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Sonbhadra : अभिषेक बनकर विधवा का ’शारीरिक शोषण’ करने वाले सद्दाम की जमानत अर्जी खारिज, सात बार कराया था गर्भपात, मंदिर जाकर रचाई थी शादी

Sonbhadra News: शादी का झांसा देते हुए कई बार शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी सद्दाम की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। सुनवाई के दौरान पाया गया कि आरोपी की तरफ एक-दो बार नहीं, पीड़िता का सात बार गर्भपात कराया गया था।

Kaushlendra Pandey
Published on: 1 Feb 2025 9:42 PM IST
Sonbhadra News
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 Sonbhadra News ( Pic- Social- Media)

Sonbhadra News:अभिषेक बनकर विधवा के साथ शादी का झांसा देते हुए कई बार शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी सद्दाम की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। सुनवाई के दौरान पाया गया कि आरोपी की तरफ एक-दो बार नहीं, पीड़िता का सात बार गर्भपात कराया गया था। हिंदू बनकर एक मंदिर में शादी रचाने जाने का भी कथित मामला सुनवाई के दौरान सामने आया। विशेष न्यायाधीश आबिद शमीम की अदालत ने, अर्जी पर सुनवाई की। पाया कि कारित अपराध में प्रावधानित दंड, अपराध की प्रकृति, अपराध का पीडिता की मनः स्थिति और ऐसे अपराध का समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए, जमानत का आधार अपर्याप्त है।

यह था प्रकरण, जिसको लेकर हुई सुनवाई

बताते चलें कि न्यायालय के हस्तक्षेप पर राबटर्सगंज कोतवाली में दर्ज मामले में आरोप लगाया गया था कि अनुसूचित जाति की पीड़िता के विधवा होने का फायदा उठाकर, हरथर निवासी सद्दाम पुत्र सलीम उर्फ इस्हाक ने हिंदू बनकर, अभिषेक के नाम से पीड़िता से जान-पहचान बनाई और उसे प्रेमजाल में फंसाकर, उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। आरोप है कि आरोपी की तरफ से पीड़िता के बच्चे की अच्छी परवरिश का भी वायदा किया। बाद में उसने संबंधों का वीडियो बना लिया और इसके बाद आधार पर जबरिया दुष्कर्म शुरू कर दिया। पी़िड़ता को जब आरोपी को मुस्लिम होने की जानकारी हुई तो उसने एतराज जताया और शादी के लिए दबाव बनाया तो उसके सामने धर्म परिवर्तन की शर्त रख दी। प्रकरण में धारा-64, 115 (2), 352 एवं 351 (2) बीएनएस और एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर 11 जनवरी को गिरफ्तार कर आरोपी का चालान कर दिया गया।

सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने मंदिर में शादी की दी जानकारी

ज्मानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान जहां बचाव पक्ष की तरफ से 20 जुलाई 2023 को डाला मंदिर जाकर दोनों की तरफ से शादी रचाए जाने का दावा किया गया। वहीं, अभियोजन पक्ष की तरफ से तर्क रखा गया कि पीड़िता अनुसूचित जाति की है और हिंदू है, यह जानते हुए मुस्लिम समुदाय के सद्दाम ने अपना नाम बदल कर खुद को हिंदू बता जान पहचान की। शादी का झांसा देकर कई बार दुष्कर्म किया। शिकायत करने पर मारपीट-धमकी दी। पुलिस विवेचना में सामने आए तथ्यों के जरिए प्रकाश में आया कि वर्ष 2016 में सद्दाम ने हिंदू बनकर जान पहचान बढ़ाई। 2018 में उसकी सच्चाई सामने आई। इस बीच सात बार गर्भपात कराया गया। सादे पन्ने पर दस्तखत कराते हुए, शादी के नाम पर उसका गलत इस्तेमाल करने और दूसरे के साथ शादी रचाने का भी आरोप लगाया गया। दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए न्यायालय की ओर से जमानत अर्जी खारिज कर दी गई।



Shalini Rai

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