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Sonbhadra News: अवर्षण की स्थिति ने तोड़ा 12 सालों का रिकार्ड, महज 51.98 फीसद बारिश, किसानों को नहीं मिली कोई राहत

Sonbhadra News: जिले में बारिश का सीजन समाप्त होने के बाद, अवर्षण को लेकर जो स्थिति सामने आई है, उसने पिछले 12 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। 2010 से लेकर अब तक की अवधि में सोनभद्र से, सबसे कम, महज 51.98 फीसद बारिश दर्ज की गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 30 Sep 2023 2:23 PM GMT
Precipitation situation broke the record of 12 years, only 51.98 percent rainfall, farmers did not get any relief
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अवर्षण की स्थिति ने तोड़ा 12 सालों का रिकार्ड, महज 51.98 फीसद बारिश, किसानों को नहीं मिली कोई राहत: Photo- Social Media

Sonbhadra News: सोनभद्र । जिले में बारिश का सीजन समाप्त होने के बाद, अवर्षण को लेकर जो स्थिति सामने आई है, उसने पिछले 12 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। 2010 से लेकर अब तक की अवधि में सोनभद्र से, सबसे कम, महज 51.98 फीसद बारिश दर्ज की गई है। बावजूद अभी तक किसानों को कोई राहत नहीं मिल पाई है। हालांकि सचिव आपदा का कहना है कि इसको लेकर सर्वे की प्रक्रिया अपनाई जा रही है लेकिन सोनभद्र को सूखाग्रस्त घोषित किया जाएगा या नहीं? सर्वे रिपोर्ट आने तक यह सवाल अभी अनसुलझा पडा है।

जून से लेकर सितंबर माह तक की बारिश के जो आंकड़े जिले के राजस्व/भूलेख महकमे की तरफ से रिकार्ड किए गए हैं, वह खेती-किसानी की स्थिति को लेकर चिंता में डालने वाले हैं। माहवार वारिश के आंकड़ो पर गौर करें तो औसत मानक बारिश के मुकाबले जून में लगभग 68 फीसद, जुलाई में लगभग 48 प्रतिशत, अगस्त में लगभग 51 प्रतिशत और सितंबर में लगभग 50 फीसद ही बारिश दर्ज की गई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो यह आंकड़ा वर्ष 2010 से अब तक सबसे कम बारिश दर्ज कराने वाला आंकड़ा साबित हुआ है।

वर्ष 2014-वर्ष 2015 के आंकड़ें को भी छोड़ा पीछे

सोनभद्र में वर्ष 2014 और वर्ष 2015 में 60 फीसद से कम बारिश दर्ज की गई थी। इसको देखते हुए, शासन की तरफ से दोनों वर्ष में जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था लेकिन इस वर्ष की हो हालत है, वह वर्ष 2014 और वर्ष 2015 को भी पीछे छोड़ने वाली है। बावजूद जहां अब तक किसानों कोई राहत नहीं मिल पाई है। वहीं राजस्व, बिजली एवं अन्य मदों को लेकर किसानों पर लगातार कार्रवाई का डंडा जारी है। बता दें कि वर्ष 2014 में मानक औसत बारिश के मुकाबले 54.27 प्रतिशत और वर्ष 2015 में 57.29 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई थी। इस बार यह आंकडा घटकर 51.98 फीसद पर आ गया है।

एक तरफ खेती पर मार, दूसरी तरफ हो जा रही एफआईआर

एक तरफ जहां किसानों को सूखे की स्थिति और मुंह बाए महंगाई से जूझना पड रहा है। वहीं गांवों में चेकिंग कर बकाए की वसूली बढ़ाने की जुगत में जुटे बिजली विभाग के लोग कनेक्सन तो काट ही रहे हैं। कनेक्सधारियों पर ही चोरी का आरोप लगाकर उसी परिवार के दूसरे व्यक्ति के नाम, बिजली थाने में एफआईआर दर्ज करा दी जा रही है। पीड़ितों द्वारा बिजली दफ्तर के लगाए जा रहे चक्कर का भी कोई हल नहीं निकल पा रहा है। अलबत्ता दोहरी मार झेल रहे किसानों को, बिजली बिल और एफआईआर से राहत दिलाने के नाम पर सक्रिय कथित बिचौलियों के शोषण का शिकार जरूर होना पड रहा है।

कराया जा रहा सर्वे, जल्द दी जाएगी राहत: सचिव आपदा

दो-तीन दिन पूर्व जिले के दौरे पर आए सचिव आपदा रविंद्र प्रताप शाही का कहना था कि सूखे की स्थिति को लेकर सभी जिलों में सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सोनभद्र को देखते हुए क्या उम्मीद है, के सवाल पर कहा कि सर्वे रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही सर्वे रिपोर्ट आएगी, सूखा प्रभावित जिलों को राहत पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

Shashi kant gautam

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