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Sonbhadra News: शिवानी हत्याकांड के दोषी को उम्रकैद, संबंध बनाने में नाकाम होने पर कुल्हाड़ी से किया था कत्ल
Sonbhadra News: लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू पुत्र दादूराम खरवार गांव के ही रहने वाले श्यामनारायण के पत्नी के प्रति गंदी नीयत रखता था। उसकी पत्नी उसे नहीं चाहती थी, बावजूद वह उसका चक्कर लगाया करता था।
Sonbhadra News: गंदी नीयत से संबंध बनाने की चाहत पूरी न होने पर विवाहिता पर कुल्हाड़ी से वार कर कत्ल किए जाने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रकरण अनपरा थाना क्षेत्र के बिछड़ी गांव से जुड़ा हुआ है। चार साल पूर्व हुई हत्या के वारदात मामले की मंगलवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जितेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने मंगलवार को फाइनल सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की ओर से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों तथा गवाहों की ओर से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू को उम्रकैद और 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न किए जाने की दशा में चार माह अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश पारित किया गया।
संबंध बनाने से किया इंकार तो कर दिया कत्ल
अभियोजन कथानक के मुताबिक तत्कालीन औड़़ी ग्राम पंचायत के बिछड़ी टोला का रहने वाला लक्ष्मण खरवार उर्फ बड़कू पुत्र दादूराम खरवार गांव के ही रहने वाले श्यामनारायण के पत्नी के प्रति गंदी नीयत रखता था। उसकी पत्नी उसे नहीं चाहती थी, बावजूद वह उसका चक्कर लगाया करता था। श्यामनारायण ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि 8 अक्टूबर 2020 की सुबह 10 बजे उसकी पत्नी शिवानी देवी 27 वर्ष घर के बरामदे में खाना बना रही थी और वह वह उसके पास में ही खड़े रहकर अपनी अपनी भाभी से बात कर रहा था। उसकी पत्नी 10-11 दिन पहले ही मायके से ससुराल आई थी। उसी दौरान लक्ष्मण अचानक से कुल्हाड़ी लेकर उसके घर में घुस गया और बरामदे में खाना बना रही पत्नी शिवानी पर कुल्हाड़ी से गहरा वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। चीखने की आवाज पर वह और उसकी भाभी शिवानी की तरफ बढ़े तो देखा कि वह खून से लथपथ पड़ी थी और लक्ष्मण कुल्हाड़ी लेकर भाग रहा था। उपचार के लिए उसे डिबुलगंज स्थित संयुक्त चिकित्सालय ले गया जहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।
साक्ष्य छिपाने को जलाए थे कपड़े, छुपा दी थी कुल्हाड़ी
हत्या का मामला दर्ज कर अनपरा पुलिस ने छानबीन के साथ ही, आरोपी को गिरफ्तार किया तो पता चला कि आरोपी ने हत्या के बाद साक्ष्य छिपाने के लिए न केवल आला कत्ल कुल्हाड़ी छिपाई बल्कि खून के छींटे पड़े कपड़े को भी जलाकर साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। आरोपी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने जहां जले कपड़े और आला कत्ल कुल्हाडी को बरामद किया। वहीं, धारा 302, 201 आईपीसी के तहत न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। जहां लगभग चार साल तक चली सुनवाई के बाद मंगलवार को दोषी को उम्रकैद की सजा दिए जाने का फैसला सुनाया गया।
हत्या के मामले में पाया गया दोषी
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक सुनवाई के दौरान सामने आए साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर धारा 302 के तहत दोषसिद्ध पाया गया और इसके लिए लक्ष्मण खरवार को उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने मामले की पैरवी की।