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Sonbhadra Exclusive: इको सेंसिटिव जोन में टोल प्लाजा- करोड़ों की बिल्डिंग निर्माण में शर्तों का मिला उल्लंघन
Sonbhadra News: जांच में पाया गया है टोल प्लाजा के लिए संलग्न लेआउट प्लान में प्रशासनिक भवन टोल प्लाजा का निर्माण बाईं पटरी पर नियत था लेकिन मौके पर प्रशासनिक भवन टोलप्लाजा के दाहिनी पटरी पर निर्मित किया गया।
Sonbhadra News: वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर जिला मुख्यालय के पास लोढ़ी में एसीपी टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से निर्मित कराए गए टोल प्लाजा प्रशासनिक भवन और आवासीय होने के निर्माण को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। एसडीएम राबर्ट्सगंज की ओर से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भेजी गई आख्या में जहां गाटा संख्याः 1181 व 1184 क्षेत्रफल 7.5170 हेक्टेअर को लेकर
प्रभागीय वनाधिकारी, कैमूर वन्य जीव प्रभाग, मीरजापुर द्वारा दी गई जानकारी का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि प्रस्तावक विभाग द्वारा लोढ़ी में पूर्व से निर्मित वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग के बायीं तरफ निर्मित टोल प्लाजा एवं आवासीय कालोनी आदि कैमूर वन्य जीव विहार के इको सेंसटिव जोन के अंदर हैं।
चकबंदी पूर्व और वर्तमान में पहाड़ खाते में दर्ज बताई गई जमीन
वहीं, वर्तमान फसली खतौनी में अंकित गाटा संख्या 1181ख क्षेत्रफल 7.0550हेक्टेअर और गाटा संख्या 1184 क्षेत्रफल 29.9990हेक्टेअर को वर्तमान समय में पहाड़ खाते में दर्ज बताया गया है, जो श्रेणी- 6(4) के अंतर्गत है। इसी तरह गाटा संख्या 1181ख क्षेत्रफल 7.0550हेक्टेअर के बारे में जानकारी दी गई है कि इसका पुराना नंबर (चकबंदी पूर्व) 951 मि. क्षेत्रफल 28 बीघा एक विस्वा पहाड़ खाते में दर्ज रहा है । गाटा संख्या 1184 क्षेत्रफल के पुराना गाटा संख्या 1099 क्षेत्रफल 63 बीघा, गाटा संख्या 1100 क्षेत्रफल 24 बीघा 14 विस्वा, गाटा संख्या 1103 क्षेत्रफल 30 बीघा 18 विस्वा पहाड़ खाते में दर्ज बताया गया है।
बगैर किसी अनुमति आवासीय भवन का किया गया है निर्माण
एनजीटी में दाखिल किए गए रिपोर्ट में बताया गया है कि कार्यदायी संस्था को वन क्षेत्र से सड़क निर्माण की अनुमति देते समय शर्त संख्या सात निर्धारित की गई थी कि प्रस्तावित परियोजना का ले आउट प्लान बिना केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति से परिवर्तित नहीं किया जायेगा।
जांच में पाया गया है कि वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग किमी 72-73 के मध्य टोलप्लाजा के लिए संलग्न लेआउट प्लान में प्रशासनिक भवन टोल प्लाजा का निर्माण बाईं पटरी पर नियत था लेकिन मौके पर प्रशासनिक भवन टोलप्लाजा के दाहिनी पटरी पर निर्मित किया गया। प्रशासनिक भवन के अतिरिक्त एक अदद् आवासीय भवन का भी निर्माण किया गया जिसका प्रस्ताव के साथ प्रस्तुत किए गए लेआउट प्लान में कोई उल्लेख ही नहीं किया गया है।
शर्त संख्या 19 का भी उल्लंघन किए जाने का दावा
दाखिल की गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि परियोजना के व्यय पर, प्रत्यावर्तित वनभूमि को चार फीट ऊंची मजबूत सीमेंट कंकरीट पिलर्स द्वारा सीमांकन किया जायेगा। प्रत्येक पिलर पर क्रमांक, बैकवर्ड व फारवर्ड बियरिंग अंकित की जाएगी। इसके क्रम में प्रस्तावित परियोजना में हस्तान्तरित 7.517 हेक्टेअर आरक्षित वन भूमि को चार फीट ऊंचे आरसीसी पीलर द्वारा सीमांकित कर प्रत्येक पीलर पर बैकवर्ड / फारवर्ड बियरिंग अंकित कर स्थापित किया जाना नियत है जिसका प्रयोक्ता अभिकरण द्वारा अनुपालन नहीं किया गया है। बता दें कि अधिवक्ता आशीष चौबे की तरफ से प्रश्नगत प्रकरण को लेकर याचिका दाखिल की गई है जिस पर इसी हफ्ते एनजीटी से बड़ा फैसला आने की उम्मीद है।