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Sonbhadra News: झारखंड से सटे इलाके में इमारती लकड़ियों की तेजी से कटान, लगातार गायब हो रहे पेड़, तस्वीरें-वीडियो वायरल

Sonbhadra News: शिकायत में एक ही रेंज लंबे समय से तैनात एक वनकर्मी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। पूर्व में की गई शिकायतों के निस्तारण पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की गुहार लगाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 9 Nov 2024 7:17 PM IST
Sonbhadra News ( Pic- News Track)
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Sonbhadra News ( Pic- News Track)

Sonbhadra News: रेणुकूट वन प्रभाग के अंतर्गत आने वाले विंढमगंज वन एरिया में झारखंड से सटे इलाके में तेजी से हो रही इमारती लकड़ियों के कटान से लोगाें में नाराजगी है। इसको लेकर ग्रामीणों की तरफ से जहां, हाल के दिनों की तस्वीरें-वीडियो वायरल की गई हैं। वहीं, मुख्यमंत्री, वन मंत्री, मुख्य वन संरक्षक, प्रभागीय वनाधिकारी सहित अन्य को शिकायती पत्र भेज कार्रवाई की गई है। शिकायत में एक ही रेंज लंबे समय से तैनात एक वनकर्मी की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। पूर्व में की गई शिकायतों के निस्तारण पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय जांच की गुहार लगाई गई है।


कागजी आख्या से शिकायतों से निस्तारण का आरोप

दर्जनों बीघे वन भूमि पर कब्जे और वन क्षेत्र से होने वाली बालू ढुलाई को लेकर कथित वसूली की शिकायत तो की ही गई है। वन रेंज के कई हिस्सों से सागौन, खैर, शीशम आदि के पेड़ों की कटान कर बेशकीमती लकड़ियों के तस्करी का आरोप लगाया गया है। कटान की तस्वीरें-वीडियो वायरल करत हुए ग्रामीणों ने दावा किया है कि इसको लेकर कई बार शिकायतें की गईं लेकिन मामले को लेकर गहनता से जांच करने की बजाय, शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है कि कागजी आख्या भेजकर प्रकरण का निस्तारण कर दिया जा रहा है।


दो राज्यों से सटी सीमा होने के कारण स्थितियां खासी संवेदनशील

विंढमगंज वन रेंज की एरिया झारखंड और छत्तीसगढ़ से जुड़ी हुई है। इस एरिया से पेड़ों की कटान और बेशकीमती लकड़ियों के तस्करी की भी शिकायतें अक्सर सामने आती रहती है। वन क्षेत्र से जुड़ी एरिया से बालू खनन-परिवहन को लेकर कई बार खासा बवाल हो चुका है। बावजूद ग्रामीणों की शिकायतों पर संजीदगी दिखाते हुए गहन जांच और पेड़ों की कटान पर प्रभावी रोक क्यूं नहीं लग पा रही, यह सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कई शिकायतों के बावजूद कुछ वनकर्मियों की लंबे समय से एक क्षेत्र में मौजूदगी भी लोगों के बीच खासी बतकही का सबब बनी हुई है।


नहीं मिल पाया प्रकरण को लेकर जवाब

मामले को लेकर विंढमगंज रेंजर इमरान खान से संपर्क साधा गया तो उनका कहना था कि वह तीन महीने के विभागीय प्रशिक्षण के लिए बाहर हैं। डिप्टी रेंजर सर्वेश सिंह से फोन पर संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। बताते चलें कि फारेस्ट सर्वे में जहां पूर्व में जंगल की एरिया घटने की बात सामने आ चुकी है। वहीं, सीमा से सटा विंढमगंज, बभनी और म्योरपुर लंबे समय से लकड़ी तस्करों का ठिकाना बना रहा है। वन प्रभाग क्षेत्र में संचालित आरा मशीनों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा चुके हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता को भी आवाज उठाने की कीमत अदालतों का चक्कर लगाकर अदा करनी पड़ी है।



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Shalini Rai

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