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Sonbhadra News: सगे भाइयों सहित छह को सुनाई गई सजा, सत्र न्यायालय से आया फैसला, सभी को भुगतनी होगी तीन-तीन वर्ष कैद

Sonbhadra News: सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलें और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए छहों दोषियों को तीन-तीन वर्ष की कठोर कैद और साढ़े छह-साढ़े छह हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 16 Nov 2024 7:30 PM IST
Sonbhadra News (Pic- News Track)
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Sonbhadra News (Pic- News Track)

Sonbhadra News: घोरावल थाना क्षेत्र के घुवास गांव में 10 वर्ष पूर्व वर्ष 2014 में पुरानी रंजिश को लेकर एक व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई और कथित जानलेवा हमले के मामले में सगे भाइयों सहित छह के खिलाफ दोषसिद्ध पाते हुए सजा सुनाई गई है। सत्र न्यायाधीश रविंद्र विक्रम सिंह की अदालत ने अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलें और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए छहों दोषियों को तीन-तीन वर्ष की कठोर कैद और साढ़े छह-साढ़े छह हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

यह था मामला, जिसको लेकर आया फैसला

घोरावल थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव निवासी रामजी सिंह ने घोरावल थाने मंे तहरीर देकर अवगत कराया था कि 15 जून 2014 की सुबह 8 बजे उसके चचेरे भाई जुगत नरायन गांव में निकले हुए थे। पुरानी रंजिश को लेकर महेंद्र सिंह पुत्र हनुमान निवासी लहास ने उन्हें रोक लिया। उनके साथ गाली-गलौज की। एतराज पर महेंद्र के भाई वीरेंद्र सिंह पहुंचकर लाठी से पीटने लगे। कुछ देर में वहां, लहास के ही रहने वाले विरेन्द्र सुचीत पुत्र झूल्लूर, सूरज पुत्र अंगद और उसका भाई छोटे पहुंच गए। सभी ने जुगतनारायण की बेरहमी से पिटाई करने के साथ ही, बीच-बचाव करने आए लोगों के साथ भी मारपीट की।

जानलेवा हमले सहित अन्य धाराओं के तहत दाखिल की गई थी चार्जशीट

प्रकरण में पांच आरोपियों के खिलाफ पुलिस की ओर से न्यायालय में धारा 308, 147, 148, 323, 325, 504 आईपीसी के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। दौरान विचारण न्यायालय की ओर से महेंद्र को भी जरिए समन तलब किया गया। सीजेएम न्यायालय में शुरूआती सुनवाई के बाद केस सत्र न्यायालय को ट्रांसफर कर दिया गया जहां सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्य और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर छहों आरोपियों को धारा 147, 149 333 और 325 आईपीसी के तहत दोषी पाया गया। धारा 323 सपठित धारा 147 आईपीसी के तहत एक वर्ष के सश्रम कारावास, धारा 323 सपठित धारा 149 आईपीसी के लिए छह माह का सश्रम कारावास और धारा 325 सपठित धारा 149 आईपीसी के लिए तीन वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। सभी सजा साथ-साथ चलेगी। अर्थदंड अदा न करने की दशा में दोषियों को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण राय ने मामले की पैरवी की।



Shalini Rai

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