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Sonbhadra News: जुगाड़ सिस्टम ने सूनी कर दी कोख, गलत ऑपरेशन के चलते निकालनी पड़ी बच्चेदानी, जांच कमेटी गठित
Sonbhadra News:जिले के कई हिस्सों में जुगाड़ सिस्टम से संचालित अस्पतालों के मकड़जाल ने एक महिला की कोख सूनी कर दी। यहां एक गर्भवती महिला का बच्चा पेट में मरा बात कर ऑपरेशन कर दिया गया। स्थिति बिगड़ने पर वाराणसी ले जाया गया जहां डॉक्टर को महिला की बच्चेदानी निकालनी पड़ी।
Sonbhadra News: जिले के कई हिस्सों में जुगाड़ सिस्टम से संचालित अस्पतालों के मकड़जाल ने एक महिला की कोख सूनी कर दी। ताजा मामला करमा थाना क्षेत्र के केकराही से जुड़ा हुआ है। यहां एक गर्भवती महिला का बच्चा पेट में मरा बात कर ऑपरेशन कर दिया गया। स्थिति बिगड़ने पर वाराणसी ले जाया गया जहां डॉक्टर को महिला की बच्चेदानी निकालनी पड़ी।
लगभग पखवाड़े भर चले उपचार के बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन अब वह महिला कभी मां नहीं बन पाएगी। इससे क्षुब्ध परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां शिकायत दर्ज कराई। वहीं, ऑनलाइन शिकायत के जरिए भी कार्रवाई की गुहार लगाई गई। हमले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित कर दी गई है। कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
सदर कोतवाली क्षेत्र के मदार निवासी शैलेंद्र मौर्य ने स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों को भेजी शिकायत में कहा है कि उसने गर्भवती पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराया था तो बच्चा ठीक था। 22 सितंबर को उसे अचानक से तेजी से रक्तस्राव शुरू हो गया। परिवार के लोग उसे केकराही क्षेत्र स्थित लाइफ केयर नामक एक कथित हॉस्पिटल में ले गए। आरोप है कि वहां मौजूद कथित चिकित्सक और अस्पताल कर्मियों ने कहा कि बच्चा पेट में ही मर चुका है। ऑपरेशन करना पड़ेगा। उनकी बातों में आकर परिवार वालों ने ऑपरेशन की सहमति दे दी। ऑपरेशन के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। उपचार के लिए वाराणसी ले जाया गया। चिकित्सक ने गलत तरीके से ऑपरेशन करने के चलते काफी इंफेक्शन हो जाने की बात बताते हुए बच्चेदानी निकाल दी।
गठित की गई है कमेटी, किया जा रहा है रिपोर्ट का इंतजार
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अश्विनी कुमार ने बताया कि मामले में जो शिकायत मिली है उसके क्रम में जांच कमेटी गठित कर दी गई है। रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है जांच में जो भी चीजें सामने आएंगी उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी। उधर ऑनलाइन की गई शिकायत के क्रम में केकराही पीएचसी प्रभारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
मामले की सेटिंग ठप कर देती है स्वास्थ्य महकमे की जांच
एक तरफ जहां दूसरे जगह के डॉक्टरों को जोड़कर जुगाड़ सिस्टम से कई अस्पताल चलाए जा रहे हैं। वहीं घटना होने के बाद भी सेटिंग का ऐसा जुगाड़ सेट किया गया है कि मरीज को पैसे का लालच और स्थानीय स्तर से दबाव देकर, बयान पलटवा दिया जाता है। यहीं कारण है कि कई बार मामले का स्वत: संज्ञान लेकर आगे बढ़ी स्वास्थ्य महकमे की टीम को बगैर किसी कार्रवाई के, जांच की फाइल बंद करनी पड़ती है। कई बार शिकायतकर्ता भी मैनेज हो जाते हैं जिससे जांच आगे नहीं बढ़ पाती। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अश्विनी कुमार ने बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए टीम को पहले पीड़ित पक्ष का बयान दर्ज करने के लिए कहा गया है ताकि जांच सही तरीके से आगे बढ़ सके।