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Sonbhadra News: 25 हजार के इनामिया सहित तीन तस्कर गिरफ्तार, जंगल के रास्ते वाया झारखंड-बिहार- प. बंगाल जाते हैं मवेशी
Sonbhadra News: पकड़े गए तस्करों स पूछताछ में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक खरीदने-बेचने के नाम पर गोवशों को जंगल-पहाड़ के रास्ते झारखंड-बिहार ले जाया जाता है।
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Sonbhadra News: कोन पुलिस ने जहां 25 हजार के इनामिया सहित तीन तस्करों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है। वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ है कि सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर के जंगल-गांवों के रास्ते से मवेशियों को, सीमा से सटे झारखंड और बिहार के सीमावर्ती जिलों में ले जाया जाता है। वहां से उन्हें वध के लिए पश्चिम बंगाल पहुंचा दिया जाता है। गिरफ्तार किए गए तस्करों के पास से तमंचे-कारतूस की बरामदगी का दावा करते हुए, उनके खिलाफ गोवध निवारण अधिनियम, पशु क्रूरता अधिनियम के साथ ही, आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक कोन पुलिस की तरफ से बुधवार को तीन तस्करों, ’ कामरान पुत्र सिराजुद्दीन निवासी ग्राम शेरपुर विशेश्वरपुर, थाना अदलहाट, जनपद मीरजापुर, बाबू पुत्र मोहन और पीयूष सेठ पुत्र स्व. सतीश सेठ निवासी मचलहट्टा वार्ड रामनगर, थाना रामनगर, जनपद कमिश्नरेट वाराणसी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। कामरान के अच्छे-खासे आपराधिक इतिहास और उसकी आपराधिक सक्रियता को देखते हुए एसपी की तरफ से उस पर 25 हजार का पुरस्कार घोषित किया गया था।
चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र में है इस गिरोह की सक्रियता:
पकड़े गए तस्करों स पूछताछ में पुलिस को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक खरीदने-बेचने के नाम पर गोवशों को जंगल-पहाड़ के रास्ते झारखंड-बिहार ले जाया जाता है। सोनभद्र के कोन अंचल से ले जाए जाने वाले गोवंश-मवेशियों को सीमा से सटे झारखंड के खरौंधी पहुंचाया जाता है। वहां से ट्रक पर लादकर वध करने के लिए बंगाल भेज दिया जाता है। बताया गया कि गिरोह के सदस्य चंदौली, वाराणसी, मीरजापुर और सोनभद्र तथा आस पास के जिलों में इस गिरोह की सक्रियता बनी हुई है।
बकरी चोरी-मादक पदार्थों की तस्करी में भी लिप्त है यह गिरोह:
बताया गया कि इस गिरोह के सदस्य रेकी कर, रात में घरों के दरवाजे बाहर से बंद कर देते हैं और बकरियों को चुराकर दूसरी जगह बेच देते हैं। मादक पदार्थों को भी बिहार-झारखंड से लाकर पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों में बेचने का काम किया जाता है। कहीं दिक्कत आने पर असलहा दिखाकर लोगों को डराया-धमकाया जाता है।
खरौंधी से इनका जुड़ा है कनेक्शन:
पकड़े गए तस्करों ने पुलिस को बताया कि मनोज यादव, दीपक मिश्रा के साथ गोवंशों को आस-पास के जनपदों से खरीदवाकर टाटा मैजिक से उमेश यादव के यहां खरौंधी झारखंड ले जाते हैं और वहां से कटने के लिए बंगाल भेज देते हैं। गत दो अक्टूबर को मुक्त कराए गए सौ से अधिक मवेशी इसी गिरोह से जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि इस दौरान फरार तस्करों में कामरान भी शामिल था।
गिरफ्तारी टीम में यह रहे शामिल:
पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक गिरफ्तारी/बरामदगी टीम में प्रभारी निरीक्षक गोपाल जी गुप्ता, निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह चौकी प्रभारी चांचीकला, एसआई मनोज कुमार सिंह चौकी प्रभारी चकरिया, एसआई वंश नारायण राय चौकी प्रभारी बागेसोती और उनकी टीम शामिल रही।