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Sonbhadra News: यूपी-एमपी के सांसदों ने उठाई आवाज, रेणुकूट से अंबिकापुर के लिए बिछाई जाए नई रेल लाइन
Sonbhadra News: सोनभद्र से राज्यसभा सांसद रामसकल, लोकसभा सांसद पकौड़ी लाल के साथ ही मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र सौंप कर, इसके लिए धन स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया है।
Sonbhadra News: सोनभद्र के रेणुकूट से अंबिकापुर के लिए 144 किमी लंबी नई रेल लाइन बिछाने के मसले को लेकर, जनप्रतिनिधियों की तरफ से भी पल तेज कर दी गई है। सोनभद्र से राज्यसभा सांसद रामसकल, लोकसभा सांसद पकौड़ी लाल के साथ ही मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र सौंप कर, इसके लिए धन स्वीकृत किए जाने का अनुरोध किया है। धन स्वीकृति के साथ, निर्माण कार्य भी शीघ्र हो, इसको लेकर भी आवश्यक पहल अवलंब शुरू किए जाने की मांग की है। रेल मंत्री की तरफ से भी जरूरी पहल का भरोसा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ का प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या से होगा सीधा जुड़ाव
बताया जा रहा है कि नई रेल लाइन के निर्माण के साथ ही जहां, छत्तीसगढ़ के रायपुर से बनारस (वाराणसी), प्रयागराज और अयोध्या से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। वहीं सोनभद्र के साथ ही छत्तीसगढ़ के सरगुजा और अंबिकापुर इलाके के लोगों को कलयुग के बैकुंठ का दर्जा रखने वाले उड़ीसा की धार्मिक पुरी जगन्नाथ पुरी के लिए भी सीधी रेल सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
एनआरयूसीसी की पहल पर सांसदों ने बढ़ाया कदम :
: राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री काउंसिल (एनआरयूसीसी) रेल मंत्रालय के सदस्य श्रीकृष्ण गौतम के अनुरोध पर यूपी और मध्य प्रदेश के सांसदों की तरफ से सोनभद्र के रेणुकूट और छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के मध्य नई रेलवे लाइन बिछाई जाने को लेकर पहला सामने आई है।
सोनभद्र के सांसद पकौड़ी लाल कोल और मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भेज कर पहला का अनुरोध किया है। वहीं, राज्यसभा सांसद रामशकल ने रेल मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर रेणुकूट से अंबिकापुर तक नई रेल लाइन बिछाये जाने तथा निर्माण कार्य के लिए धनराशि स्वीकृत किए जाने की मांग की।
पदयात्रा के जरिए आम नागरिकों ने उठाई थी आवाज:
यूपी के सोनभद्र का दक्षिणांचल जिसकी सीमाएं छत्तीसगढ़ राज्य के अंबिकापुर (सरगुजा )से लगती हैं, उसे रेल मार्ग से जोड़ने की मांग को लेकर, पहली सितंबर को बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों और गणमान्य नागरिकों की टोली ने रेणुकूट स्टेशन से पदयात्रा प्रारंभ कर, 4 सितंबर को अंबिकापुर में इस यात्रा का समापन किया था। बता दें कि इस नई रेल लाइन का लगभग 50 किलोमीटर हिस्सा सोनभद्र में तथा लगभग 100 किलोमीटर हिस्सा छत्तीसगढ़ राज्य के बलरामपुर, सूरजपुर और सरगुजा जिलों में पड़ता है, जिसका सर्वेक्षण कार्य पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर तथा दक्षिण मध्य पूर्व रेलवे विलासपुर की तरफ से लगभग 144 किलोमीटर लंबाई में कराया जा चुका है।
औद्योगिक अंचल के लिए वरदान साबित होगी नई रेल लाइन:
बता दें कि सोनभद्र और जिले से सटा एमपी का सिंगरौली क्षेत्र खनिज संपदा बहुल है। वही छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर एरिया भी खनिज संपदा के मामले में प्रमुख स्थान रखता है। नई रेल लाइन के निर्माण से जहां सोनभद्र और अंबिकापुर एरिया के बीच से एनसीएल और ईसीएल से निकलने वाले कोयला तथा बॉक्साइट का परिवहन आसान हो जाएगा। वहीं एशिया के सबसे बड़े अल्युमिनियम प्लांट रेणुकूट के लिए भी आवश्यक सामग्री की आपूर्ति और माल की ढुलाई आसान हो जाएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के एनर्जी कोरिडोर के अंतर्गत भी यह लाइन प्रस्तावित है। इसका रिटर्न ऑफ रेट भी लगभग 14 प्रतिशत है, जो रेलवे के लिए लाभप्रद है।
हवाई अड्डे से भी होगा प्रस्तावित रेल मार्ग का जुड़ाव:
यह रेल मार्ग म्योरपुर हवाई अड्डे के समीप से भी गुजरेगा। व्यापार को गति मिलेगी, इसके अतिरिक्त शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के लिए भी यह रेल लाइन मील का पत्थर साबित होगी। राष्ट्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री काउंसिल सदस्य श्रीकृष्ण गौतम ने बताया कि वह रेल मंत्रालय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति योजना के संबंधित उच्च अधिकारियों से निरंतर मुलाकात कर रहे हैं और उन्हें इस नई रेल लाइन के निर्माण के औचित्य से अवगत कराकर, शीघ्र मंजूरी दिलाने के लिए प्रयासरत हैं।