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Sonbhadra: 'जो हिंदू हितों की बात करेगा, वहीं इस देश पर राज करेगा', बोले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
Sonbhadra News: अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, 'सियासी बाजी जीतनी है तो करना पड़ेगा हिंदू भावनाओं का ख्याल। उन्होंने कहा, एमपी-छत्तीसगढ़-राजस्थान चुनाव ने सनातन विरोधियों को दिया करारा जवाब।'
Sonbhadra News: ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा है कि, 'राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की जनता ने सनातन विरोधियों का करारा जवाब दिया है। साथ ही, इस बात का बड़ा संदेश भी दिया है कि अगर हिंदुस्तान में सियासत करनी है तो उन्हें हिंदू भावनाओं का ख्याल रखना ही पडे़गा। उन्होंने अपनी बात पर जोर दिया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम से पूरी तरह यह स्पष्ट है कि 2024 के लोस चुनाव में भी जो हिंदू हितों की बात करेगा, वहीं अब इस देश पर राज करेगा।'
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सोमवार (04 दिसंबर) की शाम जिले में केकराही इलाके के बकाही गांव में शिव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और धर्मसभा प्रवचन में शिरकत करने के लिए पहुंचे हुए थे।
'हिेंदुस्तान सबसे पहले हिंदुओं का'
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लोगों से धर्म रक्षा, हिंदू हितों की रक्षा और गौ सेवा को बढ़ावा देने के लिए सदैव तत्पर रहने और इसको लेकर आगे आने की अपील की। वहीं, उन्होंने देश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर भी खुलकर बोले। उन्होंने साफ कहा कि 'हिंदुस्तान सबसे पहले हिंदुओं का है। आजादी के बाद भी, हिंदुओं के साथ हिंदू बहुल देश में ही दोयम दर्जे का व्यवहार होता है। जबकि आक्रमणकारियों-आक्रांताओं को सियासत से लेकर हर मामले में पहली प्राथमिकता दी जाती है। राजस्थान, मध्यप्रदेशा और छत्तीसगढ़ के चुनाव ने इस बात का स्पष्ट संदेश दिया है कि देश के सियासत में अब हिंदू विरोधी राजनीति स्वीकार्य नहीं रह गई है। अब जिस किसी को यहां सियासत करनी है या देश की सत्ता में रहना है तो उसे हिंदू भावनाओं का ख्याल प्राथमिकता पर रखना ही होगा।'
भव्य राम मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लिए गौरव का विषय
अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण और जनवरी 2024 में उसके लोकार्पण के साथ ही, करोड़ों हिंदुओं को रामलला के अद्भुत-अलौकिक स्वरूप को नजदीक से निहारने के लिए मिल रहे मौके के मसले पर कहा कि 500 साल बाद यह मौका है। इस पर सभी सनातनियों को गर्व करना चाहिए।
सारे मसले एक तरफ, हिंदुओं का स्वाभिमान एक तरफ
ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि, 'मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का जो जनादेश आया है वह इस बात की पुष्टि है कि हिंदू भावनाओं की अनदेखी कर यहां सियासत नहीं हो सकती। साथ ही, इस बात का प्रमाण भी है कि जो हिंदू हितों की अनदेखी करेगा, उसे जनता की अनदेखी का सामना करना पड़ेगा। आगे कहा कि, सारा मसला एक तरफ, हिंदुओं का स्वाभिमान एक तरफ। कहा कि हिंदुओं को उनके ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक बनाया गया है। वहीं, दूसरे देश से आए आक्रमणकारियों को पहले दर्जे पर रखना, यह हिंदुओं के स्वाभिमान के खिलाफ है।'
सियासत में आने के बाद योगी, योगी नहीं, सिर्फ राजनेता
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने संन्यासियों, योगियों और संतों को राजनीति में आने के मसले पर भी बड़ी बात बोली। कहा कि 'जो भी संत, संन्यासी या योगी राजनीति में आ रहे हैं या किसी संवैधाानिक पद-दायित्व को संभाल रहे हैं तो वह संत नहीं एक नेता है और उनसे संत धर्म नहीं, बल्कि राजधम है। क्योंकि संवैधानिक पद पर बैठने वाला व्यक्ति धर्मनिरपेक्षता की शपथ लेता है। उससे उसी तरह के आचरण की अपेक्षा होनी चाहिए।'
योगी के हाथों यूपी की कमान, हिंदुओं के लिए बड़ा संदेश
यूपी की तर्ज पर राजस्थान की कमान भी एक योगी के हाथों में सौंपने की चर्चा के मसले पर जगद्गुरू ने कहा कि, 'यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपकर यह एक संदेश जरूर दिया गया है कि वह हिंदुओं के हित और उनके स्वाभिमान की रक्षा करेंगे। लेकिन, अब उनका धर्म राजधर्म है। वह राजधर्म का निर्वहन करें, यहीं उनसे अपेक्षा भी है।'
लोकेश्वर महादेव मंदिर सनातन हितों की रक्षा का बनेगा बड़ा केंद्र
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बकाही में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकेश्वर महादेव मंदिर का स्थल सनातन हितों की रक्षा का बड़ा केंद्र बनेगा। कहा कि आज उन्होंने यहां महादेव की प्राणप्रतिष्ठा के साथ ही, इस व्यवस्था को लागू करने की बात कहा। कहा कि मंदिर में रखे रजिस्टर में सनातन हित और सनातन मतावलंबियों से जुडी जो भी बात अंकित की जाएगी, वह उन तक सीधे पहुंचेगी और उसका समाधान होगा। इसके लिए उन्होंने डा. अमरनाथ देव पांडेय को जिले के पहले धर्मांसद का दायित्व सौंपने की घोषणा भी की। कहा कि जब इस स्थल से ज्यादा लोगों का जुड़़ाव होगा तो वह अपने स्तर से भी इसका चुनाव कर सकेंगे।
गौसेवा के लिए मिलेगा हर तरह का सहयोग
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने, उनकी हत्या पर पूर्ण पाबंदी को भारत देश के तरक्की-समृद्धि के लिए जरूरी बताते हुए कहा कि गौसेवा के लिए जिसे भी परामर्श की जरूरत है, उन्हें हर संभव सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपने जीवन चर्या में योग-प्राणायाम को शामिल करने की अपील भी की। कहा कि जिनका भी आहार-विहार योग युक्त होगा, उनके दुखों का काफी हद तक खुद ब खुद निवारण हो जाएगा। पूर्वजों-ऋषि-मुनियों ने जो धर्म नियम बनाए, उसके पीछे उनकी मंशा क्या थी और उसका हमें फायदा क्या है, इस पर लोगों से विचार करने का आह्वान किया। कहा कि अगर उनके बताए नियम का पालन करते हैं तो इसका फायदा, नियम बनाने वाले को नहीं, पालन करने वाले को मिलेगा, इस बात पर जरूर ध्यान दें। इस मौके पर डा. गोपाल सिंह, अशोक चौबे, गोपास्वरूप पाठक समेत तमाम लोग मौजूद रहे।