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सपा MLC ने दी मुहर्रम की बधाई, इमाम ने कहा- इस्लाम में नहीं इसका स्थान
बाराबंकीः समाजवादी पार्टी के विधायकों में आखिर कितनी अज्ञानता है यह शायद किसी साधारण आदमी की समझ से परे है अभी पिछले दिनों बाराबंकी के एक विधायक ने कैमरे पर भारत का राष्ट्रगान गलत सुनाया और इसके रचयिता महात्मा गांधी को बता दिया था। तो अब उनसे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए समाजवादी पार्टी के एमएलसी और सीएम अखिलेश यादव के करीबी ने जिले वासियों को मुहर्रम की शुभकामनाएं दे डाली।
एमएलसी के इस कृत्य पर बाराबंकी शहर इमाम ने कहा कि इस्लाम में मुहर्रम की बधाई का कोई स्थान नहीं है। सपा ने एमएलसी पर जानकारी ना होने की बात कहकर बचाव किया तो वहीं भाजपा ने इसे समाजवादी पार्टी की मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करार दिया है।
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होर्डिंग बनीं चर्चा का विषय
-बाराबंकी के शहर भर में एक होर्डिंग इस समय चर्चा का विषय बन है।
-यह होर्डिंग एमएलसी राजेश यादव उर्फ़ राजू की ओर से लगायी गई है।
-इस होर्डिंग में दशहरा-दीवाली के साथ मुहर्रम की शुभकामनाएं दी गई है।
-मुलायम सिंह यादव, सीएम के साथ इस होर्डिंग में स्थानीय नेताओं को भी जगह दी गई है।
क्या कहते हैं इमाम मौलाना अबुजर?
-इस्लाम में मुहर्रम की बधाई का कोई स्थान नहीं है।
-यह एक एहतेराम और इबादत का महीना है।
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-इसमें ज्यादा से ज्यादा इबादत होनी चाहिए।
-अगर किसी के द्वारा ऐसी बधाई दी जाती है तो वह पूरी तरह से गलत है।
क्या कहते हैं वरिष्ठ समाजवादी नेता मोहम्मद वसीम राईन?
-इस्लाम में मुहर्रम की बधाई नहीं होती है लेकिन शायद एमएलसी साहब को इसकी जानकारी नहीं है।
-वर्ना वह ऐसा नहीं करते। यह अज्ञानतावश हुआ है।
क्या कहते हैं भाजपा नेता विवेकानंद पांडेय?
-इन नेताओं को पता ही नहीं है कि मुहर्रम में बधाई दी जाती है या नहीं।
-समाजवादी पार्टी हमेशा से मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करती है।
-यह होर्डिंग भी उसी वोट बैंक की राजनीति का परिणाम है।
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-हम सब बचपन से ही देखते आ रहे हैं कि मुहर्रम में मुस्लिम भाई मातम मनाते दिखाई देते है।
-इस गमी के महीने में बधाई देना घोर अज्ञानता है।
मामला कुछ भी हो मगर एमएलसी द्वारा मुहर्रम की बधाई की होर्डिंग लगाना लोगों में कौतूहल का विषय जरूर बन गया है।