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Sonbhadra News: धोखाधडी में मामले में फंसे रिहंद डैम के एक्सईएन और एई, कार्यों के भुगतान में 40 प्रतिशत कमीशन
Sonbhadra News: जांच में पाई गई गड़बड़ियों से बचने के लिए फर्जी दस्तावेज करने का आरोप लगाया गया है। इसको लेकर न्यायालय से दिए गए आदेश पर पिपरी पुलिस ने धोखाधड़ी-कूटरचना का केस दर्ज कर लिया है।
Sonbhadra Thana Pipari News (Image From Social Media)
Sonbhadra News: रिहंद बांध सिविल खंड पिपरी के एक्सईएन और एई पर कराए गए कार्यों में 40 प्रतिशत कमीशन मांगने, एतराज करने वालों का भुगतान लटका देने और जांच में पाई गई गड़बड़ियों से बचने के लिए फर्जी दस्तावेज करने का आरोप लगाया गया है। इसको लेकर न्यायालय से दिए गए आदेश पर पिपरी पुलिस ने धोखाधड़ी-कूटरचना का केस दर्ज कर लिया है। छानबीन भी शुरू कर दी गई है।
मेसर्स राज इंटरप्राइजेज के प्रोपराईटर मोहम्मद असलम निवासी मुरलीगढी तुर्रा थाना पिपरी ने अजय कुमार पांडेय सहायक अभियन्ता रिहंद बाध सिविल खंड पिपरी, मूल निवास बैयाडाड़ पोस्ट भटौली थाना देहात कोतवाली जिला मिर्जापुर और पंकज पाणि शुक्ल अधिशासी अभियन्ता रिहंद बाध सिविल खंड पिपरी, मूल निवास नया बरहना थाना कीडगंज जिला प्रयागराज पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए न्यायालय में धारा 175 (3) बीएनएसएस के तहत प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। अवगत कराया था कि वह कई वर्ष से ठेकेदारी का कार्य करता है। इसी कड़ी में उसे 28 दिसंबर 2017 को वर्टिकल ड्रेन होल की फाम्ड ड्रेन होल रिहंद बांध पिपरी के ब्लाक संख्या 00 से 60 तक के सफाई कार्य के लिए अनुबंध अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मण्डल ओबरा (सिंचाई विभाग) से हुआ था। अनुबंध शर्तों के अनुसार कार्य पूर्ति के बाद एमबी माप की गई। इसके बाद 28 जून 2019 को अधिशासी अभियंता रिहंद बाध द्वारा 83 लाख 58 हजार 588 की धनराशि उपलब्ध कराने के लिए अधिशासी अभियंता जल विद्युत को भेजा गया और सेक्योरिटी, एनएससी, एफडीआर के रूप में जमा रकम वापस कर दी गई।
- 79,63,305 भुगतान की मिली स्वीकृति तो मांगा जाने लगा कमीशन:
इसके एवज में 25 फरवरी 2020 को संबंधित विभाग-पटल को 79,63,305 की धनराशि उपलब्ध कराई गई। आरोप है कि इसके बाद संबंधित कार्य के इंचार्ज सहायक अभियंता अजय कुमार पांडेय और अधिशासी अभियंता पकज पाणी शुक्ला की तरफ से 40 प्रतिशत अग्रिम कमीशन की मांग शुरू कर दी गई। कमीशन देने से मना करने और धरने पर बैठने पर एफआईआर दर्ज करा दी गई। इसकली शिकायत पर डीएम ने जांच कराई तो पता चला कि सरकारी धन का दुर्विनियोग करते हुए निविदाकारो द्वारा कराए गए कार्यों के लंबित राशियों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। प्रकरण को लेकर कार्रवाई के लिए डीएम की तरफ से 21 अक्टूबर 2020 को प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को पत्र भी भेजा गया।
- डीएम की जांच में गड़बड़ी मिलने पर तैयार कराए गए फर्जी दस्तावेजः
आरोप है कि जांच में मिली खािमयों से खुद को बचाने के लिए आरोपियों ने वास्तविक माप विवरण पुस्तिका बिल का कूटरचित पेपर तैयार किया गया और उस पर बैकडेट में हस्ताक्षर बनाते हुए सहायक अभियन्ता तृतीय की मुहर लगाई गई। जबकि इससे पहले उसी वास्तविक विवरण बिल की फोटो कापी प्रमाणित करके आरोपियों की ओर से जांच अधिकारी को उपलब्ध कराया गया था। प्रकरण में न्यायालय के आदेश पर पिपरी पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक प्रकरण की छानबीन जारी है।