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Sonbhadra News : एनसीएल की नियुक्तियों में धांधली, वाराणसी में हुआ बड़ा खेल, सीबीआई ने शुरू की छानबीन, हड़कंप की स्थिति

Sonbhadra News: मध्यप्रदेश की रहने वाली आम आदमी पार्टी की महिला नेत्री की शिकायत पर, प्राथमिक जांच में प्रकरण खासा गंभीर पाते हुए, सीबीआई की तरफ से केस दर्ज कर लिया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 28 Feb 2025 8:56 PM IST
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Sonbhadra News: वर्ष 2020-21 में एनसीएल में माइनिंग सरदार (टीएंडएस-ग्रेड-सी) के 88 रिक्त पदों की अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया में बड़ी धांधली बरते जाने का मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश की रहने वाली आम आदमी पार्टी की महिला नेत्री की शिकायत पर, प्राथमिक जांच में प्रकरण खासा गंभीर पाते हुए, सीबीआई की तरफ से केस दर्ज कर लिया गया है। कहा जा रहा है कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम एनसीएल क्षेत्र में बनी भी रही। चर्चा है कि इस दौरान एनसीएल के संबधित अधिकारियों से पूछताछ के साथ ही संबंधित भर्ती से जु़ड़े कई रिकार्ड भी जब्त किए गए। हालांकि इस मामले में सीबीआई की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। इसलिए पूछताछ, वहीं, महज एक साल के भीतर दूसरी बार एनसीएल क्षेत्र में सीबीआई की धमक से संबंधितों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।

सीबीआई इंस्पेक्टर की तहरीर पर दर्ज किया गया केस

बताया जा रहा है कि प्रकरण में पुलिस निरीक्षक सीबीआई, एसीबी, जबलपुर पीआर पांडियन की तरफ से एसपी सीबीआई को दी गई तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। गत 18 फरवरी को को सौंपी गई तहरीर में अवगत कराया गया है कि इस संबंध में एक लिखित शिकायत, अनीता वैश्य जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा, आम आदमी पार्टी, सिंगरौली (मप्र) की तरफ से की गई थी। आधार पर एचईएमएम ऑपरेटर (प्रशिक्षु) भर्ती से संबंधित शिकायत के सत्यापन के दौरान प्रथम दृष्टया पाया गया कि माइनिंग सरदार टीएंडएस-ग्रेड-सी की भर्ती में अपराध किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रकरण में 21 फरवरी को 120बी आईपीसी के तहत केस दर्ज कर, सीबीआई ने प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी है।

जानिए क्या था प्रकरण और किन पर है षडयंत्र का आरोप

बताते चलें कि एनसीएल ने रोजगार अधिसूचना के जरिए सात फरवरी 2020 को 88 माइनिंग सरदार टीएंडएस-ग्रेड-सी के लिए भारतीय नागरिकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे। कुल 4594 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें से 3539 अभ्यर्थी आठ नवंबर 2020 को सोनभद्र, वाराणसी, सिंगरौली और जबलपुर में ली गई परीक्षा में शामिल हुए। इसके लिए अधिकतम अंक 100 थे और न्यूनतम कट ऑफ अंक सामान्य और ईडब्ल्यूएस के लिए 50, एससी/एसटी/ओबीसी -एनसीएल/ईएसएम के लिए 40 थी। आरोप है कि चार्ल्स जस्टर, तत्कालीन जीएम (पी/भर्ती), स्केल ई-8 और हर्षवर्धन मिश्रा, प्रबंधक (पी/भर्ती), स्केल ई-5, मुख्यालय, एनसीएल, सिंगरौली वर्ष 2020 से 2021 की अवधि के दौरान संबंधित 88 पदों की भर्ती के मामले में अज्ञात अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र में शामिल हुए और अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनुचित लाभ उठाया।

