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Sonbhadra News: घर में घुसकर महिला से किया था दुष्कर्म-मारपीट, दोषी को सुनाई गई 10 वर्ष की कैद की सजा

Sonbhadra Crime News: प्रकरण जुगैल थाना क्षेत्र से जुडा हुआ है। आरोप था कि थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला घर में अकेली थी और उसका पति 15 दिन से काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था। घटना तीन फरवरी 2018 की है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 20 Jan 2025 7:22 PM IST
Sonbhadra News Today Rape and Assault Case Court Culprit Sentenced to 10 Years Imprisonment
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Sonbhadra News Today Rape and Assault Case Court Culprit Sentenced to 10 Years Imprisonment

Sonbhadra News in Hindi: सोनभद्र, जुगैल थाना क्षेत्र में महिला को अकेली पाकर, उसके घर में दुष्कर्म करने, विरोध पर मारपीट करने के मामले में दोषी को 10 वर्ष के कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। सात वर्ष पुराने इस मामले को लेकर सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू अर्चना रानी की अदालत ने फाइनल सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों, गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर दोष सिद्ध पाया गया। इसके लिए दोषी डब्लू को 10वर्ष की कठोर कैद के साथ ही 10 हजार अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई। अर्थदंड न दिए जाने की दशा में दो माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।

वारदात के वक्त पति गया था बाहर, महिला घर में थी अकेली:

प्रकरण जुगैल थाना क्षेत्र से जुडा हुआ है। आरोप था कि थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला घर में अकेली थी और उसका पति 15 दिन से काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था। घटना तीन फरवरी 2018 की है। उसके ससुर भी बाहर गए हुए थे। आरोप है कि दोपहर 12 बजे के करीब डब्लू पुत्र रामप्रसाद निवासी जुगैल टोला लोलहवा, थाना जुगैल मौका पाकर पीड़िता के घर में घुस गया और उसे अकेला पाकर उसके साथ जबरिया दुष्कर्म किया। विरोध पर उसके साथ मारपीट की। शोरगुल मचाने पर पास-पड़़ोस के लोग पहुंचे तो आरोपी भाग निकला।

धारा 376 के तहत पाया गया दोषी, सुनाई गई सजा:

तहरीर के आधार पर जुगैल पुलिस ने धारा 376, 323, 506 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर मामले की विवेचना की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। लगभग सात साल तक चली सुनवाई के बाद दोष सिद्ध पाया गया और इसके लिए दोषी को कठोर कैद के साथ ही अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड जमा होने के बाद, उसमें से आधी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया गया है। अभियोजन की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी की तरफ से की गई। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक आरोपी को धारा 376 आईपीसी के तहत दोषी पाते हुए सजा सुनाई गई है। वहीं, धारा 323, 506 आईपीसी के अपराध के लिए दोषमुक्त कर दिया गया है।



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