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Sonbhadra: बिजलीघरों के लिए आफत बनी बारिश, 20 इकाइयां ठप होने से मची हाय-तौबा

Sonbhadra: बारिश के साथ ही भारी उमस के कारण सितंबर माह में भी बिजली की अधिकतम मांग 24 से 26 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द बनी हुई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 18 Sept 2024 11:54 AM IST
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सोनभद्र में बारिश के चलते 20 इकाइयां ठप (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: भारी बारिश बिजलीघरों के लिए भी आफत बन गई है। एनसीएल की खदानों और कोयले के ढेर में पानी भरने से, बिजलीघरों में गीला कोयला पहुंचने के कारण जहां ओबरा परियोजना सहित तीन परियोजनाओं का उत्पादन शून्य हो गया है। वहीं, पूरे यूपी में आधा दर्जन बिजलीघरों की 20 इकाइयां ठप होने से हायतौबा की स्थिति बनी हुई है।

ओबरा बी और ओबरा सी दोनों परियोजनाओं से उत्पादन ठप

बारिश के साथ ही भारी उमस के कारण सितंबर माह में भी बिजली की अधिकतम मांग 24 से 26 हजार मेगावाट के इर्द-गिर्द बनी हुई है। वहीं, लगातार बारिश के चलते खुली कोयला खदानों में भी पानी भरने की समस्या के कारण बिजलीघरों को गीले कोयले की आपूर्ति होने लगी है। बताते हैं कि एनसीएल से ओबरा परियोजना के लिए पहुंचे गीले कोयले की खेप के कारण ओबरा बी परियोजना की 200-200 मेगावाट वाली पांचों इकाई और ओबरा सी की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई बंद करनी पड़ी। फर्निश आयल के सहयोग से इकाइयों को उत्पादन पर लेने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। परियोजना प्रबंधन के मुताबिक ठप इकाइयों से शीघ्र उत्पादन शुरू हो सके, इसके प्रयास जारी हैं।

हरदुआगंज परियोजना की भी चार यूनिटें ठप होने से उत्पादन शून्य

उधर, यूपी सिस्टम लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के कारण हरदुआगंज विस्तार की 110 मेगावाट वाली पहली यूनिट, हरदुआगंज की 105 मेगावाट वाली सातवीं यूनिट, 250 मेगावाट वाली आठवीं, नौवीं यूनिट बंद होने से यहां भी उत्पादन शून्य हो गया है। रोजा की 300 मेगावाट वाली पहली इकाई, टांडा की 110 मेगावाट वाली पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी इकाई, मेजा की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई से उत्पादन ठप हो गया है।

कई परियोजनाओं की अलग-अलग इकाइयां हुई ठप

शक्तिनगर स्थित एनटीपीसी सिंगरौली की 200 मेगावाट पहली यूनिट, जवाहरपुर की 660 मेगावाट वाली पहली यूनिट विभिन्न कारणों से ठप हो गई है। वहीं बीजपुर स्थित एनटीपीसी रिहंद की 500 अक्टूबर की पहली यूनिट और ऊंचाहार की 210 मेगावाट वाली पांचवीं यूनिट 11 अक्टूबर तक के लिए अनुरक्षण पर ले ली गई है। हालात को देखते हुए सिस्टम कंट्रोल को जहां महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। वहीं, पीक आवर में आपात कटौती का सहारा लिया जाने लगा है।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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