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Sonbhadra News: काशी विद्यापीठ के प्राध्यापकों-विद्यार्थियों के बीच हाथापाई, प्रैक्टिकल के नंबर को लेकर हुआ विवाद, वीडियो वायरल
Sonbhadra Video Viral: कुछ देर की कहा सुनी के बाद हाथापाई शुरू हो गई। वहां मौजूद कुछ दूसरे छात्रों ने विवाद का वीडियो बना लिया।
Sonbhadra News in Hindi: सोनभद्र, शक्तिनगर थाना क्षेत्र स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एनटीपीसी कैंपस में छात्रों और प्राध्यापकों के बीच प्रैक्टिकल के नंबर को लेकर विवाद और इसके चलते हाथापाई का मामला सामने आया है। छात्र अवधूत भगवान राम पीजी कॉलेज अनपरा के बताए जा रहे हैं। वहीं, घटना शनिवार की विद्यापीठ कैंपस की बताई जा रही है। इसको लेकर रविवार की दोपहर वीडियो भी वायरल होते रहे। हालांकि बाद में दोनों शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य के बीच हुई वार्ता के बाद मामला शांत हो गया। पुलिस की तरफ से भी कुछ गलतफहमियों के चलते विवाद की स्थिति बनने और दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति पर विवाद समाप्त होने की बात कही जा रही है।
बताते चले कि अवधूत भगवान राम पीजी कॉलेज का परीक्षा केंद्र शक्तिनगर स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एनटीपीसी कैंपस में गया हुआ है। बताया जा रहा है कि शनिवार को विद्यालय में प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की गई थी। बताते हैं कि इसी दौरान प्रैक्टिकल में नंबर के मसले को लेकर कुछ छात्रों और एक प्राध्यापक के बीच बहस की स्थिति बन गई। कुछ देर की कहा सुनी के बाद हाथापाई शुरू हो गई। वहां मौजूद कुछ दूसरे छात्रों ने विवाद का वीडियो बना लिया। जैसे ही यह मामला दोनों संस्थाओं के प्राचार्य के संज्ञान में आया हस्तक्षेप कर प्रकरण को शांत करा दिया गया। रविवार की दोपहर इस विवाद से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ तो तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई।
छात्रों से पूछताछ के दौरान वीडियो बनाए जाने पर हुआ था विवाद : पुलिस
उधर इस मसले पर पुलिस का कहना है कि अवधूत भगवान राम पीजी कॉलेज के बच्चों द्वारा 25 जनवरी यानी शनिवार को प्रैक्टिकल के नंबर को लेकर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ कॉलेज के प्राध्यापक से से पूछताछ के दौरान छात्रों द्वारा वीडियो बनाया जा रहा था। इसी को लेकर कहासुनी/वाद-विवाद की स्थिति बनी थी। दोनों कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा आपस में बातचीत कर स्थानीय पुलिस प्रशासन को मौखिक यह अवगत कराया गया कि उन लोगों में कुछ मिस अंडरस्टैंडिंग होने के कारण वाद-विवाद हुआ था परंतु संस्थान की आपसी बातचीत होने के कारण एक दूसरे के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं चाहते। न ही इस संबंध में कोई प्रार्थना पत्र ही पुलिस या थाने को उपलब्ध कराया गया है। अगर इस संबंध में कोई तहरीर मिलती है तो आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।