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Sonbhadra News: यूपी-छत्तीसगढ़ सीमा पर विलुप्तप्राय पैंगोलिन की तस्करी, पिता-पुत्र सहित चार दबोचे गए, गहन छानबीन में जुटा वन महकमा

Sonbhadra Top News: बीजपुर थाना क्षेत्र के महरी कला स्थित गांव में एक घर में विलुप्त प्राय माने जाने वाले वन्य जीव पैंगोलिन को छुपाकर रखा गया था और उसे तस्करों को सौंपने की तैयारी की जा रही थी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 2 Jan 2025 4:31 PM IST
Sonbhadra Police Arrested Smuggling Endangered Pangolin
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Sonbhadra Police Arrested Smuggling Endangered Pangolin

Sonbhadra News in Hindi: सोनभद्र । छत्तीसग़ढ़ सीमा से सटे रेणुकूट वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले जरहां रेंज में पैंगोलिन तस्करी का मामला सामने आया है। स्थानीय स्तर पर तस्करी से जुड़े लोग पकड़े गए पैंगोलिन को तस्करों के हाथों सौंप पाते, इससे पहले, पिता-पुत्र सहित चार को दबोच कर वन महकमे की टीम ने पैंगोलिन को मुक्त करा लिया। आरोपियों से पूछताछ के बाद, वन अधिनियम 1973 की धारा 9/51 के तहत कार्रवाई करते हुए उनका चालान कर दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैंगोलिन तस्करी से जुड़े रैकेट के तार किस तरह से स्थानीय स्तर पर जुड़े हुए हैं, वन महकमे की टीम इसको लेकर छानबीन में जुटी हुई है।

ऐसे पकड़ में आया मामला, कमरे में रस्सी से बंधा मिला पैंगोलिनः

बताते हैं कि किसी ने जरहां रेंजर राजेश सिंह को बुधवार को सूचना दी कि, बीजपुर थाना क्षेत्र के महरी कला स्थित गांव में एक घर में विलुप्त प्राय माने जाने वाले वन्य जीव पैंगोलिन को छुपाकर रखा गया है और उसे तस्करों को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इस सूचना पर विश्वास कर रेंजर की अगुवाई और वन दरोगा शिव मंगल, श्याम लाल, लव लेश सिंह, अमित कुमार शाह, राहुल, आलोक यादव आदि वनकर्मियों की मौजूदगी वाली टीम ने महरी कला में छापेमारी की तो एक कमरे में अंधेरे में रस्सी से बांध कर पैंगोलिन रखा देख उनकी आंखें हैरत से फटी रह गईं। तत्काल वन्य जीव को मुक्त कराते हुए कब्जे में ले लिया गया। वहीं मौके पर शिवचंद गुप्ता पुत्र दशरथ, उसके पुत्र लवकुश, राजेंद्र बैगा पत्र सोमारू, अर्जुन बैगा पुत्र रिक्खन बैगा निवासी महरी कला को दबोच लिया गया। पूछताछ के बाद बृहस्पतिवार की दोपहर बाद वन अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए, चारों आरोपियों का चालान कर दिया गया।

आरोपियों को लंबे समय से तस्करी में शामिल होने का जताया जा रहा शकः

बताते चलें कि जहां डेढ़ वर्ष पूर्व दुर्लभ वन्य जीव पैंगोलिन की बभनी में मौजूदगी सामने आई थी। उसे एक दुकान के अंदर पाया गया था जिसे वन महकमे की टीम ने सुरक्षित जंगल क्षेत्र में ले जाकर छोड दिया। वहीं, सीमा से सटे छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्यप्रदेश के सिंगरौली के जंगल से जब-तब पैंगोलिन तस्करी का मामला आता रहता है। मार्च 2024 में सिंगरौली से पैंगोलिन की तस्करी करते वक्त चार लोग दबोचे गए थे। चूंकि पैगोलिन की अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में काफी मांग और इसकी कीमत भी लाखों में है। इसको देखते हुए शक जताया जा रहा है कि आरोपी इससे पूर्व भी पैंगोलिन या अन्य दुर्लभ वन्य जीवों की तस्करी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि रेंजर राजेश सिंह का कहना है कि फिलहाल आरोपी पहली बार तस्करी की बात कह रहे हैं लेकिन जिस तरह से उनकी गतिविधियां सामने आई हैं, उससे पूरी संभावना है कि पूर्व में इनकी तरफ से तस्करी का कार्य किया गया है। कहा कि पूरे मामले की गहन छानबीन जारी है।

एशियाई देशों में पैंगोलिन को लेकर है बड़ा मिथक:

बताते हैं कि अफ्रीका के साथ ही, भारत के घने जंगलों में पाए जाने वाले इस दुर्लभ वन्य जीव को लेकर कई मिथक जुड़े हैं। चीन सहित कई देशों में मान्यता है कि पैंगोलिन का मांस खाने से ताकत बढ़ती है। हालांकि वैज्ञानिक रूप से इसको लेकर कोई अधिकृत प्रमाण नहीं है। बावजूद, चीन में जहां प्रसव के बाद महिलाओं कों इसका मांस खिलाए जाने पर जोर दिया जाता है। वहीं, विदेशा में सेक्सपावर बढ़ोत्तरी के लिए भी इसके मांस की मांग काफी ज्यादा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दवाओं के लिए भी इसका खासा उपयोग किया जाता है। यहीं कारण है कि दिन ब दिन पैंगोलिन की तस्करी बढ़ती जा रही है।



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