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अनोखी पहल: नवविवाहित जोड़े ने पौधरोपण कर किया दांपत्य जीवन में प्रवेश

Sonbhadra News: वन एरिया के मामले में पूरे यूपी में अहम स्थान रखने वाले म्योरपुर ब्लाक क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं के जाल के साथ प्रदूषण की समस्या दिन ब दिन गहराती जा रही है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 5 Dec 2024 5:58 PM IST
Sonbhadra News
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नवविवाहित जोड़े ने पौधरोपण कर किया दांपत्य जीवन में प्रवेश (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: आदिवासी बहुल म्योरपुर इलाके में दो दिन पूर्व दांपत्य जीवन में बंधने वाले एक डॉक्टर दंपती की अनोखी पहल सामने आई है। मामला म्योरपुर ब्लॉक के गड़िया गांव का बताया जा रहा है। यहां के रहने वाले डा. राज और उनकी पत्नी डा. संगीता चार दिसबर को वाराणसी में आयोजित शादी समारोह में दांपत्य जीवन में बंधे थे। अगले दिन यानी पांच दिसंबर को डा. संगीता विदा होकर ससुराल पहुंची। घर में प्रवेश से पहले दंपती ने पौधरोपण की रस्म निभाई। शादी को हमेशा के लिए याद रखने के लिए एक-दो नहीं 51 पौधे रोपे गए। बृहस्पतिवार यानी छह दिसंबर को यह मामला लोगों के सामने आया तो पर्यावरण संरक्षण को लेकर डॉक्टर दंपती की तरफ से सामने आई अनोखी पहल हर किसी के बीच चर्चा का विषय बन गई।

बताते हैं कि वन एरिया के मामले में पूरे यूपी में अहम स्थान रखने वाले म्योरपुर ब्लाक क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं के जाल के साथ प्रदूषण की समस्या दिन ब दिन गहराती जा रही है। जंगल की लकड़ियां कभी कब्जे तो कभी तस्करों की तरफ से होने वाली कटान की भेंट चढ़ती जा रही है। इसको देखते हुए, जहां लगातार पौधरोपण पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, बारिश के समय अभियान चलाकर पौधरोपण के साथ ही लोगों को जागेरूक करने का भी अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे समय में, नव दांपत्य सूत्र में बंधने वाले डॉक्टर दंपती की तरफ से जिस तरह की पहल सामने आई है, वह दूसरों के लिए नजीर मानी जा रही है।

शादी से पहले ही, जोड़े ने तय कर लिया था पौधरोपण का कार्यक्रम

डॉ. राज के भाई एवं अधिवक्ता सत्यनारायण यादव बताते हैं कि इस जोड़े ने शादी से पहले ही, पौधरोपण का कार्यक्रम तय कर लिया था। खास बात यह है कि पौधरोपण की पेशकश दुल्हे की तरफ से नहीं बल्कि दुल्हन की तरफ से आई थी। दुल्हा पक्ष ने भी इस मांग को हाथोंहाथ लिया। यहीं कारण था कि डा. संगीता वाराणसी में चार दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में डा. राज के साथ परिणय सूच में बंधने के बाद अगले दिन यानी बुधवार को जब, अपने ससुराल पहुंची। वहां पौधरोपण की तैयारियां मिली। दंपती से कुछ पौधों का रोपण करवाने के बाद परिवार के अन्य लोगों ने कुल 51 फलदार (आम, अमरूद, आंवला) पौधे रोपे गए।

दूसरे जोड़ों के लिए नजीर बन सकती है यह पहल

जिस तरह से लगातार पेड़ों की संख्या घटती जा रही है। उसको देखते हुए नव दंपती की यह पहल, दूसरे जोड़ों के लिए भी अनुकरणीय मानी जा रही है। सोनभद्र जैसी जगह पर जहां प्रदूषण बड़ी समस्या बन चुका है, वहां यह पहल, एक सुखद संकेत देने वाली है। पर्यावरणविद् जगतनारायण कहते हैं कि दूसरे लोग भी मांगलिक कार्यक्रमों का समापन पौधरोपण के साथ करने लगें तो इस तरह की पहल पर्यावरण संरक्षण में खासी मददगार साबित होगी।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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