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Sonbhadra News: दरवाजे पर बैठे व्यक्ति पर तीर- धनुष से बोला था हमला, दो को मिली 10- 10 वर्ष की कैद

Sonbhadra News: सोनभद्र में साढ़े 12 वर्ष पूर्व चचेरे भाई के साथ दरवाजे पर बैठे व्यक्ति के ऊपर गड़ासा और तीर- धनुष से बोले गए हमले के मामले में दोषियों को 10- 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 15 Feb 2024 11:21 PM IST
Two accused of attacking a person sitting at the door with bow and arrow got 10 years imprisonment each
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तीर- धनुष से दरवाजे पर बैठे व्यक्ति पर हमले के दोषी दो को मिली 10- 10 वर्ष की कैद: Photo- Social Media

Sonbhadra News: सोनभद्र में साढ़े 12 वर्ष पूर्व चचेरे भाई के साथ दरवाजे पर बैठे व्यक्ति के ऊपर गड़ासा और तीर- धनुष से बोले गए हमले के मामले में दोषियों को 10- 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। बृहस्पतिवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने मामले की सुनवाई की। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए दोषी बुधिराम उर्फ बुधवंत उर्फ छोट्टन तथा मलुआ अगरिया को 10- 10 वर्ष कैद के साथ 10- 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा ना करने की दशा में 3- 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा। बताया गया कि जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी।

चचेरे भाई के साथ बातचीत में थे मशगूल, तभी बोल दिया गया हमला

अभियोजन कथानक के मुताबिक राजेंद्र पुत्र द्वारिका निवासी खरहरा, अमिला टोला, थाना चोपन ने 10 मार्च 2011 को चोपन थाने पहुंच कर तहरीर दी। इसके जरिए अवगत कराया कि उसके पिता द्वारिका अपने चचेरे भाई के दरवाजे पर बैठकर उनके साथ बातचीत करने में लगे हुए थे थे। तभी शाम सात बजे बजे के करीब बुधिराम उर्फ बुधवंत उर्फ छोट्टन पुत्र राजबली खरवार और मलुआ अगरिया पुत्र प्रकाश उर्फ राम प्रकाश निवासीगण करैलीडाड़ टोला खरहरा, थाना चोपन, आ गए। आरोप लगाया कि दोनों ने आते ही एकाएक गड़ासा और तीर धनुष से उसके पिता द्वारिका पर हमला बोल दिया। बुधिराम जान मारने की बात कहते हुए गड़ासा से कई वार किया।

घटनास्थल पर पहुंचे लोग तो घर की तरफ भागते दिखाई दिए थे दोषी

शोरगुल सुनकर जब लोग मौके पर पहुंचे तो दोनों दोषी अपने घर की तरफ भागते भागते हुए दिखाई दिए। मौके पर पहुंचे राजेंद्र ने घायलावस्था में पड़े अपने पिता को जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया। उसके बाद थाने पहुंचकर प्रकरण की तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर प्रकरण की विवेचना की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया। मामले की सुनवाई करते समय अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों को दृष्टिगत रखते हुए दोषी बुधिराम उर्फ बुधवंत उर्फ छोट्टन तथा मलुआ अगरिया को 10- 10 वर्ष की कैद और 10- 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक की ओर से की गई।



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Shashi kant gautam

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