Sonbhadra News: प्रबंधन के उत्पीड़न से नाराज शिक्षकों ने खोला मोर्चा, डेढ दर्जन शिक्षकों ने सीजीएम से लगाई गुहार

Sonbhadra News: ओबरा परियेाजना के स्वामित्व वाले ओबरा इंटर कॉलेज के संचालन का जिम्मा संभाले डीएवी प्रबंधन को अभी एक वर्ष भी नहीं व्यतीत हो पाए हैं

Kaushlendra Pandey
Published on: 23 July 2023 2:50 PM GMT (Updated on: 23 July 2023 2:53 PM GMT)
Sonbhadra News: प्रबंधन के उत्पीड़न से नाराज शिक्षकों ने खोला मोर्चा, डेढ दर्जन शिक्षकों ने सीजीएम से लगाई गुहार
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Sonbhadra News: ओबरा परियेाजना के स्वामित्व वाले ओबरा इंटर कॉलेज के संचालन का जिम्मा संभाले डीएवी प्रबंधन को अभी एक वर्ष भी नहीं व्यतीत हो पाए हैं कि अब यहां तैनात शिक्षकों ने प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया है। नाराज शिक्षकों ने तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें बताया गया है कि डीएवी प्रबंधक द्वारा बच्चों के बाथरूम में ही शिक्षकों को भी जाने के लिए बार-बार माइक पर आदेश देकर बाध्य किया जा रहा है।

चरित्र पर टिप्पणी, व्यक्तिगत कमेंट से शिक्षकों में असंतोष

अभिभावकों एवं प्रवेश लेने हेतु आने वाले बच्चों और वर्तमान विद्यार्थियों के बीच बार-बार माइक पर शिक्षकों के वेतन अधिकता, चलने के ढंग, कामचोर एवं चरित्र पर टिप्पणी करने के साथ व्यक्तिगत कमेंट करके शिक्षकों को उकसाया जा रहा है। वहीं शिक्षकों द्वारा आरोपों का उत्तर दिए जाने पर उन्हें छात्रों के बीच बेइज्जत करके भगा दिया जा रहा है। शिक्षकों ने सीजीएम से मांग की है कि यूपी बोर्ड द्वारा निर्धारित शासकीय समय सारणी साढ़े 7 से साढ़े 12 लागू किया जाए।

लाउस्पीकर के जरिए बेइज्जत करने का आरोप

शिक्षकों का कहना है कि खाली समय में चिकित्सकीय इमरजेंसी अथवा बैंकिंग कार्य हेतु बाहर जाने की अनुमति दी जाए। शिक्षकों को टारगेट करके योग्यता से इतर शिक्षण कार्य देकर अयोग्य साबित करने की नीति पर रोक लगाई जाए। लाउस्पीकर के जरिए बेइज्जत ना किया जाए। अधिकांश शिक्षक 50 वर्ष से ऊपर उम्र के हैं। उनके उम्र का लिहाज करते हुए बैठकर पढ़ाने की अनुमति और कुर्सी-मेज की व्यवस्था दी जाए। शिक्षकों एवं बच्चों के आने एवं जाने के समय मुख्य गेट को खोला जाए। समस्त स्टाफ रूम एवं प्रयोगशालाओं से संबंधित प्रभारी कक्ष पूर्व की भांति खोल कर कार्य करने दिया जाए।

‘डीएवी प्रबंधन के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से दिलाई जाए मुक्ति’

शिक्षकों की मांग है कि डीएवी प्रबंधक द्वारा शिक्षकों को अपने ऑफिस में बुलाकर कैमरे के सामने उकसाने वाले कार्य करके उनकी प्रक्रिया को रिकॉर्ड करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए तथा सभी शिक्षकों को डीएवी प्रबंधक के व्यक्तिगत हस्तक्षेप से मुक्त किया जाए। प्राथमिक के शिक्षकों से प्रवक्ता का कार्य न लिया जाए। शिक्षकों को टारगेट कमेंट करके उकसाना जवाब देने पर एकतरफा रिकॉर्ड करना फिर उस रिकॉर्ड को अयोग्यता का आधार बनाकर वेतन काटने की धमकी एवं सेवा में अयोग्यता का आधार न बनाया जाए। शिक्षकों ने पत्र में कहा है कि उक्त बिंदुओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाए। क्योंकि लगातार उत्पीड़न से शिक्षकों की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। यह भी मांग की गई कि किसी शिक्षक के साथ कोई दुखद हादसा हो, इससे पहले ही चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी परियोजना के भीतर संबद्ध करके निगम हित में सेवा लिया जाए। इस मामले में विद्यालय के देखरेख से जुड़े एक्सईएन डीके सिंह और अब्दुल से फोन पर संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।

Kaushlendra Pandey

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