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Sonbhadra News: राजकुमार हत्याकांड में दंपती सहित तीन को आजीवन कारावास, बेटे की शादी न किए जाने से थे खफा
Sonbhadra News: उर्मिला कुमारी अपनी बेटी की शादी उसी गांव के राजकुमार शर्मा के बेटे सूर्य प्रकाश शर्मा से करना चाहती थी, लेकिन उसने अपने बेटे की शादी झारखंड में कर दी, जिससे वह नाराज था।
Sonbhadra News : बेटे की शादी कहीं और करने से नाराज होकर की गई हत्या के मामले में दंपती समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। मामला बभनी थाना क्षेत्र से जुड़ा है। साढ़े चार साल पुराने मामले को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जितेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने शुक्रवार को अंतिम सुनवाई की। अधिवक्ताओं द्वारा दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध कराए गए सबूतों और गवाहों के दर्ज बयानों को ध्यान में रखते हुए आरोपियों को दोषी पाया गया। आरोपी अमरजीत गुप्ता, उसकी पत्नी उर्मिला कुमारी और शिवशंकर गुप्ता को आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर चार-चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने को कहा।
आरोपी मृतक के बेटे से करना चाहते थे बेटी की शादी
अभियोजन कथा के अनुसार बभनी थाना क्षेत्र के सांगोबांध गांव की रहने वाली उर्मिला कुमारी अपनी बेटी की शादी उसी गांव के राजकुमार शर्मा के बेटे सूर्य प्रकाश शर्मा से करना चाहती थी, लेकिन उसने अपने बेटे की शादी झारखंड में कर दी, जिससे वह नाराज थी। आरोप है कि इसी बात को लेकर उर्मिला ने 22 नवंबर 2019 को सुबह नौ बजे राजकुमार शर्मा को अपने घर बुलाया। राजकुमार जब वहां पहुंचा तो उर्मिला के साथ उसका पति अमरजीत गुप्ता और अमरजीत का भाई शिवशंकर गुप्ता भी था। तीनों ने उसे पकड़ लिया और कुल्हाड़ी के हत्थे से उसके सिर पर हमला कर दिया। सिर पर गहरी चोट लगने से राजकुमार की मौत हो गई। मामले को लेकर मृतक की पत्नी ममता ने 22 नवंबर 2019 को थाने में तहरीर दी। इस पर पुलिस ने अमरजीत गुप्ता, शिवशंकर गुप्ता पुत्र गोपाल गुप्ता और उर्मिला कुमारी पुत्री मुखदेव गुप्ता के विरुद्ध धारा 302, 34 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना की और पर्याप्त साक्ष्य का दावा करते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
दर्ज दोनों धाराओं के तहत पाया गया दोषी
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने तीनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 302 व 34 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जेल में बिताई गई अवधि सजा में जोड़ी जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सहायक शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनोद कुमार पाठक ने की।