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Sonbhadra: बगैर नंबर प्लेट फर्राटा भरते ट्रकों पर मेहरबानी, ई-रिक्शा पर गाज, ARTO ने संभाली चेकिंग की कमान

Sonbhadra: परिवहन महकमे से मिली जानकारी के मुताबिक निर्धारित रूट से इतर संचालन करने, बगैर रजिस्ट्रेशन चलने, निर्धारित सीमा से अधिक सवारी बैठाने, निर्धारित उम्र से कम वालों द्वारा ई-रिक्शा चलाए जाने को लेकर, सीज एवं ई-चालान किए जाने की कार्रवाई की गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 Oct 2023 8:47 PM IST (Updated on: 27 Oct 2023 10:27 PM IST)
Sonbhadra News
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सोनभद्र में परिवहन विभाग की चेकिंग का एक दृश्य (Social Media) 

Sonbhadra News: अपने दफ्तर के सामने से बगैर नंबर फर्राटा भरने वाले बालू-गिट्टी लदे वाहनों पर मेहरबानी दिखाने वाले परिवहन विभाग के अफसर शुक्रवार (27 अक्टूबर) को सड़कों पर थे। इनके अभियान का निशाना कई ई-रिक्शा चालक बने। जिला मुख्यालय स्थित शहर के स्वर्ण जयंती चौक पर महज तीन से चार घंटे तक चलाए गए अभियान में 12 ई-रिक्शा को सीज करने तथा 35 का ई-चालान करने की कार्रवाई की गई।

विभागीय कर्मियों और यातायात महकमे के निरीक्षक-पुलिस कर्मियों के साथ ARTO धनवीर यादव ने स्वयं इस अभियान की कमान संभाले रखी। इसको लेकर ई-रिक्शा संचालकों में अफरातफरी की स्थिति बनी।

बगैर नंबर फर्राटा भर रहे वाहन, विभाग चुप

आपको बता दें, वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर रात छोड़िए, दिन में भी हर दूसरी-तीसरी ट्रक बगैर नंबर प्लेट के गुजरती नजर आती है। लोढ़ी टोल प्लाजा (Lodhi Toll Plaza) के बाद ये वाहन, एआरटीओ दफ्तर के पास निर्धारित किए गए चेकिंग प्वाइंट से भी गुजरते हैं। लेकिन, बगैर नंबर परिवहन करने वाले चंद वाहनों को छोड़ दें तो अधिकांश वाहनों को लेकर विभाग चुप्पी साधे रहती है। जब इस बारे में खान महकमे के लोगों से बात की जाती है तो उनका कहना होता है कि नंबर प्लेट मामले को देखने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। वहीं, परिवहन विभाग से इस मसले पर बात करने पर जवाब मिलता है कि बीच-बीच में अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। बावजूद जो नजारा देखने को मिलता है, वह चौंका देने वाला होता है।

परिवहन मंत्री भी 'खेल' से हो चुके हैं रूबरू

छह माह पूर्व सोनभद्र के दौरे पर आए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Transport Minister Dayashankar Singh) खुद इस खेल से रूबरू हो चुके हैं। उन्होंने परिवहन विभाग की मौजूदगी में इस खेल को पकड़ा था। कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे। बावजूद सड़क पर बगैर नंबर वाले वाहनों से बालू-गिट्टी ढुलाई का क्रम जारी है।

'अप्लीकेबल फॉर' के जरिए टोल से गुजरती हैं बगैर नंबर प्लेट की ट्रकें

एक तरफ, जहां विभागीय दावों के बीच सड़कों पर बगैर नंबर वाली ट्रकों के फर्राटा भरने का क्रम जारी है। वहीं, टोल प्लाजा पर ऐसी ट्रकों को 'अप्लीकेबल फॉर' (A/F) के नाम पर गुजार दिया जाता है। दिलचस्प मसला यह है कि शो रूम से भी वाहनों के लिए निकासी से पहले 30 दिन के मिलने वाले अस्थायी नंबर का आवंटन कराया जाना जरूरी है लेकिन सोनभद्र के हाईवे से गुजरने वाले वाहनों के लिए ऐसे नियम मायने नहीं रखते।

मंत्री के आगमन की सूचना के मद्देजनर कार्रवाई तो नहीं !

बता दें, दुद्धी में शनिवार (28 अक्टूबर) को आयोजित 'नारी शक्ति वंदन' सम्मेलन में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के आने की उम्मीद है। उनके आगमन की संभावना के एक दिन पूर्व अचानक ई-रिक्शा संचालकों पर बड़ी कार्रवाई, का इस दौरे से तो कोई संबंध नहीं ! इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं। बता दें, टोटा संचालकों के बेतरतीब संचालन, जहां-तहां अचानक से लगते वाहनों के ब्रेक को लेकर लगातार शिकायत बनी हुई थी, लेकिन अचानक से जिस तरह परिवहन महकमे की तरफ से शुक्रवार को सक्रियता सामने आई, उसने लोगों को चौंका कर रख दिया। लोगों का कहना था कि अगर इसी तरह की सक्रियता बगैर नंबर वाले वाहनों से गिट्टी, बालू, कोयला ढुलाई करने वाले वाहनों को लेकर दिखाई जाती तो पासरों को सिंडीकेट पर अंकुश लगने के साथ ही, सरकार को हर माह लगने वाली लाखों के राजस्व की चपत पर भी खासा काबू पा लिया जाता।

इन कमियों को लेकर ई-रिक्शा वाहनों पर कार्रवाई

परिवहन महकमे से मिली जानकारी के मुताबिक निर्धारित रूट से इतर संचालन करने, बगैर रजिस्ट्रेशन चलने, निर्धारित सीमा से अधिक सवारी बैठाने, निर्धारित उम्र से कम वालों द्वारा ई-रिक्शा चलाए जाने को लेकर, सीज एवं ई-चालान किए जाने की कार्रवाई की गई।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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