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Sonbhadra News: जिस बालिका को घंटों तलाश रही थी पुलिस, वह नाना के घर मिली मौजूद, फाइबर के टब में छिपाकर रखी थी
Sonbhadra News: विंढमगंज थाना क्षेत्र के सलैयाडीह ग्राम पंचायत में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिस आठ वर्षीय बालिका को उसके ही पिता पर अगवा कर लेने का आरोप लगाते हुए नाना की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई थी
Sonbhadra News: विंढमगंज थाना क्षेत्र के सलैयाडीह ग्राम पंचायत में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिस आठ वर्षीय बालिका को उसके ही पिता पर अगवा कर लेने का आरोप लगाते हुए नाना की तरफ से पुलिस को तहरीर दी गई थी और इसके क्रम में पुलिस नाना को साथ लेकर सात घंटे से उसकी तलाश रही थी। वहीं, बालिका नाना के ही घर चौकी के नीचे फाइबर के टब में छिपाकर रखी गई मिली। इस नाटकीय घटनाक्रम में बालिका के बरामद होने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। वहीं नाना को थाने ले जाकर, उनसे पूछताछ जारी है। घटना को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का भी बाजार गर्म है।
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पिता ने बेटी के जन्मदिन को लेकर किया था फोन, उसी से जोड़ दी गई अपहरण की कहानी
सलैयाडीह निवासी उमाशंकर पासवान ने रविवार की सुबह आठ बजे विंढमगंज पुलिस को सूचना दी कि, उनके यहां रेलवे क्रॉसिंग से पहले स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान के पास खेल रही उनकी आठ वर्षीय पोती रागिनी को दो बाइक सवारों ने अगवा कर लिया है। नाना के साथ ही मामा धर्मेंद्र पासवान ने भी यहीं सूचना देकर पुलिस की नींद उड़ा दी। उमाशंकर की तरफ से पुलिस को यह भी बताया गया कि उन्होंने अपनी पुत्री पुष्पा देवी की शादी, 10 वर्ष पूर्व झारखंड राज्य के डंडई थाना अंतर्गत जरही निवासी श्रीराम पासवान के साथ की थी लेकिन उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। इसके चलते उनकी बेटी अपने बेटे और बेटी के साथ मायके में रह रही है। अपने दामाद पर ही अपहरण का शक जताते हुए पुलिस को बताया कि दोनों के बीच न्यायालय में मुकदमा चल रहा है। दामाद श्रीराम ने उनके बेटे धर्मेंद्र के मोबाइल पर 2 दिन पूर्व फोन करके कहा था कि मेरी पुत्री रागिनी का 24 जुलाई को जन्मदिन है उसे मेरे पास पहुंचा दो, उसका जन्मदिन मनाना है। मुकदमे का हवाला देते हुए उन लोगों ने असमर्थता जता दी थी। यह भी आरेाप लगाया कि पांच वर्षीय पोते को भी दामाद इसी तरह दो वर्ष पूर्व उठाकर ले गया था जिसे पुलिस की मदद से लाया गया था।
घंटों तलाश के बाद भी नहीं मिला कोई सुराग, तब पुलिस को हुआ शक
मामले की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर श्यामबिहारी अपनी टीम के साथ, नाना उमाशकर को लेकर अपहृत बताई जा रही बालिका की तलाश में जुट गए। आस-पास के सभी सीसीटीवी खंगालने के साथ ही, आस-पास के लोगों से भी अलग-अलग जाकर पूछताछ की गई। सात घंटे पसीना बहाने के बाद भी जब कोई सुराग नहीं तो पुलिस को शक हो गया। इसके बाद नाना के घर की तलाशी ली गई तो अपहृत बताई जा रही रागिनी, नाना के ही घर में चौकी के नीचे फाइबर के टब में छिपी पाई गई। इंस्पेक्टर श्यामबिहारी ने फोन पर बताया कि बालिका को सकुशल बरामद कर, उसके ननिहाल वालों को सुपुर्द कर दिया गया है। पुलिस को झूठे अपहरण की सूचना देने के पीछे की क्या पूरी कहानी है, इसके लिए सूचनादाता से पूछताछ की जा रही है।