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Sonbhadra: अपने ही बयान पर घिरे समाज कल्याण अधिकारी, कांग्रेस ने फूंका पुतला
Sonbhadra: जिले में समाज कल्याण मंत्री की मौजूदगी के बावजूद विभाग में लगातार भ्रष्टाचार, गड़बड़ी की मिलती शिकायतों को लेकर निशाना साधने के साथ ही जिला समाज कल्याण अधिकारी का प्रतीकात्मक पुतला फूंका।
Sonbhadra News: एक तरफ सामूहिक विवाह में पकड़ी गई गड़बड़ी को लेकर दिए गए अपने बयान में ही जहां जिला समाज कल्याण अधिकारी घिरते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ, जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय में बच्चों के निवाले में खेल किए जाने का सामने आया मामला और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ महिला कांग्रेस की तरफ से खोले गए मोर्चे ने भी मुश्किल बढ़ा दी हैं। बृहस्पतिवार को महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष की अगुवाई में कांता पांडेय प्रकरण, समाज कल्याण विभाग की तरफ से संचालित विद्यालयों में बच्चों के निवाले को लेकर बरती जा रही गड़बड़ी सहित अन्य मसले को लेकर जिस तरह से कांग्रेस हमलावर नजर आई उससे हड़कंप की स्थिति बनी रही।
महिला कांग्रेसियों ने फूंका पुतला, कार्रवाई की उठाई मांग
जिंदा को मुर्दा बता कर बुजुर्गों के पेंशन पर लगाई जा रही रोक समाज कल्याण विभाग की तरफ से संचालित विद्यालयों में बच्चों को उपलब्ध कराए जाते भोजन और भोजन से जुड़ी सामग्री के आपूर्ति में बरती जा रही गड़बड़ी के खिलाफ महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चुर्क तिराहे पर प्रदर्शन किया। जिले में समाज कल्याण मंत्री की मौजूदगी के बावजूद विभाग में लगातार भ्रष्टाचार, गड़बड़ी की मिलती शिकायतों को लेकर निशाना साधने के साथ ही जिला समाज कल्याण अधिकारी का प्रतीकात्मक पुतला फूंका। मिलती शिकायतें और सामने आते भ्रष्टाचार में समाज कल्याण अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उनके बर्खास्तगी तक की मांग उठा डाली।
बच्चों के निवाले के मसले पर क्यों मौन है मंत्री और अधिकारी
महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष ऊषा चौबे ने कहा कि बच्चों के निवाले में हो रहे खेल का मामला किसी और के जरिए नहीं बल्कि सत्ता पक्ष से जुड़े जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान सामने आया है। बावजूद विभाग के मंत्री और अधिकारी दोनों मौन हैं। कहा कि स्व. कांता पांडेय को 18 महीने पहले मृत घोषित कर उनका पेंशन बंद कर दिया। लगातार चक्कर लगाने के बाद भी समाज कल्याण विभाग की निद्रा नहीं टूटी। उनकी मौत के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई नही की गई। दावा किया कि सामूहिक विवाह में टेंट और भोजन सप्लाई के मामले की भी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो बडी गड़बड़ियां सामने आएंगी।
एक ही व्यक्ति को बार-बार सामग्री आपूर्ति का ठेका क्यों ?
महिला जिलाध्यक्ष उषा चौबे, जिला उपाध्यक्ष शांति विश्वकर्मा ने सामग्री आपूर्ति से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। कहा कि एक ही व्यक्ति को बार-बार सामग्री आपूर्ति का ठेका देने के पीछे आखिर मकसद क्या है? इसकी भी जांच होनी चाहिए। प्रकरण को लेकर मुन्नी, आरती देवी, सुशीला देवी, विमला देवी, रेखा, वबिता देवी , संतरा देवी, संतोष यादव, बसावन गुप्ता , राहुल सिंह, सोनू सहित अन्य ने भी आवाज उठाई।
जानिए समाज कल्याण अधिकारी ने क्या दिया है बयान और क्यों उठ रहे सवाल?
उधर, सामूहिक विवाह में शादीशुदा जोड़े द्वारा शादी रचाई जाने के मामले पर समाज कल्याण अधिकारी की तरफ से सामने आए बयान को लेकर के सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों के बीच हो रही चर्चा और लगाए जा रहे आरोपो में कहा जा रहा है कि आखिरकार जब समाज कल्याण अधिकारी को पहले ही गलत रजिस्ट्रेशन की जानकारी हो गई थी तो फिर उस पर कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया? अब यह कहना कि वीडियोज को पहले ही बताया गया था फिर भी जोड़े बैठ गए..? इसको लेकर जहां तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं जिले के सभी लाभार्थियों के पात्रता, आयोजन से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया, जोड़ों को दी जाने वाली सामग्री के गुणवत्ता जांच की भी मांग उठाई जाने लगी है।
समाज कल्याण मंत्री पर टिकी सभी की निगाहें, सियासत गरमाने के साथ ही उठ रहे तरह-तरह के सवाल
बता दें कि यूपी में जनजातीय समाज से आने वाले सत्ता पक्ष के एकमात्र विधायक संजीव कुमार गोंड़ को समाज कल्याण राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। उन्हें लगातार दूसरी बार मंत्री बनने का मौका मिला। लगाए जा रहे आरोपों और गठित भ्रष्टाचार का मामला उनके गृह जनपद सोनभद्र से जुड़ा हुआ है। ऐसे में लगाए जा रहे आरोपों और सामने आती गड़बड़ियों को लेकर मंत्री की तरफ से क्या एक्शन लिया जाता है? इस पर जहां लोगों की नज़रें टिकी हुई है। वहीं, मसाले को लेकर गरमा रही सियासत किस करवट बैठी है? इस पर भी चर्चाएं जारी हैं।