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Sonbhadra News: आउटसोर्सिंग कंपनियों में दलाली-बिचौलियागिरी पर लगे रोक, जिला प्रशासन को पत्रक सौंप विस्थापित परिवारों के 80 फीसद समायोजन की मांग

Sonbhadra News: एनसीएल से जुडी आउटसोर्सिंग कंपनियों में दलाली-बिचौलियागिरी के जरिए चिस्थापितों का हक डकारने का बड़ा आरोप लगाया गया है। मसले को लेकर ऊर्जांचल विस्थापित कल्याण समिति की तरफ से बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन को पत्रक सौंपा गया

Ramkrishna Vajpei
Published on: 6 Feb 2025 6:03 PM IST
Sonbhadra News (Photo Social Media)
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Sonbhadra News: मिनी रत्न कंपनी एनसीएल से जुडी आउटसोर्सिंग कंपनियों में दलाली-बिचौलियागिरी के जरिए चिस्थापितों का हक डकारने का बड़ा आरोप लगाया गया है। मसले को लेकर ऊर्जांचल विस्थापित कल्याण समिति की तरफ से बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन को पत्रक सौंपा गया और मामले में प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की गई। आउटसोर्सिंग कंपनियों में दी जा रही नौकरियों में हो रही कथित बिचौलियागिरी-दलाली पर रोक लगवाते हुए, होने वाले सेवायोजन में विस्थापितों को 80 प्रतिशत समायोजन का हक दिलाने की मांग रखी गई।

- इन आउटसोर्सिंग कंपनियों को लेकर उठा मसला:

समिति के अध्यक्ष हेमंत मिश्रा और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. धर्मवीर तिवारी की अगुवाई में बुहस्पतिवार की दोपहर एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और वहां डीएम को संबाचेधित ज्ञापन एडीएम सहदेव मिश्रा को सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की। कहा कि एनसीएल के खड़िया कोल प्रोजेक्ट में आउट सोर्सिग कंपनी कलिंगा, कमर्शियल कॉपोर्रेशन लिमिटेड, कृष्णशीला प्रोजेक्ट में केएन इंटरनेशनल लिमिटेड आउटसोर्सिंग कंपनी के रूप में कार्य कर रही हैं। इसमें कलिंगा को खड़िया और कृष्णशीला में केएन इंटरनेशनल को अधिभार हटाए जाने का कार्य आवंटित किया गया है।

- नौकरी बेचने के खेल और कोटा की कुप्रथा से दिलाई जाए मुक्ति:

पत्रक के जरिए कहा गया कि आउट सोर्सिंग कम्पनियों में श्रमिको के भर्ती के नाम पर धांधली किए जाने का मामला पूर्व में उजागर होता रही है। साथ ही जनप्रतिनिधियों, नेता, अधिकारियों सहित अन्य को कोटा देने की कुप्रथा भी रही है। समिति के लोगों ने आरोप लगाया कि कथित सामाजिक कार्यकर्ता और आउट सोर्सिग कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरियों को बेचने का भी काम किया जाता है। इसके चलते स्थानीय विस्थापित परिवारों के बेरोजगार युवक समायोजन से वंचित रह जाते है. जबकि एनसीएल के निर्णय के अनुसार विस्थापित परिवार के बेरोजगारों को 80 प्रतिशत सेवायोजन दिया जाना है। इसको लेकर त्वरित पहल की मांग की गई।

- प्रदूषण, पुनर्वास, जनसुविधाओं की भी उठाई आवाज:

कल्याण समिति के लोगों का कहना था कि ऊर्जाचल परिक्षेत्र में कोयला परिवहन, राख परिवहन के कारण औद्योगिक प्रदूषण का स्तर मानक से काफी अधिक है। पुर्नवास गांव के विस्थापित परिवार जिनका नौकरी, प्लाट, दुकान, लंबित प्रतिकर बकाया रह गया उनको दिलाया जाए। साथ ही, मांग की गई कि विस्थापित परिवार के बेरोजगार सदस्यो का एनटीपीसी सिंगरौली तृतीय चरण विस्तार कार्य में समायोजन करााया जाए। पीएपी के संविदा कार्याे को छोटे पैकेज में उपलब्ध कराया जाए। संजीवनी चिकित्सालय एनटीपीसी शक्तिनगर में सभी विस्थापित परिवार के सदस्यो को निःशाुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराई जाए साथ ही आवश्यक चिकित्सकीय सुविधा का विस्तार किया जाए। इसी तरह जनहित से जुड़े कई और मुद्दे जिला प्रशासन के समक्ष रखे गए। इस दौरान जंग बहादुर चौबे, बबलू प्रधान, योगेंद्र सिंह पटेल, पंकज कुमार शुक्ला सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।



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