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Sonbhadra News: गुड़गांव बुलाकर नाबालिग से किया था दुष्कर्म, मिली 20 वर्ष की कठोर कैद, डेढ़ लाख अर्थदंड
Sonbhadra News: मामले में एक व्यक्ति ने 18 मई 2022 को लिखित तहरीर दी। उसने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी आरबी कंप्यूटर सेंटर बभनी में कंप्यूटर पर काम करती थी। 5 मई 2022 को सुबह 9 बजे वह कंप्यूटर सेंटर पर गई थी, जिसके बाद वापस नहीं लौटी।
Sonbhadra News: नाबालिग को डरा धमकाकर गुड़गांव बुलाकर कई बार दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 20 वर्ष कठोर कारावास व डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। गुरुवार को पॉक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने ढाई साल पुराने मामले की अंतिम सुनवाई की। अदालत ने वकीलों द्वारा दी गई दलीलों, गवाहों के बयानों व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर दोषी पाते हुए सजा पर फैसला सुनाया। दोषी संतोष कुमार खरवार को 20 वर्ष कठोर कारावास, डेढ़ लाख रुपये जुर्माना व जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई।
पुलिस को इस बात की दी गई थी तहरीर
मामले में एक व्यक्ति ने 18 मई 2022 को लिखित तहरीर दी। उसने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी आरबी कंप्यूटर सेंटर बभनी में कंप्यूटर पर काम करती थी। 5 मई 2022 को सुबह 9 बजे वह कंप्यूटर सेंटर पर गई थी, जिसके बाद वापस नहीं लौटी। उसकी खोजबीन के दौरान पता चला कि संतोष कुमार पुत्र दलवीर सिंह निवासी बभनी जरहा टोला उसे बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। जब पीड़िता की बहन ने उससे फोन पर बात की तो उसने बताया कि उसने उसकी बहन से शादी कर ली है। पीड़िता के पिता ने उस पर कंप्यूटर सेंटर बभनी से अपहरण कर दिल्ली ले जाने का आरोप लगाया तथा उसके साथ अप्रिय घटना कारित करने की आशंका जताई। इस पर धारा 363, 366 आईपीसी के तहत मुकदमा पंजीकृत कर पीड़िता को बरामद करते हुए अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया।
धमकी देकर बुलाया था गुड़गांव, कई बार किया दुष्कर्म
बरामदगी के बाद पीड़िता की तरफ से पुलिस को जो जानकारी दी गई, उसके मुताबिक सामने आया कि आरोपी संतोष कुमार उसको जान से मारने की धमकी दिया करता था और जबरदस्ती शारीरिक सम्बन्ध बनाना चाहता था। उसने पीड़िता को घर से भागने के लिए उकसाया और उसे दिल्ली (गुड़गांव) बुलाया। वहां पहुंचने पर उसक तीन दोस्त मिले जो उसे एक कमरे में ले जाकर छोड़ दिए। सात मई को दोषी पाए गए संतोष कुमार ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। जब उसे यह पता चला कि मामला थाने तक पहुंच गया है, तब वह 16 मई 2022 को बभनी लेकर पहुंचा।
इन-इन धाराओं के तहत दाखिल की गई थी चार्जशीट
पीड़िता के बयान के आधार पर मामले में धारा-376 आईपीसी और धारा-5एल/6 पॉक्सो एक्ट की बढ़ोत्तरी की गई। वहीं विवेचना पूरी होने के बाद पाए गए साक्ष्यों के आधार पर धारा-363, 366, 376(2)एन आईपीसी और धारा-5एल/6 पॉक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों सुने।
सुनवाई के दौरान नौ गवाहों ने दर्ज कराए थे बयान
नौ गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। दोषसिद्ध पाए जाने पर उपरोक्त सजा सुनाई। जेल में बिताई अवधि को सजा में समायोजित करने और अर्थदंड जमा होेने पर, उसमें से एक लाख 20 हजार पीड़िता को प्रदान किए जाने का भी आदेश पारित किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह की तरफ से की गई।