Sonbhadra News: पौधरोपण वाली जमीन पर तान दिए गए मड़हे, संबंधित बेफिक्र, ग्रामीणों ने उठाए सवाल, वीडियो वायरल

Sonbhadra News: राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज और कृषि विभाग के गोदाम के सामने स्थित सरकारी जमीन पर चंद दिन में कई मड़हे ताने जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 8 Jun 2024 2:56 PM GMT
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पौधरोपण वाली जमीन पर बनायी गई झोपड़ियाँ ग्रामीणों ने उठाए सवाल: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: बारिश का समय नजदीक आने से जहां एक ओर पौधरोपण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। वहीं, दूसरी तरफ ग्राम पंचायतों में वन ग्राम के तहत किए गए पौधरोपण के कागजी देखरेख के चलते उजाड़ हुई जमीन और पौधरोपण के लिए चिन्हित स्थलों पर, अवैध कब्जे की शिकायतें सामने आने के बाद हड़कंप की स्थिति बनने लगी है।

ताजा मामला ओबरा तहसील अंतर्गत चोपन इलाके के सिंदुरिया ग्राम पंचायत का है। यहां राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज और कृषि विभाग के गोदाम के सामने स्थित सरकारी जमीन पर चंद दिन में कई मड़हे ताने जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों की ओर से इसको लेकर आवाज उठने लगी है। हालांकि अभी तक कब्जे को हटाने की कोई पहल सामने नहीं आई है। ग्रामीणों की ओर से कब्जे तथा संबंधितों की ओर से बरती जा रही उदासीनता को लेकर कई वीडियो भी वायरल किए जाने की बात सामने आई है।

ग्रामीणों के मुताबिक सिंदुरिया ग्राम पंचायत के बगीचे के पास खाली पड़ी इस जमीन का पौधरोपण के लिए चिन्हीकरण किया गया है। यहां राज्यमंत्री सहित जिले के कई बड़े नेता पौधरोपण कर तस्वीर भी सोशल मीडिया हैंडलों पर पोस्ट कर चुके हैं। बावजूद इस स्थल पर ताने जा रहे मड़हों को लेकर उदासीनता की स्थिति बनी हुई है। ग्रामीणों की तरफ इसको लेकर कई वीडियो भी वायरल किए जा रहे हैं।

जमीन ग्राम पंचायत की या वन विभाग की, अभी नहीं हो चुका है स्पष्ट: प्रधान

वायरल वीडियो में जहां कब्जे में जुटे लोग, निवास के लिए जगह बनाने के निमित्त मड़हे तानने की बात स्वीकार कर रहे हैं। वहीं, इस बारे में एक और कथित वायरल वीडियो में ग्राम पंचायत के प्रधान बताए जा रहे रामनगीना नामक व्यक्ति द्वारा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों द्वारा स्वयं से खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमण किया जा रहा है। जमीन सरकारी है लेकिन यह वन विभाग की है या ग्राम पंचायत के स्वामित्व की है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि इसी कब्जे वाली एरिया के पास ग्राम पंचायत की ओर से समरसेबल की स्थापना के साथ ही खाली पड़ी एरिया के दोनों तरफ ग्राम वन लगाया गया है। उनकी ओर से कब्जा हटवाने/हटाने की कोई पहल क्यूं नहीं हो सकी, इसका कोई जवाब नहीं मिल सका।

टावरों के नीचे भी ताने गए मड़हे, हादसे का खतरा

सोन नदी किनारे स्थित पठारनुमा जमीन पर सड़क के किनारे और टावरों के नीचे भी मड़हा ताने जाने का मामला सामने आया है। सूखे सरंकंडों के ताने गए मड़हों और भीषण तपिश को देखते हुए, इसको लेकर हादसे का भी अंदेशा जताया रहा है। उधर, ग्रामीणों की ओर से इसको लेकर क्षेत्रीय लेखपाल अवधेश तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कब्जा गलत होने की बात स्वीकार की लेकिन इसको लेकर, कोई पहल क्यों नहीं जा रहा, इसका जवाब नहीं मिल सका।



घोटाले की भेंट चढ़ चुके हैं ग्राम वन, जिम्मेदार बेफिक्र

पिछले वर्ष 24 ग्राम पंचायतों में ग्राम वन लगाए गए थे । प्रत्येक वन ग्राम पर लगभग पांच लाख की धनराशि भी खर्च हुई थी लेकिन अधिकांश ग्राम पंचायतों में वन ग्राम घपले की भेंट चढ़ गए। जहां लगाए गए पौंधों की कीमत कई गुना ज्यादा दिखाई गई, वहीं जिन जगहों पर पौधे लगाए भी गए वह स्थल देखरेख के अभाव में घास के मैदान में तब्दील हो गए। महज छह माह बाद भी सामने आई इस स्थिति से संबंधित अफसरों को अवगत भी कराया गया लेकिन मामले की जांच कराने की बात कहकर चुप्पी साध ली गई। अब एक बार फिर से पौधरोपण को लेकर तैयारियां हो रही हैं, ऐसे में क्या एक बार फिर, ग्राम वन सरीखे नए घोटाले की भी पृष्ठभूमि रची जा रही है, इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

Shashi kant gautam

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