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Sonbhadra News: स्वास्थ्य महकमे में शिकायत निस्तारण को लेकर चल रहा बड़ा खेल, बगैर पंजीकरण के पैथालॉजी सेंटरों के सञ्चालन का है मामला
Sonbhadra News: स्वास्थ्य महकमे में अल्ट्रासाउंड सेंटर, चिकित्सालय, पैथालाजी सेंटरों के पंजीयन या बगैर पंजीयन संचालन को लेकर एक कथित संविदा बाबू के जरिए एक कथित रैकेट संचालित होने की चर्चा बनी हुई है।
Sonbhadra News: पैथालॉजी सेंटरों से दी जाने वाली गलत जांच रिपोर्ट और बगैर पंजीयन सेंटर संचालित करने को लेकर की जाने ली शिकायतों के निस्तारण का स्वास्थ्य महकमे की तरफ से एक अनोखा फार्मूला अपनाया गया है। शिकायत गलत है या सही, अगर शिकायत सही तो उसको लेकर क्या कार्रवाई की गई या की जा रही है, इसकी जानकारी देने की बजाय, शिकायत के कई दिन बाद प्रकरण को महज अग्रसारित-संदर्भित कर निस्तारित कर दिया गया। वहीं, शिकायत के रूप मं दर्ज कराए गए प्रकरण को भी 25 दिन व्यतीत हो गए लेकिन मौके पर न तो नोडल जांच के लिए पहुंचे, न ही नजदीकी सीएचसी-पीएचसी के प्रभारी या अधीक्षक। अब इस मामले में कार्रवाई हो पाएगी या फिर से शिकायत दर्ज कर निस्तारण का खेल चलता रहेगा? इसको लेकर चर्चा बनी हुई है।
बताते चलें कि इन दिनों स्वास्थ्य महकमे में अल्ट्रासाउंड सेंटर, चिकित्सालय, पैथालाजी सेंटरों के पंजीयन या बगैर पंजीयन संचालन को लेकर एक कथित संविदा बाबू के जरिए एक कथित रैकेट संचालित होने की चर्चा बनी हुई है। इस बीच बीजपुर स्थित एक पैथालाजी सेंटर को लेकर हुई शिकायत के निस्तारण को लेकर अपनाए गए फार्मूले ने भी इस चर्चा को खासी हवा दे रही है। प्रकरण के बारे में बताया जा रहा है कि श्रीराम चौक के पास स्थित एक पैथालाजी सेंटर को पूर्व में मिली शिकायतों और पंजीयन से जुड़े मामले को लेकर सील कर दिया गया था। इसके बाद कथित पैथालाजी सेंटर का, दूसरा नाम देकर संचालन शुरू कर दिया गया।
रामू गुप्ता नामक व्यक्ति की तरफ से की गई शिकायत में बताया गया है कि वह अभिषेक गुप्ता नामक मरीज को लेकर गत नौ सितंबर को संबंधित पैथालाजी सेंटर पर जांच कराने पहुंचा तो विडाल टेस्ट पाजिटिव होने की रिपोर्ट दे दी गई। वहीं, वह अगले दिन यानी 10 सितंबर को एनटीपीसी रिहंद के धनवंतरि चिकित्सालय पहुंचकर ब्लड टेस्ट कराया ता पता चला कि ऐसा कुछ नहीं है।
शिकायत करने पहुंचे परिजन तो उनसे की गई अभद्रता
आरोप है कि जब इसको लेकर मरीज के परिवार वाले संबंधित पैथालाजी सेंटर के पास शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो उनसे दुर्व्यवहार किया गया। आरोप लगाया गया कि संबंधित पैथोलॉजी सेंटर में न तो प्रशिक्षित स्टाफ है ना ही जांच के लिए अत्याधुनिक मानकों की कसौटी पर खरी उतरने वाली मशीनें। सिर्फ यहां जांच के नाम गलत-सही रिपोर्ट देकर लागां का आर्थिक शोषण किया जा रहा है।
25 दिन पूर्व की शिकायत का नहीं निकला निष्कर्ष
आरोप है कि इसको लेकर गत 13 सितंबर का रामू गुप्ता नामक व्यक्ति की तरफ से चिकित्सा परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य महकमे में शिकायत दर्ज कराई गई। प्रकरण संबंधित ब्लाक पीएचसी/सीएचसी प्रभारी-अधीक्षक को संदर्भित किया गया। 14 सितंबर को संदर्भित मामले पर, 23 सितंबर को आख्या अपलोड की गई, जिसके आधार पर यह कहते हुए प्रकरण को निस्तारित कर दिया गया कि झोलाछाप नोडल और पंजीकरण कार्यालय सोनभद्र को इस संदर्भ में बता दिया गया है।
जल्द की जाएगी मामले की जांच: नोडल
इस मामले में नोडल चिकित्सक डा. कीर्ति आजाद बिंद से बात की गई तो फोन पर उनका कहना था कि प्रकरण उनके संज्ञान में आया है। कार्य व्यस्तता के कारण वह जांच नहीं कर पाए हैं। जल्द ही वह बीजपुर पहुंचकर प्रकरण की जांच करेंगे। शिकायत सही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।