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Sonbhadra News: भूजल प्रदूषण को लेकर यूपीपीसीबी का क्षेत्रीय कार्यालय बेफिक्र, डीएम ने मांगा जवाब

Sonbhadra News: राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से अभी तक कोई भी कार्ययोजना तैयार न किए जाने को लेकर डीएम ने खासी नाराजगी जताई। पूछे जाने पर भी संबंधित अधिकारी की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

Kaushlendra Pandey
Published on: 7 Jun 2023 3:51 AM IST
Sonbhadra News: भूजल प्रदूषण को लेकर यूपीपीसीबी का क्षेत्रीय कार्यालय बेफिक्र, डीएम ने मांगा जवाब
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भूजल प्रदूषण को लेकर यूपीपीसीबी का क्षेत्रीय कार्यालय बेफिक्र, डीएम ने मांगा जवाब: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: जिला पर्यावरणीय समिति की बैठक में डीएम चंद्रविजय सिंह ने मंगलवार को नगर निकायों में साफ-सफाई की स्थिति और भूजल प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे उपायों की स्थिति जानी। इस दौरान भूजल में कोबाल्ट, निकिल और लेड के अधिकता की पुष्टि के बाद भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से अभी तक कोई भी कार्ययोजना तैयार न किए जाने को लेकर डीएम ने खासी नाराजगी जताई। पूछे जाने पर भी संबंधित अधिकारी की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस पर डीएम ने जमकर फटकार तो लगाई ही, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण प्रदूषण अधिकारी से इसको लेकर जवाब भी तलब कर लिया। वहीं नगर निकायों में सड़कों-गलियों की साफ-सफाई के लिए सभी अधिशासी अधिकारियों को रोड स्वीपिंग मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

क्षेत्रीय अधिकारी की तरफ से दिया गया गोलमटोल जवाब

इस दौरान वायु प्रदूषण गुणवत्ता सूचकांक को लेकर भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की तरफ से गोलमटोल जवाब दिया गया। बताते हैं कि डीएम ने सूचकांक के संबंध में जानकारी चाही तो प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी द्वारा यह तो बताया गया कि सीएएक्यूएमएस मशीन क्रियाशील है लेकिन इसको लेकर सही आंकड़ा नहीं बताए गए। इसको भी गंभीरता से लेते हुए डीएम ने क्षेत्रीय अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वह इसके संबंध में पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। साथ ही औद्योगिक इकाईयों की तरफ से उत्सर्जित होने वाले फ्लाई ऐश के निस्तारण की क्या स्थिति है और इसको लेकर निर्धारित नियम और दिए गए निर्देशों के अनुपालन की क्या स्थिति है, इसके बारे में, की गई कार्रवाई के विवरण के सथ विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।

इस दौरान डीएम ने नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन की उपलब्धता के बारे में जानकारी मांगी तो बताया गया कि मशीन के क्रय के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इस पर डीएम ने उसे शीघ्र क्रय किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। हिदायत दी कि इसमें किसी भी तरह शिथिलता या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगरपालिका और नगर पंचायतों में एमआरएफ सेंटर के संचालन और प्लास्टिक बेस्ट के निस्तारण के संबंध में जानकारी मांगी तो बताया गया कि एमआरएफ सेंटर क्रियाशील है। रिकवरी सेंटर के माध्यम से प्लास्टिक बेस्ट का निस्तारण कराया जा रहा है। सीडीओ सौरभ गंगवार, डीडीओ शेषनाथ चौहान, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक सहकारिता, सीएमओ आरजी यादव, सहायक निदेशक मत्स्य, जिला कृषि अधिकारी, अपर जिला सूचना अधिकारी विनय कुमार सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

प्रत्येक गांव में सहकारिता से जुड़ी समितियां की जाएं सक्रियः डीएम

डीएम चंद्र विजय सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में नव गठित डिस्ट्रिक्ट को-आपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक के दौरान बताया कि समितियों के आनलाईन डाटा फीडिंग एवं सभी ग्राम पंचायतों में सहकारिता विभाग, दुग्ध विभाग, मत्स्य विभाग (किसी एक विभाग) के समितियों का गठन किया जाना है। वर्तमान में जिले के 621 ग्राम पंचायतों में से महज 118 ग्राम पंचायतों में सहकारिता, दुग्ध एवं मत्स्य विभाग की समितियां क्रियाशील हैं। 511 ग्राम पंचायत में कोई समिति स्थापित नहीं है, जिसमें गठन का कार्य किया जाना है। दुग्ध विभाग, मत्स्य विभाग और सहकारिता विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर नए समिति का गठन करने और निष्क्रिय समितियों को सक्रिय कर सभी ग्राम पंचायतों को सहकारी समितियों से आच्छादित करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।

कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को उपलब्ध कराई जाए दुधारू गायः डीएम

डीएम ने बेसिक शिक्षा, पशु पालन व बाल विकास एवं पुष्टाहार के विभागीय कार्यों के प्रगति के संबंध में ली गई बैठक में आईसीडीएस के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया आंगनबाड़ी केंद्रों पर वायरिंग का कार्य अतिशीघ्र पूर्ण कर लिया जाए। मुख्य पशु चिकित्साधिकरी को निर्देशित किया कि कुपोषित-अति कुपोषित बच्चों के परिवारों को दुधारू गाय देने की कार्यवाही अतिशीघ्र कर ली जाए। इसमें किसी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत विद्यालयों के सौंदर्यीकरण, नये स्कूलों के निर्माण कार्य, पुराने भवनों के मरम्मत कार्य, जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण के संबंध में तेजी लाने के लिए बीएसए और डीपीआरओ को निर्देशित किया।



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