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Sonbhadra News: छठ पर्व के लिए घाट पर गई महिला की डूब कर मौत, बेदी बनाने के बाद नहाते समय हुआ हादसा
Sonbhadra News: बताया जा रहा है कि यहां बेदी बनाने के बाद वह स्नान के लिए ओबरा डैम में उतर गईं। नहाते समय पांव फिसलने के चलते अचानक से गहरे पानी में चली गईं। जब तक उनकी तरफ किसी का ध्यान जाता तब तक वह गहराई में समा चुकी थी।
Sonbhadra News: चोपन थाना क्षेत्र के पनारी ग्राम पंचायत में छठ पर्व के लिए बुधवार की शाम ओबरा डैम किनारे स्थित घाट पर गई महिला की डूब कर मौत हो गई । घटना घाट पर बेदी बनाने के बाद डैम में नहाते समय घटी। उम्मीद वश परिवार वाले व्रती महिला को लेकर रात में चोपन सीएचसी पहुंचे जहां चिकित्सकों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।
बताते हैं कि चोपन थाना क्षेत्र के पनारी ग्राम पंचायत के टोला बगबैसा की रहने वाली मालती पत्नी जितेंद्र यादव छठ पूजा को लेकर बेदी बनाने के लिए बुधवार शाम लगभग 5.30 बजे ओबरा डैम किनारे गई हुई थी। बताया जा रहा है कि यहां बेदी बनाने के बाद वह स्नान के लिए ओबरा डैम में उतर गईं। नहाते समय पांव फिसलने के चलते अचानक से गहरे पानी में चली गईं। जब तक उनकी तरफ किसी का ध्यान जाता तब तक वह गहराई में समा चुकी थी। ग्रामीणों की मदद से कुछ देर बाद किसी तरह महिला को बाहर निकाला गया। इसके बाद आनन-फानन में चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां देखते ही डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की कार्रवाई में जुट गई।
छठ पूजा के लिए चिन्हित नहीं की गई थी घाट वाली जगह : एएसपी
अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने कहा कि नहाते समय ओबरा डैम में डूबने के कारण महिला के मौत की जानकारी मिली है। पुलिस शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई में जुटी हुई है। ओबरा डैम से जुड़ी एरिया कई किलोमीटर में फैली हुई है। जिस जगह घटना हुई, उस जगह को छठ पूजा घाट के रूप में चिन्हित नहीं किया गया था। ग्राम प्रधानों और चौकीदारों से कहा गया है कि ऐसी जगह छठ पूजा न करने के लिए लोगों को समझाया जाए जिस जगह को पूजा घाट के रूप में चिन्हित न किया गया हो।
खरना की रस्म पूरी करने गई थी व्रती महिला
बताया जा रहा है कि बुधवार को व्रती महिला छठ पर्व से जुड़ी खरना रस्म के क्रम में, बच्चे बनाने के लिए घाट पर गई हुई थी। बताते चलें कि छठ पर्व का मुख्य पर्व षष्ठी तिथि को मनाया जाता है लेकिन इसका प्रारंभ चतुर्थी के दिन नहाय खाय की रस्म से किया जाता है। इस बार नहाय खाय की परंपरा मंगलवार को मनाई गई। दूसरे दिन व्रती महिलाओं ने पूरे दिन निर्जला रहकर शाम को खरना की रस्म अदा की। इसी के साथ 36 घंटे का कठिन व्रत शुरू हो गया । 7 नवंबर यानी बृहस्पतिवार को अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर मुख्य छठ पर्व मनाया जाएगा। 8 नवंबर को प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ पर्व का समापन होगा।