परीक्षा के दौरान वाराणसी में रचा गया धांधली का बड़ा खेल

आरोप है कि वाराणसी में निर्धारित केंद्र पर परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को परीक्षा तिथि से एक दिन पहले ही प्रश्नपत्र. एक होटल में बेच दिए गए। इसका परिणाम यह हुआ है कि जो 88 अभ्यर्थी चयनित हुए, उसमें से 65 चयनित उम्मीदवार वाराणसी केंद्र से थे। आरोपों के मुताबिक उक्त परीक्षा के लिए उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंक जहां असामान्य रूप से अधिक हैं। वहीं अधिकतम 100 अंकों में से 90 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की संख्या भी असामान्य रूप से अधिक है। कुछ के तो शैक्षणिक रिकॉर्ड भी औसत से नीचे है। शिकायत में आरोप है कि शॉर्टलिस्ट किए गए अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, 88 चयनित अभ्यर्थियों की सूची और परिणामी रिक्तियों को भरने के लिए 157 अभ्यर्थियों की एक अलग सूची गठित समिति द्वारा प्रकाशन के लिए अनुशंसित की गई थी। इसी तरह, लिखित परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम को संबंधित कार्यात्मक निदेशक द्वारा अनुमोदित किया जाना था लेकिन सक्षम अनुमोदन से पहले ही भर्ती अधिसूचना की सामान्य एसओपी के पैरा 7 (बी) (आई) का उल्लंघन करते हुए, पाठ्यक्रम को एनसीएल वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया गया।

एकल नामांकन पर सौंपा गया प्रश्नपत्रों के प्रिंटिंग का कार्य

शिकायत में दावा किया गया है कि एकल नामांकन के आधार पर मेसर्स एडमेन मल्टी स्टूडियो, ग्वालियर को 73,500 ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं की डिजाइनिंग, मुद्रण और आपूर्ति का कार्य दिया गया था। वहीं, मेसर्स ध्रुव एंटरप्राइजेज, बजरंग कॉम्प्लेक्स, जयंत, सिंगरौली (एमपी) को फोटोकॉपी मशीन जैसी तकनीकी सहायता प्रदान करने एनसीएल, मुख्यालय, परिसर में मुद्रण कार्य को निष्पादित करने के लिए उपभोग्य सामग्रियों की आपूर्ति का कार्य सौंपा गया था। मेसर्स इनोवेटिव्यू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पूर्वी दिल्ली को आईआरआईएस स्कैनिंग के माध्यम से प्रतिरूपण नियंत्रण की सेवा का कार्य आवंटित हुआ था।

इन मामलों ने भी बढ़ाया बडी धांधली का संदेह

दावा किया गया है कि भर्ती अधिसूचना जारी करने और परीक्षा तिथि के बीच भर्ती प्रक्रिया में अन्य प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए पर्याप्त अंतराल था बावजूद तत्कालीन जीएम द्वारा अन्य के साथ मिलकर इसे जानबूझकर त्रुटिपूर्ण बनाया गया। परीक्षा के दौरान उपयोग की गई ओएमआर शीट और परीक्षा के बाद अप्रयुक्त ओएमआर शीट्स की स्थिति संदिग्ध और अस्पष्ट जैसी है।

कोल कंपनियों में तैनात हैं 21 अभ्यर्थियों के रिश्तेदार

आरोप है कि चयनित 88 उम्मीदवारों में से 21 के रिश्तेदार या तो सीआईएल या उसकी सहायक कंपनियों में कार्यरत हैं और चयनित 88 उम्मीदवारों में से 11 अन्य भटगांव (छत्तीसगढ़) और सिंगरौली (मध्य प्रदेश) के हैं।यह भी खुलासा किया गया है कि चार्ल्स जस्टर, तत्कालीन जीएम (पी/रिक्रूटमेंट), एनसीएल, सिंगरौली पहले एसईसीएल, मुख्यालय, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) और जिला-भटगांव (छत्तीसगढ़) में तैनात थे।

निर्धारित कटऑफ से अधिक अंक के सूची प्रकाशन में बरती गई गड़बड़ी

आरोप है कि माइनिंग सरदार के पद के लिए निर्धारित कट ऑफ अंकों से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों के रोल नंबर की सूची सभी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के पूरा होने के बाद यथाशीघ्र प्रकाशित की जानी थी, साथ ही यह अस्वीकरण भी दिया जाना था कि यह सूची मेरिट सूची नहीं है, बावजूद इसका पालन नहीं किया गया। इसी तरह अनुमोदित पाठ्यक्रम के साथ मॉडल प्रश्न एनसीएल वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाने थे, जिन्हें भी एनसीएल द्वारा प्रकाशित नहीं किया गया। प्रश्नपत्र की तैयारी कार्यात्मक निदेशक (कार्मिक), एनसीएल द्वारा विधिवत अनुमोदित विशेषज्ञ द्वारा की जानी थी। इसकी भी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।



Ramkrishna Vajpei

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