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Sonbhadra News: मजदूरी का भुगतान न होने से भड़के मजदूर, घंटों काटा बवाल, मेन गेट पर जड़ा ताला, तीन घंटे ठप रहा कार्य
Sonbhadra News: : एक तरफ जहां 1320 मेगावाट क्षमता वाली ओबरा सी की दूसरी इकाई को जल्द उत्पादन पर लाने की तैयारी चल रही है। वहीं, दूसरी तरफ, बकाया मजदूरी को लेकर आए दिन बनती विवाद की स्थिति
Sonbhadra News: एक तरफ जहां 1320 मेगावाट क्षमता वाली ओबरा सी की दूसरी इकाई को जल्द उत्पादन पर लाने की तैयारी चल रही है। वहीं, दूसरी तरफ, बकाया मजदूरी को लेकर आए दिन बनती विवाद की स्थिति के चलते, इकाई को जल्द उत्पादन पर लाने के प्रयासों को झटका लग रहा है। शनिवार को भी तीन से चार माह का बकाया पड़े मेहनताने को लेकर संविदा श्रमिकों ने जमकर बवाल काटा। लगभग आधा दर्जन ठेका फर्मों से जुड़े संविदा श्रमिकों ने मेन गेट पर ताला जड़ते हुए जमकर नारेबाजी की। बड़ी संख्या में मजदूरों की तरफ से नाराजगी जताए जाने से घंटों हंगामे की स्थिति बनी रही। इसके चलते लगभग तीन घंटें तक ओबरा सी का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरी तरह ठप रहा। कंपनी के निर्माण का ठेका लेने वाली कोरियन कंपनी दुसान के उच्चाधिकारियों से हुई वार्ता और जल्द भुगतान के आश्वासन के बाद, किसी तरह मामला शांत हुआ।
1300 करोड़ की लागत से कराया जा रहा ओबरा सी का निर्माण
लगभग 13 सौ करोड़ की लागत से निर्मित की जा रही 1320 मेगावाट वाली ओबरा सी परियोजना की 660 मेगावाट वाली पहली इकाई उत्पादन पर ली जा चुकी है। दूसरी को जल्द उत्पादन पर लाने की प्रक्रिया जारी है। लेकिन आए दिन बकाया मजदूरी का मसला किए जा रहे प्रयासों की ब़ड़ी बाधा बनता जा रहा है। शनिवार को एक नहीं बल्कि तीन ठेका फर्मों के संविदा मजदूर विरोध पर उतर आए। मजूदरों का कहना था कि तीन से चार माह का मेहनताना बकाया पड़ा है। भुगतान के नाम पर सिर्फ आश्वासन देकर लौटा दिया जा रहा है।
टाइम आफिस में मौजूदगी दर्ज कराने के बाद शुरू हुआ हंगामा
बताते हैं कि सुबह साढ़े आठ बजे के लगभग टाइम आफिस पहुंचे मजदूरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके स्टार इलेक्ट्रिकल्स, सम एनर्जी, पीएनसी सहित आधा दर्जन कंपनियों से जुड़े दर्जनों मजदूरों ने हंगामा शुरू कर दिया। परियोजना में कोई प्रवेश न कर पाए, इसके लिए मजदूरों ने हंगामे के कुछ देर बाद परियोजना के मेन गेट पर ताला भी जड़ दिया। सुबह लगभग नौ बजे से बनी हंगामे की स्थिति दोपहर बाद तीन बजे तक बनी रही। बीच-बीच में मजदूर नारेबाजी करते रहे। इसके चलते तीन घंटे तक अधिक समय परियोजना का निर्माण कार्य भी करीब-करीब पूरी तरह ठप पड़ गया।
उच्च स्तर पर कराई गई वार्ता, तब श्रमिक हुए शांत
स्थिति को देखते हुए ठेका फर्म के लोेगों ने कोरियन कंपनी के उच्च अधिकारियों से फोन के जरिए मजदूरों की वार्ता कराई। उन्हें जल्द भुगतान का आश्वासन मिला। इसके बाद मजदूर काम पर लौटने को राजी हुए। ठेका फर्माें का कहना था कि उन्हें भी भुगतान नहीं मिला है, इस कारण देर हो रही है। सच क्या है यह तो परियोजना प्रबंध नही बता सकता है लेकिन जिस तरह से ओबरा सी की दूसरी इकाई को जल्द नियमित उत्पादन पर लाने की तैयारी चल रही है, उसको देखते हुए, मेहनताने को लेकर मजदूरों द्वारा काटा जाता बवाल बड़ी बाधा बनता जा रहा है।
कथित ठेकेदारों ने किया असली खेल, भुगत रहे मजदूर
भुगतान में देर होने के पीछे कथित ठेकेदारों का बडा खेल माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि संविदा फर्मों को मजदूर सप्लाई के नाम पर कथित ठेकेदारों ने मलाई तो काटी ही मजदूरों से भी, उन्हें समय पर मेहनतान और अच्छी मजदूरी मजदूरी दिलाने के नाम पर अधिकांश मजदूरों से तीन से पांच हजार झटक लिए गए। अब जब मजदूरों को उनका मेहनताना मिलने में देर हो रही है तो वह भडक जा रहे हैं। वहीं, कथित ठेकेदार भी अनदेखी होने पर मजदूरों को भड़काने में लग जा रहे हैं।