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Sonbhadra News: नाबालिग से दुष्कर्म, गर्भ ठहरने पर जबरिया दवा खिलाने के दोषी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास, 1.28 लाख अर्थदंड

Sonbhadra News: अदालत ने आठ वर्ष पुराने इस मामले दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी शशि नाई उर्फ कलुआ को 20 वर्ष के कठोर कैद के साथ ही एक लाख 28 हजार अर्थदंड से दंडित किया।

Kaushlendra Pandey
Published on: 6 July 2024 8:33 PM IST
20 years rigorous imprisonment, 1.28 lakh fine to the accused of raping a minor
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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास, 1.28 लाख अर्थदंड: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: नाबालिग के साथ एक वर्ष के भीतर कई बार जबरिया दुष्कर्म करने, गर्भ ठहरने पर जबरिया दवा खिलाने के दोषी को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। मामला पिपरी थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। आठ वर्ष पुराने इस मामले की शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दोषी शशि नाई उर्फ कलुआ को 20 वर्ष के कठोर कैद के साथ ही एक लाख 28 हजार अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दोषी को तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

अभियोजन कथानक के मुताबिक मार्च 2016 में एक महिला ने पिपरी थाने पहुंचकर तहरीर दी। बताया कि उसकी बेटी के साथ पिपरी थाना क्षेत्र के शिवा पार्क, रेणुकूट निवासी शशि नाई उर्फ कलुआ पुत्र रमेश नाई ने करीब एक साल तक अवैध संबंध बनाए रखा। तीन माह का गर्भ ठहरने पर, उसे जबरिया दवा खिला दी। इसके चलते आठ मार्च 2016 को वह घर आकर बेहोश हो गई। उसे हिंडाल्को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसे तीन माह का मृत बच्चा पैदा हुआ। किसी तरह बेटी की जान बची। आरोपी के बहन की भी इसमें भूमिका बताई गई।

20 मार्च 2016 को दर्ज हुई थी एफआईआर

मामले में पिपरी पुलिस ने 20 मार्च 2016 को एफआईआर दर्ज किया और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। लगभग आठ साल तक चली सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया।

दोषसिद्ध पाकर शशि नाई को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और एक लाख 28 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद, एक लाख पीड़िता को दिया जाएगा। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने की।



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Shashi kant gautam

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