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Sonbhadra News: शादी का झांसा देकर नाबालिग से किया था दुष्कर्म, भुगतनी होगी 10 वर्ष की कठोर कैद, एक लाख अर्थदंड

Sonbhadra News: अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से दर्ज कराए गए बयानों के आधार पर अभियुक्त को दोषसिद्ध पाया गया

Kaushlendra Pandey
Published on: 21 March 2025 6:33 PM IST
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Image From Social Media)

Sonbhadra News: शादी का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म करने और गर्भ ठहरने पर गर्भपात की कोशिश करने के मामले में न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है । दोषी को 10 वर्ष के कठोर कैद के साथ ही एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई गई है । मामले की सुनवाई शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू अर्चना रानी की अदालत में की गई।

अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से दर्ज कराए गए बयानों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया और दोषी बलिराम को कठोर कैद व अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अर्थदंड जमा होने के बाद आधी धनराशि नियमानुसार पीड़िता को प्रदान करने के लिए कहा गया है।

--यह है मामला

अभियोजन कथानक के अनुसार राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने 14 फरवरी 2019 को राबर्ट्सगंज कोतवाली पहुंचकर एक तहरीर सौंपी। आरोप लगाया कि उसकी 14-15 वर्षीय नातिन को शादी का झांसा देकर बलिराम पुत्र मन्नीलाल निवासी शोभनाथ मंदिर के पीछे पुसौली, थाना रॉबर्ट्सगंज द्वारा कई बार शारीरिक संबंध बनाया गया। जब गर्भ ठहर गया तो शादी करने से इंकार करते हुए दूसरी शादी कर ली। आरोप लगाया कि गर्भपात कराने के लिए भी दबाव बनाया गया और धमकी दी गई। प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया।

-- लगभग 6 साल तक चली मामले की सुनवाई:

न्यायालय में लगभग 6 साल तक मामले की सुनवाई चली। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क सुने गए। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया गया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषी बलिराम को कठोर कैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रकरण की पैरवी सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी की तरफ से की गई।

Ramkrishna Vajpei

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