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Sonbhadra News: बालू खनन के लिए वन भूमि में बनाए रास्ते पर खोदी खाईं, खदान संचालक सहित दो पर केस
Sonbhadra News: बालू साइट पर खनन के लिए वन भूमि से बनाए जा रहे रास्ते को लेकर वन विभाग की तरफ से बड़ा एक्शन सामने आया है। जहां पूर्व काटे गए रास्ते को पाट दिया गया था। वहां उस रास्ते को फिर से काट कर, खाईं खोद दी गई है।
Sonbhadra News: सोनभद्र के दुद्धी क्षेत्र के कोरगी बालू साइट पर खनन के लिए वन भूमि से बनाए जा रहे रास्ते को लेकर वन विभाग की तरफ से बड़ा एक्शन सामने आया है। जहां पूर्व काटे गए रास्ते को पाट दिया गया था। वहां उस रास्ते को फिर से काट कर, खाईं खोद दी गई है। वहीं, अनधिकृत रूप से वन भूमि से रास्ता बनाने के मामले को लेकर ठेका पाने वाली संबंधित फर्म और कथित मैनेजर शिवलोक तिवारी के खिलाफ वन महकमे की तरफ से 5/26 भारतीय वन अधिनियम के तहत केस दर्ज कर, कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
बताते चलें कि कोरगी बालू साइट जहां पूर्व में पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर नदी के बीच अस्थाई रास्ता निर्माण कर बालू खनन को लेकर चर्चित रह चुकी है। वहीं, जून के आखिरी में वन भूमि से होकर बनाए गए रास्ते को लेकर एक बार फिर से इस साइट को लेकर चर्चा शुरू हो गई। जानकारी पाकर सक्रिय हुए वन कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर रास्ता कटवा दिया। बावजूद दोबारा रास्ता पटवाए जाने को लेकर वन विभाग की तरफ से बड़ा एक्शन लिया गया है।
वन विभाग की जमीन पर नहीं होने दिया जाएगा कोई निर्माण: डीएफओ
डीएफओ रेणुकूट भानेंद्र सिंह का कहना है कि जैसे ही अनधिकृत तरीके से पूर्व में काटे गए रास्ते को पाटकर वन विभाग की जमीन से रास्ता बनाने का मामला सामने आया है, वैसे ही विंढमगंज रेंज मं केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई। मौके पर पाटे गए रास्ते को कटवा दिया गया है। किसी भी हाल में वन विभाग की एरिया से अनधिकृत तरीके से रास्ता या किसी तरह का स्थायी-अस्थाई निर्माण नहीं करने दिया जाएगा। वहीं, रेंजर जब्बर सिंह यादव ने कहा कि मामले पर नजर रखी जा रही है। पाटे गए रास्ते को कटवा दिया गया है। गलत तरीके से कटान को लेकर केस दर्ज कर लिया गया है।
यह है मामला, जिसको लेकर सामने आई कार्रवाई
बताया जा रहा है कि जिस जगह से रास्ते का निर्माण किया गया जा रहा है, उस रास्ते में 40 मीटर से अधिक एरिया वन विभाग की है जिसमें बगैर अनुमति/एनओसी के लिए कोई स्थायी या अस्थायी रास्ते का निर्माण नहीं किया जा रहा है। इसे दरकिनार कर निर्माण किए जाने के कारण पिछले वर्ष तत्कालीन डीएफओ मनमोहन मिश्र की तरफ से रास्ता कटवा दिया गया था। सितंबर के आखिरी में भी रास्ता निर्माण की सूचना मिलने पहुंची वन टीम ने पाटे गए रास्ते को कटवाते हुए वन भूमि पर रास्ता निर्माण पर रोक लगा दी थी। बावजूद फिर से रास्ते के निर्माण की शिकायत पर, मौके पर रास्ते को कटवाकर जहां खाईं खोदवा दी गई है। वहीं, भारतीय वन अधिनियम के तहत केस दर्ज कर वन महकमा प्रकरण को लेकर आवश्यक कार्रवाई में जुटा हुआ है।