Sonbhadra: संदिग्ध हालत में खेत में मिली थी पत्नी की लाश, जहरीले पदार्थ सेवन की हुई पुष्टि, दोषी पति को 10 वर्ष की कैद

Sonbhadra Crime News: तीन वर्ष पूर्व संदिग्ध हाल में खेत में मिली लाश और पोस्टमार्टम में जहरीले पदार्थ के सेवन से मौत की पुष्टि मामले में पति को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 31 Oct 2023 4:05 PM GMT
Sonbhadra Crime News
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प्रतीकात्मक चित्र (Social media) 

Sonbhadra Crime News: तीन वर्ष पूर्व संदिग्ध हाल में खेत में मिली लाश और पोस्टमार्टम में जहरीले पदार्थ के सेवन से मौत की पुष्टि मामले में मंगलवार (31 अक्टूबर) को पति को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। मामला म्योरपुर थाना क्षेत्र के बभनडीहा गांव की शांति देवी हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। आज अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने मामले की सुनवाई की।

अधिवक्ताओं की दलीलों और पत्रावली में उपलक्ष्य साक्ष्यों के आधार पर पति मुन्नालाल गौड़ को दोषी पाया गया है और उसे 10 वर्ष की कैद तथा 11 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतने का आदेश पारित किया गया।

क्या है मामला?

अभियोजन कथानक के मुताबिक, किशुन देव पुत्र स्व. रामबदी गौड़ निवासी बलियारी, थाना म्योरपुर ने गत 30 जून 2020 को म्योरपुर थाने पहुंचकर एक तहरीर सौंपी। इसके जरिए अवगत कराया कि उसकी बहन शांति देवी की शादी म्योरपुर थाना क्षेत्र के बभनडीहा गांव निवासी मुन्नालाल गौड़ पुत्र रामलखन गौड़ के साथ की गई थी। 30 जून 2020 को उसे सूचना मिली कि उसकी बहन की लाश खेत में पड़ी हुई है। वह, वहां परिवार के लोगों के साथ पहुंचा तो देखा कि बहन की लाश खेत में पड़ी हुई थी।

भांजे ने दी थी शराब के नशे में मारपीट की जानकारी

किशुन के अनुसार, जब उसने भांजे से पूछा तो पता चला कि 29 जून, 2020 की रात मुन्नीलाल गौड़ ने शराब पीकर, उसकी बहन के साथ मारपीट की थी। मामले में पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम कराया तो जहरीले पदार्थ के सेवन की पुष्टि हुई। मायके पक्ष का आरोप है कि पति के आए दिन मारपीट से तंग आकर शांति ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर खुदकुशी कर ली। विवेचना में पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए संबंधित धाराओं में मामले की चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। जहां मामले की सुनवाई के दौरान मुन्नीलाल को दोषी पाया गया। प्रकरण में दोषसिद्ध पाते हुए दोषी को 10 वर्ष की कैद व 11 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। मामले के विचारण के दौरान जेल में बिताई अवधि को सजा में समाहित किया जाएगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने मामले की पैरवी की।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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