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Sonbhadra News: बड़ा आरोप: सुपुर्दगी में सौंपे गए गोवंश पहुंच गए पशु तस्करों के पास, एएसपी को सौंपी गई जांच
Sonbhadra News: मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसपी की तरफ से इस मामले में एएसपी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। बताया जा रहा है कि एएसपी ने इसकी जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है।
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Sonbhadra News: गोवंश की तस्करी को लेकर लगातार बरती जा रही सख्ती और गो तस्करों पर आए दिन हो रही गैंगस्टर की कार्रवाई की बीच, पुलिस की ओर से बड़ी चूक सामने आई है। ताजा प्रकरण रायपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि यहां की पुलिस ने कुछ दिन पूर्व बरामद किए गए गोवंश को एक ऐसे व्यक्ति को सुपुर्द कर दिया गया जो पशु तस्करी के कई मामलों में वांछित एक चर्चित व्यक्ति का सगा रिश्तेदार है।
मामले ने सोशल मीडिया पर बटोरी सुर्खियां तो शुरू हुई जांच
चर्चा है कि सुपुर्दगी में सौपे गए पशु, एक-दो दिन बाद ही, पशु तस्करों के हाथों बेच दिए गए। मामले ने जब सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरनी शुरू की तो, एकबारगी पुलिस महकमे में भी हड़कंप की स्थिति बन गई। प्रकरण में एसपी की तरफ से एएसपी को जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं। लगाए गए आरोपों में कितनी सच्चाई है? यह तो जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगा, लेकिन जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं, उसको देखते हुए तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं।
यह था मामला, जिसमें की गई थी गोवंश की बरामदगी:
बताया जा रहा है कि रायपुर पुलिस की एक टीम ने गत दो फरवरी वैनी बाजार चौराहे पर चेकिंग के दौरान एक पिकअप स ले जाए जा रहे सात गोवंश को बरामद किया था। पुलिस का दावा था कि उन्हें क्ररूतापूर्वक तस्करी कर ले जाया जा रहा था। बरामद किए गए गो वंश में बैल, बछड़ा, बछिया शामिल बताए गए थे। बताया गया कि दो काले रंग के बछड़े, लाल रंग की बछिया, भूरे रंग का बछड़ा, दो सफेद रंग के बैल, एक लाल रंग का बैल बरामद किए गए।
यहां बताई जा रही चूक और यह उठाए जा रहे सवालः
बताया जा रहा है कि बरामद गोवंश को एक व्यक्ति को सुपुर्द कर दिया गया। चर्चाओं में दावा किया जा रहा है कि जिस व्यक्ति को गोवंश सुपुर्द किए गए, उसकी सगी रिश्तेदारी, पशु तस्करी के मामले में कई बार वांछित हो चुके व्यक्ति से है। दावा किया जा रहा है कि सुपुर्द किए गए गोवंश, सुपुर्दगी के अगले ही दिन 60 हजार में बेच दिए गए। जब यह बात चर्चा में आई तो इसकी लेकर सवाल उठने लगे। प्रकरण सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसपी की तरफ से इस मामले में एएसपी को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए। बताया जा रहा है कि एएसपी ने इसकी जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है। प्रकरण में कितनी सच्चाई आती है, अगर आरोप सही हैं तो किन पर गाज गिरती है, इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
आखिर गो आश्रय स्थलों को क्यूं नहीं सौंपे जा रहे बरामद गोवंश:
गोवंश की सुरक्षा के लिए योगी सरकार की तरफ से जहां कड़े निर्देश जारी किए जा रहे हैं। वहीं, पुलिस कप्तान की तरफ से भी गो तस्करी पर प्रभावी रोक के निर्देश के साथ ही, पकड़े जा रहे तस्करों पर गैंगस्टर की कार्रवाई कराई जा रही है लेकिन जिस तरह से रायपुर के ताजा मामले को लेकर आरोप-चर्चाएं सामने आई हैं, उसने बरामद किए जाने वाले गोवंश, मुक्त कराए जाने वाले मवेशियों की सुरक्षा को लेकर भी कड़े कदम उठाए जाने की जरूरत महसूस की जाने लगी है।
लोगों का कहना है कि आखिर जिले में कई स्थानों पर गोवंश आश्रय स्थल बनाए गए हैं। गोवंश की सुरक्षा, देख-रेख के लिए सरकार हर माह करोड़ों का बजट खर्च कर रही है। बावजूद, गो तस्करों के चंगुल से बरामद किए जाने वाले गोवंश को प्राइवेट व्यक्तियों की बजाय, गोवंश आश्रम स्थलों को क्यूं सुपुर्द नही किया जा रहा, इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जारी हैं।