×

राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने पर सोनिया चुप, शिविर में होगा 'चिंतन'

Rishi
Published on: 1 Jun 2016 7:03 PM GMT
राहुल को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने पर सोनिया चुप, शिविर में होगा चिंतन
X

रायबरेलीः राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद सौंपने के बारे में सोनिया गांधी ने बुधवार को चुप्पी साध ली। अपने संसदीय क्षेत्र के दो दिन के दौरे पर आईं सोनिया से इस बारे में सवाल पूछा गया था। इस बीच, खबरें हैं कि कांग्रेस एक चिंतन शिविर कर सकती है। जिसमें वरिष्ठ नेताओं के विचार जानने के बाद राहुल को कमान सौंपे जाने के बारे में सोनिया फैसला करेंगी।

सवाल पर क्या रही सोनिया की प्रतिक्रिया?

-रायबरेली में पत्रकारों ने सोनिया से पूछा कि क्या राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाएगा।

-सोनिया ने इस सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया।

-वह गाड़ी में बैठकर वहां से चली गईं।

यह भी पढ़ें...हार पर हाहाकारः दिग्गी बोले- सर्जरी जरूरी, थरूर-सिंधिया भी खफा

चिंतन शिविर के बाद हो सकता है फैसला

-सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान एक चिंतन शिविर करने के बारे में सोच रहा है।

-कांग्रेस शासित राज्यों में से एक में ये चिंतन शिविर किया जाना है।

-चिंतन शिविर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय जानकर सोनिया लेंगी फैसला।

यह भी पढ़ें...अमरिंदर बोले- 70 की हो गईं सोनिया, अब राहुल को दें कांग्रेस की कमान

क्यों पड़ी चिंतन शिविर की जरूरत?

-हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे।

-चार राज्यों में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई थी।

-महासचिव दिग्विजय सिंह ने बड़ी सर्जरी किए जाने की मांग की थी।

-शशि थरूर और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी युवाओं को मौका देने की बात कही थी।

-पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरिंदर सिंह भी राहुल को मौका देने की मांग कर चुके हैं।

2013 में राहुल बनाए गए थे उपाध्यक्ष

बता दें कि साल 2013 के जनवरी में जयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर हुआ था। उस वक्त राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था। इससे पहले 1998 से लेकर सोनिया गांधी ही सबकुछ देखती रहीं। राहुल को उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही पार्टी की हालत हर साल खराब होती गई है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story