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Sonbhadra News: मौसम की हर पल मिलेगी अपडेट, गांव-ब्लाक-तहसील स्तर पर लगाए गए आटोमैटिक संयंत्र
Sonbhadra News : पूरे प्रदेश में जल्द ही, तापमान, वर्षा, सर्दी की स्थिति को लेकर गांव, ब्लाक और तहसील स्तर पर पल-पल की अपडेट मिलनी शुरू हो जाएगी।
Sonbhadra News: सोनभद्र सहित पूरे प्रदेश में जल्द ही, तापमान, वर्षा, सर्दी की स्थिति को लेकर गांव, ब्लाक और तहसील स्तर पर पल-पल की अपडेट मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए जहां सोनभद्र में चारों तहसीलों, दसों ब्लाकों सहित 30 जगहों पर आटोमैटिक संयंत्र स्थापित किए गए हैं। वहीं, पूरे प्रदेश में लगभग 20 करोड़़ की लागत से 2450 स्थलों पर संबंधित संयंत्र की स्थापना करते हुए, सत्यापन का कार्य शुरू कर दिया गया है। सत्यापन के लिए जिलों में टीमें भी पहुंच गई हैं। हैदराबाद की फर्म के जरिए कराए गए कार्य के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और मौसम वैज्ञानिकों को सौंपी गई है। सोनभद्र में सत्यापन के लिए बृहस्पतिवार को टीम पहुंचेगी। यहां शुक्रवार से सत्यापन की शुरूआत होगी। माना जा रहा है कि नवंबर से संयंत्रों का संचालन शुरू हो जाएगा।
राजस्व महकमे की तरफ से जिले में कुल 26 आटोमैटिक रेनगेज (एआरजी) स्थापित किए गए हैं। इसमंे प्रत्येक ब्लाक में दो-दो, तहसील मुख्यालय से दूरी रखने वाले चार नगर निकायों में एक-एक, जिला मुख्यालय पर एक और ब्लाक को कवर करने वाले दूरस्थ ग्राम पंचायत में एक संयंत्र स्थापित किया गया है। इसके जरिए वर्षा के आंकड़ों के साथ ही, हवा के बहाव की स्थिति की स्वतः अपडेट आपदा प्रबंधन विभाग को मिलती रहेगी। इसके अलावा जिले के चारों तहसील मुख्यालयों पर एक-एक आटोमैटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) स्थापित किए गए हैं। इसके जरिए वर्षा की स्थिति, हवा की गति के साथ ही, तापमान के उतार-चढ़ाव, ह्यूमिनिटी के बारे में, पल-पल की जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग को मिलती रहेगी।
यह है संयंत्रों की लागत
बताया जा रहा है कि संयंत्र स्थापना का कार्य हैदराबाद के एक संस्था की तरफ से कराया गया है। प्रत्येक आटोमैटिक रेज गेज की लागत एक लाख 60 हजार और प्रत्येक आटोमैटिक वेदर स्टेशन की लागत साढ़े तीन लाख निर्धारित है। बताया जा रहा है कि सत्यापन में सब कुछ ओके मिला तो दीपावली बाद इन संयंत्रों को हैंडओवर लेते हुए संचालन शुरू किया जा सकता है। अगर खामियां मिलीं तो उसे दुरूस्त किए जाने के बाद ही, हैंडओवर लेने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
कृषि महकमा भी लगाएगा 593 ग्राम पंचायतों में संयंत्र
गांव-गांव से मौसम की आटोमैटिक अपडेट मिलती रहे, इसके लिए कृषि महकमे की तरफ से 593 ग्राम पंचायतों में आटोमैटिक रेन गेज के स्थापना की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस कार्य में कृषि महकमे के साथ पंचायती राज महकमे की भी सहभागिता देखने को मिलेगी। संयंत्रों के स्थापना के लिए स्थल चयन का काम पूर्ण कर मंजूरी के लिए निदेशालय को भेज दिया गया। वहां से मंजूरी मिलते ही, संयंत्र स्थापना की कवायद आगे बढ़ा दी जाएगी। कृषि विभाग को कार्य के नोडल का दायित्व सौंपा गया है।
एसडीएम संभालेंगे सुरक्षा-निगरानी का दायित्व
स्थापित संयंत्रों के सुरक्षा और संचालन क निगरानी का दायित्व एसडीएम संभालेंगे। प्रत्येक माह की तीन तारीख को संयंत्रों के क्रियाशीलता की रिपोर्ट शासन को भेजनी होगी। वहीं, संयंत्र स्थापित करने वाली फर्म/कंपनी को दो वर्ष तक ऑन साइट कंप्रिहेंसिव वारंटी दी जाएगी और पांच साल तक मेंटीनेंस सेवा प्रदान करनी होगी। उपकरणों के खराबी की सूचना पर 48 घंटे के भीतर संबंधित फर्म को उसे क्रियाशील करना होगा।