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Sonbhadra News: IAS-IPS से दोस्ती बताने वाले हेडमास्टर के निलंबन ने बटोरी सुर्खियां, BSA ने किया ये दावा, जानें क्या पूरा मामला

Sonbhadra News: निलंबित किए गए प्रधानाध्यापक इकरार हुसैन ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए बीएसए और वरिष्ठ सहायक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनका दावा है कि वरिष्ठ सहायक ने उनसे अच्छी-खासी रकम की मांग की थी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 24 Oct 2024 10:32 PM IST (Updated on: 24 Oct 2024 10:37 PM IST)
Suspended Principal Iqrar Hussain -District Basic Education Officer Mukul Anand Pandey
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निलंबित प्रधानाध्यापक इकरार हुसैन-जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनंद पांडेय: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: आईएसएस-आईपीएस से दोस्ती का दावा कर सोशल मीडिया पर अच्छी-खासी फैन फालोविंग बटोरने वाले प्रधानाध्यापक को निलंबित करने का मामला सोशल मीडिया पर छा सा गया है। बीएसए मुकुल आनंद पांडेय के आरोप हैं कि संबंधित शिक्षक को निरीक्षण में लगातार गैरहाजिर पाया गया। शैक्षणिक क्रियाकलाप भी काफी निराशानजनक मिले। वहीं, निलंबित किए गए प्रधानाध्यापक ने, बीएसए कार्यालय से संबंद्ध एक लिपिक पर निलंबन की साजिश रचने और उसके प्रभाव में आकर बीएसए द्वारा कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाकर खलबली मचा दी है। कहा जा रहा है कि मामला डीएम दरबार तक पहुंच गया है। ऐसे मंे शह-मात का यह खेल किस करवट बैठेगा? इसको लेकर जगह-जगह चर्चा छिड़ी हुई है।

इन आरोपों को लेकर की गई निलंबन की कार्रवाई

बीएसए की तरफ से जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि उन्होंने 10 अक्टूबर 2024 की दोपहर 12.30 बजे प्राथमिक विद्यालय खरवारी टोला नधिरा, ब्लाक म्योरपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया था। इस दौरान प्रधानाध्यापक इकरार हुसैन विद्यालय से बिना किसी पूर्व सूचना/स्वीकृत अवकाश के 14 सितंबर 2024 से निरीक्षण तिथि तक अनधिकृत रुप से अनुपस्थित पाए गए। नामांकित छात्रों-छात्राओं, उनके अभिभावकों ने अवगत कि वह कभी विद्यालय नही आते। जब भी विद्यालय आते हैं उपस्थिति पंजिका में एक साथ हस्ताक्षर बना देते हैं। अभिभावको को शिकायत करने पर धमकी दी जाती है। बिना प्रभार हस्तानांतरण के विद्यालय से लगातार अनधित रुप से अनुपस्थित रहते हैं। छात्रों-छात्राओं की उपस्थित अति न्यून थी। उपस्थिति पंजिका क्षतिग्रस्त थी। मध्यान्ह भोजन मानक के अनुरुप नहीं थपा। कंपोजिट ग्रांट का लेखा-जोखा, मध्यान्ह भोजन का प्रतिदर्श नहीं मिला वास्तविक छात्र उपस्थिति से अधिक सूचना अंकन की शिकायत मिली। पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही-उदासीनता, अनधिकृत अनुपस्थिति, मध्यान्ह भोजन, कम्पोजिट ग्रांट धनराशि के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए निलंबित किया गया है।

वरिष्ठ सहायक की मांग पूरी न करने पर किया गया निलंबन

उधर, निलंबित किए गए प्रधानाध्यापक इकरार हुसैन ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए बीएसए और वरिष्ठ सहायक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उनका दावा है कि वरिष्ठ सहायक ने उनसे अच्छी-खासी रकम की मांग की थी। वह ब्लाक के शिक्षकों का शिक्षक नेता के रूप में प्रतिनिधित्व करते हैं, इस नाते उन पर नाजायज दबाव भी डाला गया। इंकार पर पूरी साजिश रचते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई। निलंबित प्रधानाध्यापक का दावा है कि 10 अक्टूबर को बीएसए विद्यालय पर गए जरूर थे लेकिन न तो बच्चों से बात की, न गुणवत्ता चेक किया, न ही कोई पत्रावली मांगी। अलबत्ता उनका मेडिकल रिजेक्ट करते हुए अबसंेट कर दिया गया। बुलाकर निलंबन की धमकी दी गई। वरिष्ठ सहायक देवेश शुक्ला ने पैसे की मांग की। एक स्वयं सेवी संगठन को नाम लेते हुए भी धमकी दी गई।

कमीशन ग्रांट में विरोध करने पर कार्रवाईः इकरार

इकरार हुसैन का दावा है कि उनके बच्चे खासे निपुण हैं। उनके विद्यालय पर एडी बेसिक भी पहुंची थी लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई। जिस बिल्डिंग को किसी दूसरे ने बनवाया, उसके लिए भी दोषी ठहराया जा रहा है। मेडिकल रिजेक्ट करने के पीछे मंशा क्या थी? इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कमीशन ग्रांट पर लिए जाने वाले कथित 12 प्रतिशत कमीशन का विरोध करने पर यह कार्रवाई की गई।



13 दिन बाद मामला सार्वजनिक होने पर भी सवाल

10 अक्टूबर की तिथि में की गई निलंबन की कार्रवाई को 23 अक्टूबर को सार्वजनिक किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज न उठाने पाएं, इसलिए यह कार्रवाई की गई। नियम के खिलाफ कई ट्रांसफर किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी और कितने मेडिकल रिजेक्ट किए गए, इसकी भी जांच की जानी चाहिए। इकरार ने कहा कि उन्होंने अपनी बात डीएम के सामने रखी है।

सरासर झूठ बोल रहे हैं इकरार: देवेश

बीएसए कार्यालय में वरिष्ठ सहायक बताए जा रहे देवेश शुक्ला ने फोन पर कहा कि इकरार के मामले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। न ही कंपोजिट ग्रांट से उनका कोई मतलब है। इकरार सरासर झूठ बोल रहे हैं। अब इस मामले में कौन झूठ बोल रहा कौन सच? यह तो प्रकरण की गहन छानबीन के बाद ही सामने आएगा। फिलहान आरोप-प्रत्यारोप का यह क्रम, किस करवट बैठता है, इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं।



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Ragini Sinha

Ragini Sinha

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