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Sonbhadra News: राममंदिर कालोनी से जुड़े फर्जी परमिट रैकेट के तार, क्रशर व्यवसायी का भाई गिरफ्तार
Sonbhadra News: फर्जी परमिट पर गिट्टी ढुलाई कराने वाले मामले में कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर, विवेचना के दौरान सामने आए खनन व्यवसायी की गिरफ्तारी भी कर ली। पूछताछ के बाद संबंधित धाराओं और एक्ट के तहत चालान कर दिया गया।
Sonbhadra News: ओबरा-डाला क्षेत्र में सक्रिय फर्जी परमिट पर गिट्टी ढुलाई कराने वाले रैकेट के तार ओबरा के राममंदिर कालोनी से जुड़े पाए गए हैं। माह भर पूर्व खनन महकमे की तरफ से दो क्रशर प्लांट संचालकों सहित अन्य के खिलाफ राबटर्सगंज कोतवाली में दर्ज कराए गए केस में, ओबरा के रहने वाले एक प्रतिष्ठित क्रशर व्यवसायी के भाई का नाम सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। बृहस्पतिवार को कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर, विवेचना के दौरान सामने आए खनन व्यवसायी की गिरफ्तारी भी कर ली। पूछताछ के बाद संबंधित धाराओं और एक्ट के तहत चालान कर दिया गया।
बताते चलें कि प्रकरण को लेकर गत 19 सितंबर 2024 को राबटर्सगंज कोतवाली में खनन निरीक्षक मनोज कुमार की तरफ से धाारा 61(2)क, 318(4), 319(2), 336(2), 338, 340(2), 303(2), 317(2) बीएनएस 2023 असौर 3(1)58/72(6) उ0प्र0 उपखनिज नियमावली व 4/21 खान खनिज व 3 सार्वजनिक सम्पत्ति निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आरोप था कि वाहन संख्या यूपी 65 डीटी 3991 के वाहन चालक को गुमराह कर कौशल स्टोन डाला से जुड़े संतोष कुमार पुत्र रामखेलावन निवासी चोपन रोड, ओबरा द्वारा बिना परमिट के गिट्टी लोड कराया गया। दावा किया गया कि संतोष कुमार, राकेश पाठक और मेसर्स गायत्री स्टोन वर्क्स बिल्ली मारकुंडी के प्रोपराइटर अमित सिन्हा उर्फ आशु श्रीवास्तव तथा अन्य द्वारा मिलीभगत कर फर्जी परिवहन प्रपत्र ईफार्म-सी बनाया जा रहा है और इसके जरिए उपखनिज गिट्टी की चोरी कर राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है।
17-18 व्यक्तियों का बताया जा रहा पूरा गिरोह
बताते हैं कि जांच आगे बढ़ी तो ओबरा के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी संदीप जिंदल का नाम सामने आया। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक प्रकरण में वांछित पाए गए संदीप जिंदल निवासी राम मंदिर कालोनी ओबरा को उरमौरा तिराहा जायसवाल ढाबे के पास से शहर चौकी इंचार्ज कमलनयन दूबे की अगुवाई वाली टीम ने गिरफ्तार किया। पूछताछ के बाद आरोपी का चालान कर दिया गया। चर्चा है कि फर्जी परमिट के इस रैकेट में 17-18 व्यक्तियों का एक पूरा गिरोह शामिल है। इस गिरोह के जरिए ओबरा-डाला के क्रशर प्लांटों से संपर्क साधकर परमिट उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है। सेटिंग के क्रम में फर्जी परमिट तैयार कर, हर माह लाखों का वारा- न्यारा किया जा रहा है।