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Sonbhadra News: सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश में यातायात माह ने दिलाई अच्छी कामयाबी, हादसों और मृतकों दोनों में कमी की गई दर्ज

Sonbhadra News: हाइवे पर संकेतकों-रिफ्लेक्टरों का अभाव और कमर तोड़ ब्रेकर, जहां लगातार हादसे का सबब बने हुए हैं। वहीं, यातायात माह में, पुलिस की तरफ से दिखाई सक्रियता का बेहतर परिणाम देखने को मिला है। यातायात माह के रूप में मनाया गया, पिछला माह नवंबर, इस मामले में बड़ी राहत देने वाला रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 10 Dec 2023 10:04 PM IST
Traffic Month has achieved good success in curbing road accidents, reduction in both accidents and deaths has been recorded.
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अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: हाइवे पर संकेतकों-रिफ्लेक्टरों का अभाव और कमर तोड़ ब्रेकर, जहां लगातार हादसे का सबब बने हुए हैं। वहीं, यातायात माह में, पुलिस की तरफ से दिखाई सक्रियता का बेहतर परिणाम देखने को मिला है। यातायात माह के रूप में मनाया गया, पिछला माह नवंबर, इस मामले में बड़ी राहत देने वाला रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार के यातायात माह में हादसों और मृतकों दोनों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।

इसको देखते हुए, जहां पुलिस महकमे की तरफ से, ट्रैफिक जवानों को लगातार अलर्ट किया जा रहा है। वहीं, हादसे में प्रभावी कमी लाने के लिए, वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग और रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग पर पर्याप्त संकेतकों, ब्रेकरों की अच्छी स्थिति, हाइवे स्थित फ्लाईओवरों पर लाइट की व्यवस्था किए जाने को लेकर लगातार मांग बनी हुई है।


वर्ष की शुरूआत में रही तेजी, बाद में दर्ज होती गई गिरावट

पिछले वर्ष यातायात माह में 41 हादसों और 33 मौतों को देखते हुए, इस वर्ष जहां, शुरूआत से ही, हादसों पर प्रभावी अंकुश के लिए, यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया जा रहा था। वहीं, साल के शुरूआती छह महीनों में रही हादसे की तेज रफ्तार, इसके बाद के महीनों में क्रमशः घटती चली गई। जनवरी से नवंबर के बीच अगर ओवरआल आंकड़े को देखें तो, इस अवधि में जहां पिछले वर्ष 343 हादसों में 248 जानें गई थीं। वहीं, इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 393 हादसों में 282 मौतों तक पहुंच गई लेकिन यातायात नियमों के प्रति लोगों में बढ़ी जागरूकता के चलते जून माह के बाद से हादसों में गिरावट दर्ज होने लगी।

यातायात माह के आंकडों ने दिया हादसे पर प्रभावी नियंत्रण के संकेत

यातायात माह में जिस तरह से पिछले वर्ष 41 हादसों में 33 मौतों के मुकाबले इस वर्ष महज 27 हादसे और 19 मौत का आंकड़ा, जहां सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुटे महकमे और जिम्मेदारों को बड़ी राहत देने वाला। वहीं, इससे यह माना जाना है कि अगर जागरूकता के साथ ही, हाइवे पर जगह-जगह पर्याप्त संकेतकों और रिफ्लेक्टरों का इस्तेमाल किए जाए तो हादसे में और कमी लाई जा सकती है।


एनएच के मुकाबले, एसएच की स्थिति ज्यादा खराब

हादसे के लिहाज से रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग की हाथीनाला से अनपरा तक की एरिया बेहद संवेदनशील है लेकिन रेणुकूट कस्बे और इसके आस-पास की एरिया को छोड़ दे ंतो अन्य एरिया हादसे के लिहाज से इस वर्ष खासी सुकूनदेह रही है। जगह-जगह संकेतकों की मौजूदगी ने वाहन चला रहे लोगों को सचेत करने में अहम भूमिका निभाई। वहीं, पीपीपी माडल से निर्मित हुए वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर अधिकारियों की सख्ती, सदर विधायक की नाराजगी और पीडब्ल्यूडी मंत्री की फटकार के बावजूद, क्रासिंग और दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील स्थलों पर संकेतकों, ब्रेकरों पर रिफ्लेक्टरों की स्थापना, पट्टिका का अभाव, मुख्यालय सहित अन्य फ्लाईओवरों पर निर्माण के सात वर्ष बाद भी रात में अंधेरे के बीच सफर की स्थिति, हादसों का बड़ा कारण बनी हुई है।

देख-रेख के लिए 20 साल का कांट्रैक्ट, अभी से पड़ गई दरारें

हालत यह है कि 20 साल तक देखरेख का कांट्रैक्ट और इसके बदले हाथीनाला से नरायनपुर के बीच चार जगहों पर टोल प्लाजा स्थापित कर आवागमन का शुल्क वसूली की छूट मिलने के बावजूद, सड़क की हालत यह है कि निर्माण के सात साल के भीतर ही कचूमर निकलने की स्थिति बन गई है। चोपन से लेकर नरायनपुर तक जगह-जगह दरारों की स्थिति, सड़क की बदहाली बयां कर रही हैं। जगह-जगह खुदाई कर होती मरम्मत से लेन निर्धारित करने वाली सफेद लाइनें भी मिटती जा रही हैं। इससे आवगमन में हिचकोलों का सामना तो करना ही पड़ रहा है, सफेद पट्टिका गायब होने से, हादसे की भी स्थिति बन रही है।


जागरूकता ने लगाई हादसों की बढ़ोत्तरी पर लगाम: एएसपी

अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने बताया कि यातायाम नियमों को लेकर लगातार चलाई जा रही जागरूकता मुहिम ने हादसों में हो रही तेज बढ़ोत्तरी पर लगाम लगाने में कामयाबी पाई है। यातायात इस मामले में काफी अच्छा संदेश लेकर सामने आया है। ट्रैफिक पुलिस के साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों के जरिए लोगों को यातायात के प्रति सचेत करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के प्रति लगातार कार्रवाई का क्रम जारी है ताकि हादसों में और कमी लाई जा सके।



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Shashi kant gautam

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