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Sonbhadra News: रेणुकूट-अंबिकापुर रेललाइन लाइन निर्मित करेगा नया धार्मिक-आर्थिक कारीडोर, तीन राज्यों को मिलेगा फायदा
Sonbhadra News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने भी इस रेलवे लाइन के निर्माण को जल्द मंजूरी दिए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने इसको लेकर दो दिन पूर्व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात भी की
Sonbhadra News (Image From Social Media)
Sonbhadra News: छत्तीसगढ़ के विधानसभा की तरफ से सोनभद्र (यूपी) के रेणुकूट और छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के बीच प्रस्तावित रेललाइन को मंजूरी के लिए, केंद्र सरकार को भेजने के बाद, छत्तीसगढ़ के सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज ने भी इस रेलवे लाइन के निर्माण को जल्द मंजूरी दिए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने इसको लेकर दो दिन पूर्व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात भी की और उन्हें प्रकरण को लेकर पत्रक सौंपते हुए, यूपी-छत्तीसगढ़-उड़ीसा के बीच एक नए धार्मिक-आर्थिक कारीडोर के निर्माण के लिए, रेणुकूट-अंबिकापुर रेलवे लाइन को जरूरी बताया।
अंबिकापुर-बड़वाडीह और अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन के जरिए अंबिकापुर को वृहत्तर रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की जरूरत जताते हुए कहा कि यह मांग लंबे समय से उठ रही है और यह प्रकरण केंद्र सरकार के के समक्ष लंबित भी है। कहा है कि राष्ट्रीय रेल लाइन (दिल्ली-बनारस-हावड़ा मुख्य मार्ग) से जुड़ने पर अंबिकापुर-सरगुजा क्षेत्र के सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक हितों को लाभ तो पहुंचेगा ही, इससे यूपी और छत्तीसगढ़ के बीच वाणिज्यिक तथा औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
रेल लाइन से जनजातीय क्षेत्र को मिलेगा बड़ा सहारा
सांसद ने दावा किया है कि जनजातीय क्षेत्र के विकास की दृष्टि से अम्बिकापुर-रेणुकूट मार्ग सर्वाधिक उपयुक्त एरिया है। कहा है कि इसके पर्याप्त तार्किक, व्यवहारिक और आर्थिक आधार हैं। कहा कि अंबिकापुर से रेणुकूट के लिए रेल लाइन निर्माण से जहां सरगुजा संभाग के लोग कम दूरी-कम समय में सीधे बनारस और दिल्ली से जुड़ जाएंगे। वहीं, जनजातीय कलाकृतियों को बड़ा मंच और वनोपज एवं स्थानीय उत्पादों को बड़ा बाजार उपलब्ध हो जाएगा।
वहीं, देश के आराध्य भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, संसार के शिव यानी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और कलियुग केे वैकुंठ जगन्नाथपुरी से सीधा जुडाव होगा। दावा किया है कि इससे जहां एक विशालतर धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन की दृष्टि से बड़े अवसर का सृजन होगा। वहीं, धर्म परायण जनता को अपने आराध्य तक पहुंचना काफी सुगम हो जाएगा। कहा कि पुरी को प्रयागराज से जोड़ने की मांग (झारसुगुड़ा-अंबिकापुर-प्रयागराज) की मांग उड़ीसा सरकार की तरफ से लंबे समय से उठाई जा रही है। अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन के निर्माण से यह मांग भी पूरी हो जाएगी।
कोयला परिवहन में तेजी आर्थिक विकास को देगा गतिः
सांसद ने रेलवे मंत्री से कहा है कि सरगुजा अंचल कोयला उत्पादन के लिए जाना जाता है। साथ पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का सोनभद्र और मध्यप्रदेश का सिंगरौली क्षेत्र भी प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र है। प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण से तीनों क्षेत्र आपस में जुड़कर कोयला परिवहन के लिए स्वर्णिम अवसर तो उपलब्ध कराएंगे ही, आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक लाभप्रद और व्यवहारिक साबित होंगे। बताया है कि हालिया सर्वे के अनुसार इस मार्ग का रेट आफ रिटर्न अंबिकापुर क्षेत्र से प्रस्तावित अन्य सभी रेल मार्गों में सर्वाधिक है। कहा है कि प्रस्तावित मार्ग अन्य वैकल्पिक मार्गों की तुलना में कम दूरी, कम लागत वाला और अधिक उपयोगी साबित होगा।
यूपी-छत्तीसगढ़ के जनजातीय और औद्योगिक अंचल की जरूरत को देखते हुए अंबिकापुर-बड़वाडीह अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन की बहुप्रतीक्षित मांग को अविलंब स्वीकृति दिलाने का अनुरोध किया है।
जुलाई 2024 में विस ने नई रेल लाइन का प्रस्ताव किया था पास
बताते चलें कि जुलाई 2024 में रेणुकूट-अंबिकापुर नई रेल लाइन का प्रस्ताव छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित कर फाइनल मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया था। रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति उत्तर मध्य रेलवे के सदस्य एसके गौतम और रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति पूर्व मध्य रेलवे के सदस्य मुकेश तिवारी ने, भी अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन को शीघ्र मंजूरी और निर्माण कार्य शुरू किए जाने की मांग उठाई है। कहा कि इस रेल लाइन के निर्माण से न केवल एक नया धार्मिक-आर्थिक कारीडोर मिलेगा बल्कि यूपी और छत्तीगढ़ के जनजतीय समाज से जुड़े बड़े इलाके में तरक्की की भी एक बड़ी व नई रफ्तार देखने को मिलेगी।