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Sonbhadra News: जीवन की जटिलता को दूर करती है होम्योपैथिक विधा, गंभीर रोगों में है कारगर

Sonbhadra News: गंभीर से गंभीर रोगों में इस चिकित्सा पद्धति को खासा कारगर बताया। इस विधा की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए, जिले में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के स्थापना की मांग भी उठाई गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 7 July 2024 7:55 PM IST
Homeopathic method removes the complexity of life, is effective in serious diseases
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जीवन की जटिलता को दूर करती है होम्योपैथिक विधा, गंभीर रोगों में है कारगर: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: जिला मुख्यालय स्थित एक बैंक्वेट सभागार में आइडियल होम्योपैथिक वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से प्रादेशिक होमियोपैथिक वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान जहां, यूपी सहित अन्य राज्यों से आए चिकित्सकों-विशेषज्ञों ने भागदौड़ भरी जिंदगी में आ रही जटिलता पर रोशनी डाली। वहीं, गंभीर से गंभीर रोगों में इस चिकित्सा पद्धति को खासा कारगर बताया। इस विधा की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए, जिले में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के स्थापना की मांग भी उठाई गई।

मुख्य अतिथि समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़, विशिष्ट अतिथि सदर विधायक भूपेश चौबे, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा, आयोजक आर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएन सिंह रघुवंशी, आयोजक समिति के अध्यक्ष डॉ. कुसुमाकर श्रीवास्तव, सचिव डॉ. सीबीडी पांडेय आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभांरभ किया। अतिथियों और प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह, मोमेंटों, गमछा भेंट कर सम्मानित करते हुए होम्योपैथिक विधा की उपयोगिता बताई गई।


असाध्य रोगों के इलाज में कारगर है यह पद्धति: संजीव

राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ ने कहा कि यह विधा असाध्य रोगों के इलाज में कारगर है और दूसरी चिकित्सा पद्धतियों से सस्ती है। कहा कि इसकी उपयोगिता को देखते हुए राज्य सरकार आयुष मंत्रालय के जरिए होम्योपैथिक चिकित्सा को बढ़ावा देने में लगी हुई है। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली के लिए होम्योपैथी विधा को एक विश्वसनीय विकल्प बताया।

अच्छी और कारगर चिकित्सा है होम्योपैथिक विधा: भूपेश

विशिष्ट अतिथि सदर विधायक भूपेश चौबे ने होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के लिए इसके जनक हेनीमैन को याद किया। कहा कि उन्होंने होम्योपैथिक चिकित्सा के रूप में संपूर्ण विश्व को एक ऐसी चिकित्सा पद्धति प्रदान की है जो मानव शरीर पर किसी तरह का कुप्रभाव डाले बगैर गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज करती है। मीठी गोलियों वाली पद्धति से इलाज भी काफी सस्ता पड़ता है।


स्वास्थ्य को संरक्षित करती हैं होम्योपैथ की मीठी गोलियां: अशोक

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा ने कहा कि जब आवोहवा में प्रदूषण का जहर लोगों को तरह-तरह की बीमारियां बांट रहा है। ऐसे समय में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति एक बेहतर और विश्वसनीय विकल्प है। इसकी मीठी गोलियां सिर्फ बड़ों का ही नहीं बच्चों का भी बेहतर उपचार और उनके स्वास्थ्य के संरक्षण में कारगर है।

होम्योपैथ मेडिल कालेज से मिलेगी बेहतर उपचार की सुविधा: जेएन सिंह

आइडियल होम्योपैथिक वेलफेयर आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएन सिंह रघुवंशी ने चिकित्सा पद्धति के उपयोगिता पर प्रकाश डालने के साथ ही, चार राज्यों, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से घिरे सोनभद्र में होम्योपैथ मेडिकल कालेज के स्थापना की जरूरत जताई। कहा कि इससे यहां के गरीबों-आदिवासियों का बेहतर और सस्ता इलाज काफी आसानी से सुलभ हो सकेगा।


इन-इन विषयों पर विस्तार से की गई चर्चा

पहले सत्र में बच्चों के व्यवहार का संतुलन.. विषय पर चर्चा की गई। मुख्य वक्ता डॉ दिनेश ने विस्तार से प्रकाश डाला। अध्यक्षता डी एस सिंह ने की। द्वितीय सत्र में मानसिक रोग में होम्योपैथिक के महत्व.. पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर एसएस पाल ने विस्तार से रोशनी डाली। अध्यक्षता डॉ. अर्पिता चटर्जी की रही। तृतीय सत्र में असाध्य रोगों में होम्योपैथिक विधा क्या कर सकती है? पर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद राम सकल और मुख्य वक्ता मनोरंजन पाल ने विस्तार से प्रकाश डाला। अध्यक्षता आरसी श्रीवास्तव द्वारा की गई।

आयोजन में इनकी रही प्रमुख मौजूदगी

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाकर श्रीवास्तव, डा. संजय कुमार सिंह, राकेश त्रिपाठी, दीपक कुमार केसरवानी, राजेश कुमार पाठक, रामअनुजधर द्विवेदी, विमल अग्रवाल, उमेश पांडेय, राधेश्याम मिश्र, डॉ. अभिषेक देव पांडेय, मनोरंजन पाल, अजीत सिंह, वंशराज आनंद, एके सिंह (जौनपुर), आनंद कुमार (मिर्जापुर), अनिल कुशवाहा, बीवी नवाब, दिनेश त्रिपाठी, आरती श्रीवास्तव, आनंद नारायण, रविशंकर मिश्रा, प्रकाश श्रीवास्तव, हर्ष कुशवाहा, गौरव, अक्षय कुमार मिश्रा, रवि सिंह, अनुभव पांडेय, श्रद्धा दूबे, रेखा प्रजापति, इंद्र बहादुर, सरोज सिंह सहित कई डॉक्टरों-गणमान्यों की मौजूदगी बनी रही।



Shashi kant gautam

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