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Sonbhadra News: करबला की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बता लाभ अर्जित करने का मामला पहुंचा न्यायालय
Sonbhadra News: अंजुमन इस्मालिमया कमेटी राबटर्सगंज के अध्यक्ष पर करबला की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति (ईदगाह) बताकर, स़ड़क किनारे दुकानों का आवंटित करने और इसके जरिए व्यक्तिगत लाभ अर्जित करने का बड़ा आरोप लगाया गया है।
Sonbhadra News : अंजुमन इस्मालिमया कमेटी राबटर्सगंज के अध्यक्ष पर करबला की जमीन को वक्फ बोर्ड की संपत्ति (ईदगाह) बताकर, स़ड़क किनारे दुकानों का आवंटित करने और इसके जरिए व्यक्तिगत लाभ अर्जित करने का बड़ा आरोप लगाया गया है। प्रकरण को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में 173 (4) बीएनएसएस के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल कर प्रभारी निरीक्षक राबटर्सगंज को प्राथमिकी दर्ज किए जाने का आदेश दिए जाने की याचना की गई है। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय की तरफ से क्षेत्राधिकारी सदर को प्रकरण की विस्तृत जांच कर, आगामी आठ मार्च को न्यायालय में आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
- यह है मामला, इनकी तरफ से लगाए गए हैं आरोप:
अल्ताफ अहमद पुत्र अब्दुल जब्बार निवासी हर्षनगर थाना राबर्ट्सगंज की तरफ से से न्यायालय में दाखिल प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि नगर क्षेत्र में स्थित बभनौली की श्रेणी 6-3 की जमीन जो करबला के नाम दर्ज है, का किसी भी प्रकार के व्यवसायिक गतिविधि के संचालन के लिए उपयोग या निर्माण नहीं किया जा सकता है। आरोप है कि स्वयं को अंजुमान इस्लामिया कमेटी का अध्यक्ष बताने वाले व्यक्ति ने स्वयं को करबला संस्थान का अध्यक्ष बताते हुए नियत प्राधिकरण के समक्ष संबंधित आराजी में निर्माण के लिए गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया और इसके आधार पर नक्शा भी पास करा लिया। प्रार्थना पत्र में दावा किया गया है कि करबला संस्थान के नाम से अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड में कोई भी संस्था पंजीकृत नहीं है।
- करबला की जमीन पर खड़ी कर ली गईं 22 व्यवसायिक दुकानें:
प्रार्थना पत्र के जरिए दावा किया गया है कि संबंधित आराजी पर, प्रावधानों के विपरीत 22 व्यवसायिक दुकानें निर्मित कर ली गई। आरोप है कि सभी दुकानों का आवंटन निजी लाभ के लिए आरोपी की तरफ से स्वयं को अंजुमन ईस्लामिया कमेटी राबर्ट्सगंज का अध्यक्ष बताते हुए किया गया। आरोप लगाया गया है कि आरोपी की तरफ से बगैर किसी अधिकार के करोड़ों की कीमती भूमि पर गलत ढंग से दुकानों का आवंटित करते हुए एक बड़ी धनराशि अर्जित की गई है। करबला की भूमि को वक्फ बोर्ड की सम्पत्ति ईदगाह बताते हुए दुकानों के आवंटन पर सवाल उठाए गए हैं और निजी लाभ के लिए बड़े षडयंत्र का आरोप लगाया गया है।
- जानिए, क्षेत्राधिकारी सदर को क्या दिया गया है आदेश?
न्यायालय ने प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए माना कि प्रकरण के सत्यता की जानकारी के लिए क्षेत्राधिकारी सदर से जाँच आख्या मंगाया जाना उचित प्रतीत होता है। क्षेत्राधिकारी सदर को आदेशित किया गया है कि आवेदक के प्रार्थना पत्र में उल्लिखित आरोपों की सत्यता को परखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रतिपादित विधि व्यवस्था के आलोक में जरूरी साक्ष्य लेते हुए विस्तृत जांच की जाए। आदेशित किया गया है कि जांच आख्या और जांच के दौरान प्रतिपादित की गई संपूर्ण कार्यवाही न्यायालय के समक्ष अनिवार्य रूप से आठ मार्च 2025 को प्रस्तुत करना सुनिश्चित किया जाए।