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Sonbhadra News: मैं दिल्ली पुलिस का एसीपी बोल रहा हूं..., महिला महाविद्यालय प्रबंधक की मोबाइल पर आए कॉल से सनसनी, जांच में जुटी पुलिस
Sonbhadra News Today: फ़ोन करने वाले ने स्वयं को क्राइम ब्रांच दिल्ली का एसीपी बताया और कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में एक महिला द्वारा गंभीर अपराध में शिकायत दर्ज कराई गई है जिसकी जांच क्राइम ब्रांच दिल्ली कर रही है।
Sonbhadra News: सोनभद्र, मैं दिल्ली पुलिस का एसीपी बोल रहा हूं... शाहगंज थाना क्षेत्र के कुसहरा स्थित महिला महाविद्यालय के प्रबंधक पर सोमवार की दोपहर बाद इस संबोधन के साथ आई एक कॉल ने हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी। डिजिटल अरेस्ट की चपेट में आते-आते बचे प्रबंधक की तरफ से तत्काल मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई। दिए गए निर्देश पर शाहगंज पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कॉलर ने कहा: महिला ने दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई है गंभीर शिकायत
शाहगंज थाना क्षेत्र के कुसहरा स्थित महिला महाविद्यालय के प्रबंधक सुधीर कुमार मिश्र पुत्र प्रमोद कुमार मिश्र, निवासी पैकौली, राउत मऊ, जिला आजमगढ़ ने अपने ट्वीटर हैंडल के जरिए एसपी से लगाई गुहार में कहा है कि उनके मोबाइल नंबर 9956751141 पर दोपहर बाद लगभग 2 बजे के करीब $919899742607 (एसआई विजेंद्र सिंह) के नाम से प्रदर्शित कथित दिल्ली पुलिस की तरफ से एक फ़ोन आया। फ़ोन करने वाले ने स्वयं को क्राइम ब्रांच दिल्ली का एसीपी बताया और कहा कि उनके खिलाफ दिल्ली पुलिस में एक महिला द्वारा गंभीर अपराध में शिकायत दर्ज कराई गई है जिसकी जांच क्राइम ब्रांच दिल्ली कर रही है।
कहा -किया जा रहा डिजिटल आरेस्ट, दो लाख दें तभी सेटलमेंट
कॉलर ने कहा कि इसके लिए उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जाता है। वह बिना सूचना के घर से बाहर नहीं निकल सकते। मसला सेटलमेंट हो सकता है मगर इसके लिए दो लाख अदा करना होगा। पैसा कैसे, कहां भेजना है, बताया जाएगा। पीड़ित प्रबंधक का कहना है कि उसने घबरा कर फोन काट दिया। एसपी से लगाई गुहार में प्रकरण साइबर क्राइम से जुड़े होने की आशंका जताई गई है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए, शाहगंज पुलिस के साथ ही, साइबर क्राइम ब्रांच को जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इससे पहले अल्ट्राटेक सीमेंट के एक अधिकारी को 38 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर तीन लाख से अधिक की रकम ऐंठ ली गई थी।
पुलिस लगातार चला रही जागरूकता मुहिम
लोग डिजिटल अरेस्ट के झांसे में न आएं, इसके लिए पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। देश के किसी भी राज्य में डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान नहीं है, इसके लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। किसी भी तरह की कॉल आने पर संबंधित व्यक्ति, परिचित के यहां कॉल कर, घटना की सच्चाई जानने-जांचने का अनुरोध भी किया जा रहा है ताकि डिजिटर आरेस्ट के जाल में फंसने से लोगों को बचाया जा सके।