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Sonbhadra News: नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ में तीन को पांच-पांच वर्ष की कैद, की थी शौच से लौट रही किशोरी को घसीटकर ले जाने की कोशिश

Sonbhadra News: शौच कर लौट रही किशोरी के साथ छेड़छाड़ और उसे घसीटकर साथ ले जाने की कोशिश के मामले में तीन दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। प्रकरण पन्नूगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 13 Dec 2023 7:14 PM IST
Three sentenced to five years imprisonment for molesting a minor girl
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नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ में तीन को पांच-पांच वर्ष की कैद: Photo- Social Media

Sonbhadra News: शौच कर लौट रही किशोरी के साथ छेड़छाड़ और उसे घसीटकर साथ ले जाने की कोशिश के मामले में तीन दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। प्रकरण पन्नूगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। सात साल पूर्व के इस प्रकरण में दोषियों पर 25-25 हज़ार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसे अदा न करने पर दो-दो माह की अतिरिक्त सज भुगतने का आदेश पारित किया गया है।

पाक्सो एक्ट की स्पेशल कोर्ट ने सुनाया फैसला

साल वर्ष पूर्व के इस मामले को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने बुधवार को सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गया दलीलों और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए दोषसिद्ध पाया गया और इसके लिए दोषी पाए गए गुपुत नाथ मौर्य उर्फ डोरी, अजय कुमार विश्वकर्मा और प्रभुनाथ यादव को 5- 5 वर्ष कैद तथा 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। जेल में बिताई गई अवधि को सजा में समाहित किए जाने का आदेश दिया गया। वहीं, यह भी आदेश पारित किया गया कि अर्थदंड के रूप में जमा होने वाली 75 हजार रुपये की धनराशि में से 50 हजार पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे।

इस मामले में सुनाई गई दोषियों को सजा

अभियोजन कथानक के मुताबिक पन्नूगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता ने पन्नूगंज थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर सौंपी। उसमें आरोप लगाया कि 29 सितंबर 2016 को शाम सात बजे वह शौच के लिए घर से बाहर गई थी। वापस लौटते समय पन्नूगंज थाना क्षेत्र के किचार गांव निवासी गुपुत नाथ मौर्य उर्फ डोरी पुत्र मारकंडेय मौर्य, अजय कुमार विश्वकर्मा पुत्र राम निहोर विश्वकर्मा तथा प्रभुनाथ यादव पुत्र बहादुर यादव ने उसे घेर लिया। उससे कहा कि मेरे साथ चलो। इंकार करने पर हाथ पकड़ कर घसीटने लगे। शोरगुल सुनकर मां पहुंची तो आरोपी वहां से भाग निकले। प्रकरण में पुलिस ने 30 सितंबर 2016 को एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी।

प्रकरण को लेकर वर्ष 2017 में दाखिल की गई चार्जशीट की लगभग सात साल तक सुनवाई चली। इस दौरान पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का परिशीलन करने के साथ ही, पीडिता के साथ ही अन्य गवाहों का बयान परीक्षित कराया गया। दोनों तरफ के अधिवक्ताओं की तरफ से अपने-अपने तर्क पेश किए गए।

मंगलवार को हुई सुनवाई में तीनों को दोषी पाया गया और उन्हें पांच-पांच साल के कारावास के साथ ही, 25-25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह की तरफ से की गई।



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Shashi kant gautam

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