना पड़ रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर इस मामले में पुलिस कप्तान की सख्ती न होती तो शायद मामला अब तक मैनेज हो चुका होता।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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