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Sonbhadra News: रामजतन हत्याकांड, हाईकोर्ट ने तलब की जांच की प्रगति, क्राइम ब्रांच कर रही विवेचना
Sonbhadra News: हाईकोर्ट की तरफ से, विवेचना की प्रगति से अवगत कराने के लिए कहा गया है। प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए 12 मई की तिथि मुकर्रर की गई है।
Sonbhadra News (Image From Social Media)
Sonbhadra News: शक्तिनगर थाना क्षेत्र के चर्चित रामजतन हत्याकांड की गुत्थी चार माह बाद भी नहीं सुलझ पाई है। परिवार के लोग जहां प्रकरण में पुलिस पर उदासीनता बरतने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, मृतक के भाई और खड़िया ग्राम पंचायत की तरफ से एसपी और गृह सचिव को भेजी गई शिकायत के बाद, मामले की जांच एसपी अशोक कुमार मीणा की तरफ से क्राइम ब्रांच को गत जनवरी माह में ही सौंप दी गई है। अब इस मामले में पीड़ित पक्ष की गुहार पर, हाईकोर्ट की तरफ से, विवेचना की प्रगति से अवगत कराने के लिए कहा गया है। प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए 12 मई की तिथि मुकर्रर की गई है।
- यह है प्रकरण, जिसको लेकर हाईकोर्ट हुई गंभीर:
गत दिसंबर माह में खड़िया प्रधान विजय कुमार गुप्ता ने एसपी और गृह सचिव को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि उसके रामजतन चार नवंबर 2024 को प्रतिदिन की तरह अपने खेत पर गए थे। रात साढ़े आठ बजे, उनके पड़ोसी रोहित गुप्ता से जानकारी मिली कि उनकी बाइक रेलवे ट्रैक के पास खड़ी है लेकिन वह दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसके बाद मोबाइल पर कॉल की गई लेकिन स्वीच्ड आफ मिला। त बवह अपने परिवार वालों के साथ भाई को ढूंढ़ने गए तो देखा कि वह रेलवे ट्रैक के किनारे लहूलुहान हालत में पड़े हुए थे। परिवार के लोग उन्हें लेकर एनटीपीसी के शक्तिगर स्थित संजीवनी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
- विशेष जांच दल गठित कर निष्पक्ष विवेचना की उठाई गई थी मांगः
इस शिकायत में प्रधान विजय कुमार गुप्ता का कहना था कि डॉक्टरों से जानकारी मिली कि गंभीर चोटों के कारण उनके भाई की मौत हुई। काफी दबाव के बाद इस मामले में शक्तिनगर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के दौरान शव से छेड़छाड़ की गई और घटना को आत्महत्या प्रदर्शित करने का प्रयास दिखाने का प्रयास किया गया। बाद में, इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ने हस्तक्षेप किया तब मामले में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई। दावा किया गया कि मृतक का सामान, जैसे चश्मा-मोबाइल आदि चीजों का परिजनों को सही विवरण नहीं दिया गया। की गई शिकायत में स्थानीय पुलिस की तरफ से प्रकरण की जांच में लीपापोती की आशंका जताई गई। मामले में विशेष जांच दल गठित कर निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की गई थी।
- जांच की प्रगति के साथ दाखिल करना होगा जवाबी हलफनामाः
प्रकरण में पुलिस की तरफ कोई खास इनपुट न मिलता देख, पीड़ित पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की गुहार लगाई गई। वहां मामले की न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरि की बेंच ने सुनवाई की। विद्वान एजीए की तरफ से बेंच को अवगत कराया गया कि मामले में 14 जनवरी, 2025 को पुलिस अधीक्षक की तरफ से जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित करते हुए आगे की जांच का आदेश दिया गया है। प्रकरण और तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए बेंच ने प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 12 मई 2025 की तिथि तय की और संबंधित तिथि जांच अधिकारी का जवाबी हलफनामा दायर करते हुए, जांच की प्रगति के बारे में अवगत कराने के लिए कहा गया।